रांची: राजधानी में आदिवासी बुद्धिजीवी मंच की ओर से अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहुंचे. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले 5 सालों में झारखंड सरकार राज्य की दिशा और दशा को बदलने का काम करेगी.
आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की भी चिंता
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार विकास की ऐसी नींव रखेगी, जिसकी जड़ें इतनी मजबूत होंगी की पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को इसका लाभ मिलता रहेगा. उन्होंने कहा कि प्रबुद्ध जनों के सहयोग और सुझाव से विकास की एक लंबी लकीर खींचनी है. इसीलिए उनकी सरकार सिर्फ अभी की ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की भी चिंता कर रही है. झारखंड के युवा जिस तरह आगे बढ़ना चाहते हैं उन्हें उसी प्रकार अवसर देने का काम सरकार करेगी.
ये भी पढ़ें-महिला दिवस विशेष : भाषा, गरिमा, ज्ञान और स्वाभिमान का अर्थ 'सुषमा स्वराज'
समस्याओं के निस्तारण
कार्यक्रम में आदिवासी समाज से आए लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ ही समय पहले राज्य के लोगों की ओर से बागडोर उनके हाथों में सौंपी गई है और जब से उन्होंने राज्य की बागडोर संभाली है तब से लगातार राज्य के प्रत्येक क्षेत्र के विकासात्मक कार्यों को लेकर गहन चिंतन और मंथन सरकार कर रही है, ताकि आम लोगों की समस्याओं के निस्तारण के साथ-साथ कार्यपालिका से जुड़े हुए दायित्वों का भी निर्वहन किया जा सके.
झारखंड की परंपरा और संस्कृति
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार की ओर से अव्यवस्थित कार्य किए जाने को लेकर राज्य का विकास एक बड़ी चुनौती है, लेकिन इस चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश में सरकार लगी है. झारखंड की परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखते हुए राज्य को प्रगति की ओर ले जाना है. उन्होंने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सदियों से यहां के सरल और सीधे-साधे लोगों को विकास के नाम पर ठगा और छला गया है. सरकार की योजनाओं का लाभ सही तरीके से राज्य के मूलवासी आदिवासी लोगों को नहीं मिल पाया है. इसीलिए वे लोगों के विश्वास और भरोसे पर खरा उतरने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें-गुमलाः सिसई बंद का दिखा असर, विश्व हिंदू परिषद ने रैली की अनुमति नहीं मिलने के बाद कराया बंद
बुद्धिजीवियों को आभार प्रकट
सीएम ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार सभी कार्य और दायित्व को सकारात्मक और प्रतिबद्धता के साथ पूरा करेगी. मुख्यमंत्री ने आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के प्रति आभार जताते हुए कहा कि आदिवासी बुद्धिजीवियों की ओर से जो सम्मान और स्नेह उन्हें दिया गया है इसके लिए वे सभी बुद्धिजीवियों का आभार प्रकट करते हैं. इस अवसर पर आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के विक्टर माल्टो, प्रेमचंद्र मुर्मू, मेडलिन तिर्की और सभी आदिवासी समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रबुद्ध जन मौजूद रहे.