रांची: पुलिस की प्राथमिक अनुसंधान के आधार पर सीबीआई ने इस मामले में निलंबित व जेल में बंद दरोगा शिव कुमार कनौजिया के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया है. 9 मई को रूपा तिर्की का शव उनके साहिबगंज स्थित सरकारी आवास में फंदे से लटका हुआ मिला था. जिसके बाद साहिबगंज के जिरवाबाड़ी थाने में यूडी केस पुलिस ने दर्ज किया था.
ये भी पढ़ें- रूपा तिर्की मौत मामले की होगी सीबीआई जांच, झारखंड हाई कोर्ट ने दिया आदेश
हालांकि परिजनों ने तब साहिबगंज के पंकज मिश्रा समेत अन्य पर रूपा तिर्की को प्रताड़ित करने और जान से मारने का आरोप लगाया था. तब जांच में पुलिस ने पुलिस ने पंकज मिश्रा, रूपा तिर्की की बैचमेट ज्योतना समेत अन्य की भूमिका संदिग्ध नहीं पायी थी. वहीं, चाईबासा में पोस्टेड रूपा के कथित दोस्त और बैचमेट शिवकुमार कनौजिया को 24 अप्रैल 2021 की बातचीत के एक ऑडियो और कथित प्रेम संबंधों के बाद आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला मान जेल भेज दिया गया था.
परिजनों के आग्रह पर हाईकोर्ट ने दिया था जांच का आदेश
रूपा तिर्की की मौत के बाद पिता देवानंद उरांव ने झारखंड हाई कोर्ट में पुलिसिया तफ्तीश पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी. सीबीआई ने झारखंड हाई कोर्ट के एक सितंबर के आदेश के आधार पर केस दर्ज किया है. सीबीआई पटना के स्पेशल क्राइम ब्यूरो के डीएसपी विश्वंभर दीक्षित के बयान पर सीबीआई ने दुबारा केस रजिस्टर कर मामले की जांच शुरू की है. केस का अनुसंधान डीएसपी स्तर के अधिकारी पी गोइरोला करेंगे. जानकारी के मुताबिक, केस दर्ज करने के बाद सीबीआई की एक टीम साहिबगंज पहुंचकर मामले की जांच कर रही है. सीबीआई टीम ने जांच संबंधी सारे कागजात पुलिस से हासिल भी कर लिए हैं.
ये भी पढ़ें- रूपा तिर्की ने आत्महत्या की या हत्या हुई? हाई कोर्ट ने CBI को सौंपी जांच, बीजेपी में फीलगुड
पुलिस की जांच से इस वजह से संतुष्ट नहीं थे परिजन
साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत के मामले में पुलिस ने पंकज मिश्रा को क्लीनचिट दे दिया था. वहीं इस मामले में रूपा तिर्की के बैचमेट और कथित प्रेमी शिव कनौजिया और पिता देवानंद उरांव को भी अप्राथमिक अभियुक्त बना दिया था. अप्राथमिक अभियुक्त मृत दारोगा के पिता को आरोपी बनाए जाने के मामले का खुलासा तब हुआ था, जब राज्य सरकार के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने मामले की न्यायिक जांच संबंधी आदेश जारी किया था. राज्य सरकार के गृह विभाग के द्वारा जारी आदेश में केस के वृत की जानकारी दी गई थी कि मृत दरोगा के मौत मामले में पुलिस ने दारोगा शिव कुमार कनौनिया और देवानंद उरांव को जांच में दोषी पाया है. इस केस में पुलिस ने शिव कुमार कनौनिया के खिलाफ चार्जशीट भी दायर कर दी है.
पर्यवेक्षण में भी रूपा के पिता के खिलाफ मामला सत्य पाए जाने की बात का जिक्र किया गया था. वहीं इस रिपोर्ट में बताया गया था कि रूपा तिर्की के परिजनों ने पंकज मिश्रा, महिला थाने की ही दारोगा ज्योतसना समेत अन्य पर जो आरोप लगाए थे, वह गलत पाए गए थे. एसआईटी ने भी अपनी रिपोर्ट में पंकज मिश्रा को क्लीनचिट दिया था. इन्ही सब वजहों से रूपा के पिता हाई कोर्ट गए थे जिसके बाद हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था.