रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की ओर से शिक्षा पदाधिकारियों से पंजीकृत विद्यार्थियों की सूची मांगी गई है, साथ ही किस आधार पर परीक्षाफल प्रकाशित की जाए, इसे लेकर एक रिपोर्ट भी तैयार करने को कहा गया है. सोमवार को सभी जिलों से झारखंड एकेडमिक काउंसिल को रिपोर्ट भेजी गई है. इस रिपोर्ट के आधार पर विचार-विमर्श कर फैसला लिया जाएगा.
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झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा परिणाम को लेकर विचार-विमर्श का दौर जारी है. 7 जून को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द होने को लेकर जानकारी दी थी. उसके बाद उन्होंने कहा था कि सीबीएसई और अन्य राज्य बोर्ड के साथ-साथ ही जैक का रिजल्ट भी जारी कर दिया जाए, ताकि विद्यार्थियों को अन्य विश्वविद्यालयों और राज्य के विश्वविद्यालयों में नामांकन लेने में कोई परेशानी ना हो. अब परीक्षा परिणाम को लेकर जैक की ओर से सभी बिंदुओं पर विचार किया जा रहा है.
शनिवार को हुई थी बैठक
जैक ने शनिवार को हुई एक बैठक के दौरान सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश जारी किया है. जानकारी के मुताबिक नौवीं के आधार पर 10वीं और 11वीं के आधार पर इंटर का रिजल्ट तैयार होना है. 11वीं में अगर छात्रों को कम अंक आया तो मैट्रिक और इंटर में भी उसी आधार पर अंक दिए जाएंगे. ऐसे में रिजल्ट के बाद अगर वह अपने अंक से संतुष्ट नहीं होंगे तो उनके लिए जैक ने एक दरवाजा खुला रखने पर विचार किया है. जैक ने कहा है कि ऐसे परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से इसे लेकर एक विशेष परीक्षा की व्यवस्था भी की जाएगी.
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पुराने परीक्षार्थियों के लिए परेशानी
मैट्रिक और इंटर के पुराने परीक्षार्थियों के लिए फिलहाल किस आधार पर परीक्षा होगा, इसे तय नहीं किया गया है. जो विद्यार्थी 2020 की मैट्रिक और इंटर परीक्षा में असफल हुए हैं और 2021 के परीक्षा के लिए जिन्होंने आवेदन किया है, उनका रिजल्ट किस आधार पर तय होगा, इसका फार्मूला तय करने के लिए जैक की ओर से पहल की जा रही है. हालांकि विभिन्न जिला शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से झारखंड एकेडमिक काउंसिल को नियमित सत्र के विद्यार्थियों की रिपोर्ट सौंपी जा रही है और इस रिपोर्ट को राज्य सरकार के पास भेजी जाएगी. सरकार की हरी झंडी मिलते ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जा सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया भी लंबी चलेगी.
स्वतंत्र विद्यार्थियों के लिए परेशानी
स्वतंत्र रूप से बिना किसी स्कूल से पंजीकृत विद्यार्थी भी हर साल हजारों की संख्या में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में शामिल होते हैं. उन विद्यार्थियों के सामने भी एक परेशानी आ गई है, क्योंकि उनका रिपोर्ट और रिकॉर्ड जैक के पास नहीं होता है. ऐसे में परीक्षार्थी किस आधार पर प्रमोट होंगे या उन्हें परीक्षा को लेकर इजाजत दी जाएगी, इस विषय पर भी विचार विमर्श करने का दौर बाकी है. शिक्षा पदाधिकारियों के ओर से जैक को सौंपी गई रिपोर्ट और अन्य कई पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जा सकता है.