रांचीः झारखंड लोक सेवा आयोग में व्याख्याता नियुक्ति घोटाले में सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने लेक्चरर ममता केरकेट्टा को गिरफ्तार किया है. ममता को सीबीआई की टीम ने रांची वीमेंस कॉलेज के आर्टस ब्लॉक से गिरफ्तार कर लिया है.
चार्जशीट हुई थी दायर
पूर्व में सीबीआई ने ममता केरकेट्टा के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था. चार्जशीट दायर करने के बाद अक्टूबर 2019 में सीबीआई कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था.
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सीबीआई कोर्ट द्वारा बार-बार समन व नोटिस किए जाने के बाद भी ममता केरकेट्टा कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रही थीं, ऐसे में कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया था. पूर्व में हाईकोर्ट के द्वारा भी ममता केरकेट्टा की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था.
क्या है मामला
साल 2008 में जेपीएससी ने 13 विषयों में लेक्चरर की बहाली के लिए विज्ञापन निकाला था. कुल 715 पदों के लिए निकाले गए विज्ञापन में बहाली के दौरान भारी पैमानें पर अनियमितता बरती गईं थीं. मेरिट लिस्ट में छेड़छाड़ करते हुए कई अयोग्य अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करा दिया गया.
मेरिट लिस्ट जेपीएससी की तत्कालीन सचिव सह परीक्षा नियंत्रक एलिस ऊषा रानी के पास थी. 29 मार्च 2007 को दिलीप प्रसाद ने एलिस ऊषा रानी को मेरिट लिस्ट का चार्ट एजेंसी को देने का निर्देश दिया था. निर्देश मिलने के बाद रानी ने मेरिट लिस्ट का चार्ट ग्लोबल इंफार्मेटिक्स नामक एजेंसी को दे दिया था.
इसके बाद लिस्ट दोबारा अपने हिसाब से तैयार कर अभ्यर्थियों की रैंकिंग सुधारी गई, जबकि नियम के मुताबिक मेरिट लिस्ट प्राइवेट एजेंसी को नहीं दे सकते हैं. चार्जशीट में सीबीआई ने बताया था कि मेरिट लिस्ट में अंकों की हेराफेरी में एलिस ऊषा रानी व ग्लोबल इंफॉर्मेटिक्स के कर्मचारी धीरज कुमार की भूमिका थी. मिले निर्देश के अनुसार ही धीरज कुमार ने लिस्ट में छेड़छाड़ की थी.
सीबीआई ने इन पर दाखिल किया था आरोप पत्र
सीबीआई ने इस मामले में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप कुमार प्रसाद, जेपीएससी के ही गोपाल प्रसाद सिंह, परीक्षा नियंत्रक एलिस ऊषा रानी सिंह, धीरज कुमार, राधा गोविंद नागेश, शांति देवी के अलावे लेक्चरर के पद पर चुने गए जिंदर सिंह मुंडा, सुचित्रा बारा, सुप्रभा टुटी, भारती कुमारी, अमिताभ भारती, अंजू पुष्पा बा, राघवेंद्र कुमार सिंह, ममता केरकेट्टा, भीम राम, विनय कमार, अशोक कुमार सिंह, राजेंद्र सिंह, कांति कुमारी, असीम अनुपम डीन, संतोष स्वरूप शांडिल्य, अर्चना सिन्हा, शशि किरण, प्रदीप कुमार, विनोद कुमार, गीतांजलि सिंह, राखी रानी, राधा सिंह, कमल किशोर सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह, अरविंद कुमार झा, ममता कुजूर, अनमोल अमर बाबा, गणेश कुमार राम, सुमन कुमार, हरि प्रकाश झा, प्रकाश चंद्र दास, विनोद कुमार सिन्हा, दीप नारायण सिंह, मनीष कुमार दुबे, बालेश्वर राम, शत्रुघ्न कुमार पांडेय, सुरेश सिंह मुंडा, सुरेंद्र कुमार, रोज उरांव, कामना रॉय, विवेकानंद सिंह, कृष्ण मुरारी सिंह, मंतोष कुमार पांडेय, विजय अईंद, अनिता अल्दा, मनीष दयाल, प्रीति कमल, अविनाश सिंह, सतीश कुमार सिंह, ध्रुव नारायण सिंह, मनोज कुमार तिवारी, स्निग्धा कुमारी, हरिलाल रविदास, अजय बहादुर सिंह, राजेंद्र कुमार बड़ाइक, जितेंद्र हरिजन, गंगानाथ झा, संजीव कुमार, शिल्पी बक्सी, केदार नाथ तिवारी, नलिनी कांत मिश्र, चंद्रेश्वर प्रसाद और मेसर्स ग्लोबल इंफॉर्मेटिक्स को आरोपी बनाया था.