रांचीः चाईबासा में नक्सल ऑपरेशन के दौरान बेगुनाह ग्रामीण मंगल होनहागा की मौत (Mangal Honhaga murdered in Chaibasa) के मामले में सीआरपीएफ के असीस्टेंड कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास की मुसीबत बढ़ सकती है. इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सीआईडी ने विधि विभाग से चार्जशीट दायर करने को लेकर मंतव्य मांगा था. विधि विभाग ने अपना मंतव्य भेज दिया है, जिसमें चार्जशीट दायर करने का निर्देश दिया है.
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चाईबासा नक्सल प्रभावित वाले सारंडा के बलिबा गांव में ग्रामीण मंगल होनहागा की हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड के बाद ग्रामीण सीआरपीएफ पर हत्या का आरोप लगाये थे. लेकिन हत्याकांड के बाद 30 जून 2011 को सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास ने छोटानागरा थाने में एक एफआइआर दर्ज कराई. एफआइआर में मंगल होनहागा की हत्या का आरोप 100 अज्ञात माओवादियों पर लगाया गया था.
मंगल होनहागा की पत्नी मंगरी होनहागा ने अपने दिए बयान में बताया था कि 28 जून 2011 को उसके पति खेत से काम करके लौटे थे. इस दौरान सीआरपीएफ और पुलिस के जवान बलिबा गांव पहुंचे और 20-22 ग्रामीणों के हाथ पीछे बांध दिए. इसके बाद पूरी रात खुले आसमान के नीचे सभी को रखा. 29 जून को सुरक्षाबल के लोग सभी को पैदल जंगल के रास्ते ले गए. 1 जुलाई को बाहदा जंगल में मंगल होनहागा को गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई.
साल 2011 में मंगल होनहागा की हत्या का आरोप सीआरपीएफ पर लगा था. घटना के समय तत्कालीन सीआईडी एडीजी रेजी डुंगडुंग ने मामले में सीआरपीएफ की भूमिका पर सवाल उठाए थे. बाद में सीआईडी ने जांच में पाया था कि शंभू कुमार विश्वास की गोली से ही मंगल की मौत हुई थी.