रांची: सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत ने चिट फंड घोटाले के आरोपी विवेक सिन्हा की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. इसके बाद उन्होंने याचिका को खारिज कर दिया. याचिका पर सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर कहा गया कि याचिकाकर्ता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिव्य ज्योति सिक्योरिटीज और मेसर्स डीजेएन कमोडिटीज नाम की चिटफंड कंपनी खोलकर 285 से अधिक निवेशकों के 7.15 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया है. सीबीआई की जांच में निवेशकों से बेईमानी करने और धोखाधड़ी करने का आरोप सही पाया गया है, ऐसे आरोपी को राहत देना सही नहीं है.
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अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि निवेशकों का पैसा अपने नाम से 68 बैंक खातों के माध्यम से स्वयं के लिए उपयोग किया, जो बहुत ही गंभीर प्रकृति का मामला बनता है. चिटफंट घोटाले को लेकर लालपुर थाना कांड संख्या 220/16 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने कांड संख्या आरसी 16(एस)/2017 दर्ज कर तफ्तीश शुरू की थी. मामले में सीबीआई सात के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.
जनवरी में दर्ज की गई थी दूसरी प्राथमिकी
डीजेएन ग्रुप के निदेशकों पर 14 जनवरी यानि की मंगलवार को सीबीआई एसीबी, रांची के द्वारा दूसरी प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पलामू के टाउन थाने में दर्ज केस के आधार पर कंपनी के सीएमडी, निदेशक समेत अन्य अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था. सीबीआई ने करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले में डीजेएन ग्रुप के खिलाफ लालपुर थाने में दर्ज केस को टेकओवर किया था. झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर चिटफंड घोटाले के पलामू में दर्ज कांड को सीबीआई ने टेकओवर किया था.