रांची: चांद पर कामयाबी के बाद भारत अब सूर्य की सतह पर अपना कदम रखने जा रहा है. इसके तहत शनिवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से आदित्य एल 1 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है. आदित्य एल 1 सूर्य की स्टडी करेगा. इधर इसरो के द्वारा आदित्य एल 1 की सफलतम लॉन्चिंग किए जाने पर झारखंड सहित देश भर में खुशी की लहर है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जहां इसके लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा है कि चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के बाद इसरो के महान वैज्ञानिकों ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल 1 की सफल लॉन्चिंग की है. इस अवसर पर इसरो के समस्त वैज्ञानिकों और उनके परिवारों को अनेक अनेक बधाई शुभकामनाएं और जोहार.
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चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद आज इसरो के हमारे महान वैज्ञानिकों ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-L1 की सफल लॉन्चिंग की है।
इस अवसर पर देश सहित इसरो के समस्त वैज्ञानिकों और उनके परिवारों को अनेक-अनेक बधाई, शुभकामनाएं और जोहार।@isro
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— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 2, 2023
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद आज इसरो के हमारे महान वैज्ञानिकों ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-L1 की सफल लॉन्चिंग की है।
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चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद आज इसरो के हमारे महान वैज्ञानिकों ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-L1 की सफल लॉन्चिंग की है।
इस अवसर पर देश सहित इसरो के समस्त वैज्ञानिकों और उनके परिवारों को अनेक-अनेक बधाई, शुभकामनाएं और जोहार।@isro
स्पीकर ने क्या कहा: इधर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि देश के वैज्ञानिकों ने चांद के सफर के बाद अब सूर्य पर कदम रखने के लिए तैयारी की है. विज्ञान की खोज लगातार आगे बढ़ रही है और हमारे देश के वैज्ञानिक प्रकृति पर अध्ययन कर रहे हैं. इनका अध्ययन इतना सटीक निकल रहा है कि जो वह पूर्व में सोचते हैं, वह पूर्ण हो जाता है.
कांग्रेस विधायक ने क्या कहा: कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने खुशी जताते हुए कहा है कि मनुष्य जो कल्पना करता है, विज्ञान जरूर उसके लिए कोई ना कोई रास्ता निकाल देता है. पहले हम लोगों ने चांद की कल्पना की उसे पूरा किया गया और अब सूरज के बारे में जानने की सबों की इच्छा है. विधायक ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक इसमें भी जरूर सफल होंगे, आदित्य एल 1 की सफल लॉन्चिंग इस बात को प्रमाणित करता है. एक बार फिर हमारे देश के वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं. जो नई-नई खोज में हमेशा लगे रहते हैं. गौरतलब है कि इसरो का आदित्य एल 1 पृथ्वी की कक्षा में 16 दिन चक्कर लगाएगा, फिर 110 दिन में 15 लाख किलोमीटर दूर एल 1 प्वांइट पर पहुंचेगा. इस प्वांइट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता. जिसके चलते यहां से सूरज पर आसानी से शोध किया जा सकता है.