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झामुमो में केंद्रीय कार्यकारिणी के सभी पद खालीः भाजपा ने कसा तंज

झामुमो का 12वां महाधिवेशन के दो महीने बाद भी केंद्रीय नेतृत्व केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों का चयन नहीं कर पाया है. झामुमो में केंद्रीय कार्यकारिणी के सभी पद खाली होने पर भाजपा ने तंज कसा है. इसको लेकर झामुमो ने नेतृत्व का बचाव किया है.

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झामुमो
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Published : Feb 20, 2022, 5:40 PM IST

Updated : Feb 20, 2022, 6:49 PM IST

रांचीः वर्ष 2021 के 18 दिसंबर को रांची के हरमू स्थित सोहराय भवन में झारखंड मुक्ति मोर्चा का 12वां महाधिवेशन हुआ था. इस महाधिवेशन में सर्वसम्मति से शिबू सोरेन को फिर एक बार पार्टी का केंद्रीय अध्यक्ष और हेमंत सोरेन को कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया. इसी महाधिवेशन में केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के नाम तय करने की शक्ति सर्वसम्मति से कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को सौंप दी गयी थी. महाधिवेशन हुए 02 महीने से अधिक का वक्त गुजर चुका है, बावजूद इसके केंद्रीय नेतृत्व और खास कर कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन अब तक पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारियों के नाम तक तय नहीं कर सके हैं कि कौन कौन पार्टी में केंद्रीय उपाध्यक्ष होगा, कौन केंद्रीय सचिव होगा या किसे केंद्रीय सचिव,कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाए.

इसे भी पढ़ें- झामुमो में सिर्फ कप्तान और उपकप्तान, 12 वें महाधिवेशन के एक महीने बाद भी नहीं बनीं पूरी टीम, कयासों का दौर जारी

महाधिवेशन के बाद दो कदम ही चली पार्टीः 18 दिसंबर 2021 को रांची में 12वें महाधिवेशन के एक पखवाड़े बाद 02 जनवरी 2022 को पार्टी ने 246 सदस्यों वाली केंद्रीय समिति ही घोषित किया गया. इस सूची में भी लोबिन हेंब्रम जैसे कद्दावर नेता का नाम शामिल नहीं था. उसके बाद से अभी तक अगर पार्टी की स्थापना दिवस और चंद संवाददाता सम्मेलन की बात छोड़ दें तो पार्टी की गतिविधियां लगभग शिथिल पड़ी हुई हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी संविधान में 12वें महाधिवेशन में संशोधन के बाद केंद्रीय उपाध्यक्ष, केंद्रीय महासचिव सहित कई पदों की संख्या घटा देने का बाद भी JMM नेतृत्व अभी तक यह तय नहीं कर पाया है कि किसे संगठन में कौन सी जिम्मेदारी सौंपी जाए. महत्वपूर्ण पदों में कटौती के चलते कई वैसे नेता जिन्हें पदाधिकारियों की सूची में जगह नहीं मिलेगी वह कौन हो, कौन टीम हेमंत और टीम शिबू का हिस्सा बनें और किन्हें बाहर किया जाए इस पर झामुमो का केंद्रीय नेतृत्व असमंजस की स्थिति में है. ऐसे में केंद्रीय उपाध्यक्षों, केंद्रीय महासचिवों, केंद्रीय सचिवों, कोषाध्यक्षों, केंद्रीय प्रवक्ताओं के पद रिक्त पड़े हैं.

देखें पूरी खबर

बीजेपी का आरोप- व्यक्तिवादी पार्टी में सारी ताकत अपने तक सीमित रखने की कोशिशः झामुमो में केंद्रीय कार्यकारिणी के सभी पद खाली हैं. इसको लेकर जेएमएम ने सत्ताधारी दल जेएमएम पर तंज कसा है. महाधिवेशन के दो महीने बाद भी केंद्रीय स्तर के पदाधिकारियों के नाम तक की घोषणा नहीं कर पाने को अलोकतांत्रिक और क्षेत्रीय दलों में सभी शक्ति को अपने पास रखने की इच्छा का परिणाम बताते हुए झारखंड भाजपा ने झामुमो नेतृत्व पर तंज कसा है.

