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दलबदल मामले में स्पीकर नहीं ले सकेंगे स्वत: संज्ञान, आम लोगों को मिलेगा अधिकार - झारखंड खबर

दलबदल मामले में अब स्पीकर स्वत: संज्ञान नहीं ले सकेंगे. झारखंड विधानसभा ने संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दलबदल मामले में याचिका दायर करने के अधिकार को और विस्तार देने की तैयारी की है. अब दलबदल मामले में याचिका देने का अधिकार आम लोगों को भी मिलने जा रहा है.

Jharkhand Legislative Assembly
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Published : Mar 8, 2022, 9:51 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत दलबदल मामले में याचिका दायर करने के अधिकार को और विस्तार देने की तैयारी की है. अब आम लोग भी दलबदल मामले से जुड़ी याचिका स्पीकर के न्यायाधिकरण में दे सकेंगे. दूसरी तरफ दलबदल मामले में स्पीकर को स्वत: संज्ञान लेने के अधिकार को विलोपित कर दिया जाएगा. झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमिटी ने इस बाबत एक प्रस्ताव मंगलवार को विधानसभा के पटल पर रखा.

ये भी पढ़ें- ग्रामीण विकास विभाग का बजट ध्वनि मत से पारित, विधायक मद की राशि बढ़ाने के सरकार ने दिए संकेत

भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने बताया कि इस प्रस्ताव पर विधानसभा सदस्यों से 14 मार्च तक संसोधन मांगा गया है. उन्होनें कहा कि इस मसले पर कमिटी की तीन दौर की बैठक हुई है. इस दौरान कई बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई है. उन्होंने बताया कि साल 2016 में दलबदल मामले में स्पीकर को स्वत संज्ञान लेने के बाद नियमावली में जोड़ी गई थी.

बैठक में इसे विलोपित करने पर सहमति बनी है. उन्होनें कहा कि उनके द्वारा समिति की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया कि दलबदल मामले में आम नागरिकों को स्पीकर को न्यायाधिकरण में याचिका डालने का अधिकार मिलना चाहिए. यदि यह होता है तो जनता को भी यह अधिकार मिल जाएगा कि वह अपने जनप्रतिनिधि को दल बदलने पर न्यायाधिकरण के समक्ष खड़ा कर सकेंगे.

आम नागरिक को जो मतदान का अधिकार मिला है, इसके लागू होने से उनका अधिकार और मजबूत होगा. आपको बता दें कि दलबदल कानून के तहत स्पीकर के न्यायाधिकरण में विधायक और सांसद ही याचिका दायर कर सकते थे. विधानसभा से यह प्रस्ताव पारित होने पर आम नागरिक को दलबदल करने वाले विधायकों को सबक सिखाने का एक बड़ा हथियार मिल जाएगा.

रांची: झारखंड विधानसभा ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत दलबदल मामले में याचिका दायर करने के अधिकार को और विस्तार देने की तैयारी की है. अब आम लोग भी दलबदल मामले से जुड़ी याचिका स्पीकर के न्यायाधिकरण में दे सकेंगे. दूसरी तरफ दलबदल मामले में स्पीकर को स्वत: संज्ञान लेने के अधिकार को विलोपित कर दिया जाएगा. झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमिटी ने इस बाबत एक प्रस्ताव मंगलवार को विधानसभा के पटल पर रखा.

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भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने बताया कि इस प्रस्ताव पर विधानसभा सदस्यों से 14 मार्च तक संसोधन मांगा गया है. उन्होनें कहा कि इस मसले पर कमिटी की तीन दौर की बैठक हुई है. इस दौरान कई बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई है. उन्होंने बताया कि साल 2016 में दलबदल मामले में स्पीकर को स्वत संज्ञान लेने के बाद नियमावली में जोड़ी गई थी.

बैठक में इसे विलोपित करने पर सहमति बनी है. उन्होनें कहा कि उनके द्वारा समिति की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया कि दलबदल मामले में आम नागरिकों को स्पीकर को न्यायाधिकरण में याचिका डालने का अधिकार मिलना चाहिए. यदि यह होता है तो जनता को भी यह अधिकार मिल जाएगा कि वह अपने जनप्रतिनिधि को दल बदलने पर न्यायाधिकरण के समक्ष खड़ा कर सकेंगे.

आम नागरिक को जो मतदान का अधिकार मिला है, इसके लागू होने से उनका अधिकार और मजबूत होगा. आपको बता दें कि दलबदल कानून के तहत स्पीकर के न्यायाधिकरण में विधायक और सांसद ही याचिका दायर कर सकते थे. विधानसभा से यह प्रस्ताव पारित होने पर आम नागरिक को दलबदल करने वाले विधायकों को सबक सिखाने का एक बड़ा हथियार मिल जाएगा.

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