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दिल्ली सीबीआई की रडार पर आए अमित अग्रवाल और कोलकाता पुलिस के कई अफसर, दर्ज हुई FIR

कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ सीबीआई ने भी एफआईआर दर्ज की है. इसके अलावा सीबीआई ने कोलकाता पुलिस के अफसरों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है. केस दर्ज करने के बाद सीबीआई ने अमित अग्रवाल के कई ठिकानों पर छापेमारी की. पूरे मामले की जांच अब दिल्ली सीबीआई करेगी.

CBI registers FIR against businessman Amit Agarwal
कारोबारी अमित अग्रवाल
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Published : Jan 19, 2023, 10:59 PM IST

रांची: कोलकाता के बड़े कारोबारी अमित अग्रवाल ईडी के बाद अब सीबीआई के राडार पर भी आ गए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़ी शेल कंपनियों और अवैध खनन की जनहित याचिका को मैनेज करने में घूसखोरी के मामले में कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई ने कारोबारी अमित अग्रवाल के साथ-साथ कोलकाता पुलिस के पदाधिकारियों को भी आरोपी बनाया है. मामले की जांच का जिम्मा दिल्ली सीबीआई को मिला है. झारखंड हाई कोर्ट ने पिछले साल 30 नवंबर को सीबीआई को पीई दर्ज करने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें: कारोबारी अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, मिली जमानत

कौन कौन बने आरोपी: सीबीआई ने प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद दिल्ली की एंटी करप्शन ब्यूरो की यूनिट 3 ने इस मामले में अमित अग्रवाल, कोलकाता पुलिस के अज्ञात पुलिस पदाधिकारियों और अन्य आरोपियों को प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट, 120 बी समेत अन्य संगत धाराओं में आरोपी बनाया है. झारखंड हाई कोर्ट ने 30 नवंबर को सीबीआई को पीई दर्ज करने का आदेश दिया था. पीई में आए तथ्यों के आधार पर सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया.

एफआईआर में क्या है: सीबीआई के द्वारा किए गए एफआईआर में यह जिक्र किया गया है कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि शिवशंकर शर्मा के द्वारा अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से झारखंड हाई कोर्ट में शेल कंपनियों और अवैध खनन की सीबीआई जांच संबंधी याचिका डाली गई थी. इस मामले में आरोप लगाया गया था कि अवैध तरीके से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आईएएस पूजा सिंघल की संपत्ति का निवेश अमित कुमार अग्रवाल के द्वारा किया जाता था. सीबीआई ने जांच में पाया है कि मार्च 2022 में पहली बार अमित अग्रवाल के कहने पर अधिवक्ता राजीव कुमार को प्रभावित करने की कोशिश रांची के तत्कालीन डीसी के द्वारा की गई, ताकि पीआईएल को प्रभावित किया जा सके, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. बाद में 31 जुलाई 2022 को अमित अग्रवाल ने कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में शिवशंकर शर्मा और राजीव कुमार पर 10 करोड़ रंगदारी मांगने का आरोप लगाया ताकि पीआईएल डिसमिस कराया जा सके.

शिवशंकर शर्मा ने की थी मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत: गौरतलब है कि शिवशंकर शर्मा ने ही राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत अन्य लोगों के खिलाफ अवैध खनन में संलिप्तता व शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को निरस्त कर दिया था, लेकिन अमित अग्रवाल की ईडी के द्वारा गिरफ्तारी के बाद उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सीबीआई को प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था.

झारखंड-बंगाल में अमित के ठिकानों पर रेड: सीबीआई के द्वारा अमित अग्रवाल पर एफआईआर दर्ज करने के बाद झारखंड और बंगाल स्थित अमित अग्रवाल के कई ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी भी की है. मिली जानकारी के अनुसार अमित अग्रवाल के रांची स्थित कई ठिकानों पर सीबीआई की टीम ने गुरुवार को दबिश दी. हालांकि, छापेमारी में क्या-क्या बरामद हुआ है इसकी जानकारी सीबीआई की तरफ से अभी नहीं दी गई है.

रांची: कोलकाता के बड़े कारोबारी अमित अग्रवाल ईडी के बाद अब सीबीआई के राडार पर भी आ गए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़ी शेल कंपनियों और अवैध खनन की जनहित याचिका को मैनेज करने में घूसखोरी के मामले में कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई ने कारोबारी अमित अग्रवाल के साथ-साथ कोलकाता पुलिस के पदाधिकारियों को भी आरोपी बनाया है. मामले की जांच का जिम्मा दिल्ली सीबीआई को मिला है. झारखंड हाई कोर्ट ने पिछले साल 30 नवंबर को सीबीआई को पीई दर्ज करने का आदेश दिया था.

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कौन कौन बने आरोपी: सीबीआई ने प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद दिल्ली की एंटी करप्शन ब्यूरो की यूनिट 3 ने इस मामले में अमित अग्रवाल, कोलकाता पुलिस के अज्ञात पुलिस पदाधिकारियों और अन्य आरोपियों को प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट, 120 बी समेत अन्य संगत धाराओं में आरोपी बनाया है. झारखंड हाई कोर्ट ने 30 नवंबर को सीबीआई को पीई दर्ज करने का आदेश दिया था. पीई में आए तथ्यों के आधार पर सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया.

एफआईआर में क्या है: सीबीआई के द्वारा किए गए एफआईआर में यह जिक्र किया गया है कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि शिवशंकर शर्मा के द्वारा अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से झारखंड हाई कोर्ट में शेल कंपनियों और अवैध खनन की सीबीआई जांच संबंधी याचिका डाली गई थी. इस मामले में आरोप लगाया गया था कि अवैध तरीके से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आईएएस पूजा सिंघल की संपत्ति का निवेश अमित कुमार अग्रवाल के द्वारा किया जाता था. सीबीआई ने जांच में पाया है कि मार्च 2022 में पहली बार अमित अग्रवाल के कहने पर अधिवक्ता राजीव कुमार को प्रभावित करने की कोशिश रांची के तत्कालीन डीसी के द्वारा की गई, ताकि पीआईएल को प्रभावित किया जा सके, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. बाद में 31 जुलाई 2022 को अमित अग्रवाल ने कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में शिवशंकर शर्मा और राजीव कुमार पर 10 करोड़ रंगदारी मांगने का आरोप लगाया ताकि पीआईएल डिसमिस कराया जा सके.

शिवशंकर शर्मा ने की थी मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत: गौरतलब है कि शिवशंकर शर्मा ने ही राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत अन्य लोगों के खिलाफ अवैध खनन में संलिप्तता व शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को निरस्त कर दिया था, लेकिन अमित अग्रवाल की ईडी के द्वारा गिरफ्तारी के बाद उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सीबीआई को प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था.

झारखंड-बंगाल में अमित के ठिकानों पर रेड: सीबीआई के द्वारा अमित अग्रवाल पर एफआईआर दर्ज करने के बाद झारखंड और बंगाल स्थित अमित अग्रवाल के कई ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी भी की है. मिली जानकारी के अनुसार अमित अग्रवाल के रांची स्थित कई ठिकानों पर सीबीआई की टीम ने गुरुवार को दबिश दी. हालांकि, छापेमारी में क्या-क्या बरामद हुआ है इसकी जानकारी सीबीआई की तरफ से अभी नहीं दी गई है.

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