क्या कहती हैं पार्टी की महिला मोर्चा की पूर्व केंद्रीय अध्यक्षः झामुमो की निवर्तमान महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष महुआ माजी कहती हैं कि भाजपा बेवजह का मुद्दा उठाती है. सरकार का नेतृत्व कर रही पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की प्राथमिकता में राज्य की सवा तीन करोड़ जनता है. झामुमो का 12वां महाधिवेशन के बाद कोरोना की तीसरी लहर आ गयी, केस बढ़ने लगे. ऐसे में जनता कैसे सुरक्षित रहे इसकी फिक्र हमारे नेता को अधिक है.

रांचीः वर्ष 2021 के 18 दिसंबर को रांची के हरमू स्थित सोहराय भवन में झारखंड मुक्ति मोर्चा का 12वां महाधिवेशन हुआ था. इस महाधिवेशन में सर्वसम्मति से शिबू सोरेन को फिर एक बार पार्टी का केंद्रीय अध्यक्ष और हेमंत सोरेन को कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया. इसी महाधिवेशन में केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के नाम तय करने की शक्ति सर्वसम्मति से कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को सौंप दी गयी थी. महाधिवेशन हुए 02 महीने से अधिक का वक्त गुजर चुका है, बावजूद इसके केंद्रीय नेतृत्व और खास कर कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन अब तक पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारियों के नाम तक तय नहीं कर सके हैं कि कौन कौन पार्टी में केंद्रीय उपाध्यक्ष होगा, कौन केंद्रीय सचिव होगा या किसे केंद्रीय सचिव,कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाए.

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महाधिवेशन के बाद दो कदम ही चली पार्टीः 18 दिसंबर 2021 को रांची में 12वें महाधिवेशन के एक पखवाड़े बाद 02 जनवरी 2022 को पार्टी ने 246 सदस्यों वाली केंद्रीय समिति ही घोषित किया गया. इस सूची में भी लोबिन हेंब्रम जैसे कद्दावर नेता का नाम शामिल नहीं था. उसके बाद से अभी तक अगर पार्टी की स्थापना दिवस और चंद संवाददाता सम्मेलन की बात छोड़ दें तो पार्टी की गतिविधियां लगभग शिथिल पड़ी हुई हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी संविधान में 12वें महाधिवेशन में संशोधन के बाद केंद्रीय उपाध्यक्ष, केंद्रीय महासचिव सहित कई पदों की संख्या घटा देने का बाद भी JMM नेतृत्व अभी तक यह तय नहीं कर पाया है कि किसे संगठन में कौन सी जिम्मेदारी सौंपी जाए. महत्वपूर्ण पदों में कटौती के चलते कई वैसे नेता जिन्हें पदाधिकारियों की सूची में जगह नहीं मिलेगी वह कौन हो, कौन टीम हेमंत और टीम शिबू का हिस्सा बनें और किन्हें बाहर किया जाए इस पर झामुमो का केंद्रीय नेतृत्व असमंजस की स्थिति में है. ऐसे में केंद्रीय उपाध्यक्षों, केंद्रीय महासचिवों, केंद्रीय सचिवों, कोषाध्यक्षों, केंद्रीय प्रवक्ताओं के पद रिक्त पड़े हैं.

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बीजेपी का आरोप- व्यक्तिवादी पार्टी में सारी ताकत अपने तक सीमित रखने की कोशिशः झामुमो में केंद्रीय कार्यकारिणी के सभी पद खाली हैं. इसको लेकर जेएमएम ने सत्ताधारी दल जेएमएम पर तंज कसा है. महाधिवेशन के दो महीने बाद भी केंद्रीय स्तर के पदाधिकारियों के नाम तक की घोषणा नहीं कर पाने को अलोकतांत्रिक और क्षेत्रीय दलों में सभी शक्ति को अपने पास रखने की इच्छा का परिणाम बताते हुए झारखंड भाजपा ने झामुमो नेतृत्व पर तंज कसा है.

क्या कहती हैं पार्टी की महिला मोर्चा की पूर्व केंद्रीय अध्यक्षः झामुमो की निवर्तमान महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष महुआ माजी कहती हैं कि भाजपा बेवजह का मुद्दा उठाती है. सरकार का नेतृत्व कर रही पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की प्राथमिकता में राज्य की सवा तीन करोड़ जनता है. झामुमो का 12वां महाधिवेशन के बाद कोरोना की तीसरी लहर आ गयी, केस बढ़ने लगे. ऐसे में जनता कैसे सुरक्षित रहे इसकी फिक्र हमारे नेता को अधिक है.

Last Updated : Feb 20, 2022, 6:49 PM IST
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