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कांग्रेस विधायक कैश कांड: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच की याचिका खारिज की

कांग्रेस विधायक कैश कांड (Congress MLA Cash Case) कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) तक पहुंच गया है. आरोपी विधायकों की ओर से सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दी.

Calcutta High Court denies CBI probe into Congress MLA cash case
Calcutta High Court denies CBI probe into Congress MLA cash case
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Published : Aug 4, 2022, 6:43 PM IST

Updated : Aug 16, 2022, 4:19 PM IST

कोलकाता/रांची: झारखंड के कांग्रेस के तीन विधायकों को पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल से भारी संख्या में नकदी के साथ गिरफ्तार (Congress MLA Cash Case) किया गया था. गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की थी.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस विधायक कैश कांड: दिल्ली पुलिस ने पश्चिम बंगाल सीआईडी को कार्रवाई से रोका, कोलकाता से महेंद्र गिरफ्तार

न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य की एकल पीठ ने कहा कि मामले की जांच पश्चिम बंगाल सीआईडी (West Bengal CID) द्वारा जारी रहेगी. हालांकि, पीठ ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता चाहें तो वे उसके फैसले के खिलाफ खंडपीठ या उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं. 30 जुलाई की शाम को, झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों, इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगाड़ी को पुलिस ने हावड़ा से उनके वाहनों में 49 लाख रुपये की नकदी के साथ पकड़ा था. सीआईडी ने जांच अपने हाथ में ली और तीनों विधायकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

पश्चिम बंगाल सरकार के वकील, अनिर्बान रॉय ने तर्क दिया कि आरोपी व्यक्तियों के पास यह विकल्प नहीं हो सकता है कि कौन सी एजेंसी उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करेगी. रॉय ने कहा कि आरोपी के पास सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी का विकल्प नहीं हो सकता है. इस मामले में रांची में एक अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है. लेकिन चूंकि पश्चिम बंगाल में नकद जब्ती की घटना हुई, इसलिए रांची में प्राथमिकी स्वीकार्य नहीं है. याचिकाकर्ताओं के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने तर्क दिया कि वे जांच प्रक्रिया को स्थानांतरित करना चाहते हैं, क्योंकि राज्य पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी पूरी घटना से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है.

ये भी पढ़ें- झारखंड विधायक कैश कांड: असम में बंगाल सीआईडी की टीम

अपने जवाबी तर्क में, पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि चूंकि नकद जब्ती राज्य पुलिस के अधिकार क्षेत्र में थी, इसलिए सीआईडी को उस मामले की जांच करने का पूरा अधिकार है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने कहा कि मान्यताओं के आधार पर जांच प्रक्रिया को एक एजेंसी से दूसरी एजेंसी में स्थानांतरित करने का आदेश देना संभव नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि तीनों विधायकों द्वारा दिए गए बयान कि वे कोलकाता से साड़ी खरीदने के लिए नकदी लाए थे, स्वीकार्य नहीं है और इसलिए अदालत को पूछताछ प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं लगता है.

कोलकाता/रांची: झारखंड के कांग्रेस के तीन विधायकों को पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल से भारी संख्या में नकदी के साथ गिरफ्तार (Congress MLA Cash Case) किया गया था. गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की थी.

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न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य की एकल पीठ ने कहा कि मामले की जांच पश्चिम बंगाल सीआईडी (West Bengal CID) द्वारा जारी रहेगी. हालांकि, पीठ ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता चाहें तो वे उसके फैसले के खिलाफ खंडपीठ या उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं. 30 जुलाई की शाम को, झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों, इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगाड़ी को पुलिस ने हावड़ा से उनके वाहनों में 49 लाख रुपये की नकदी के साथ पकड़ा था. सीआईडी ने जांच अपने हाथ में ली और तीनों विधायकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

पश्चिम बंगाल सरकार के वकील, अनिर्बान रॉय ने तर्क दिया कि आरोपी व्यक्तियों के पास यह विकल्प नहीं हो सकता है कि कौन सी एजेंसी उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करेगी. रॉय ने कहा कि आरोपी के पास सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी का विकल्प नहीं हो सकता है. इस मामले में रांची में एक अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है. लेकिन चूंकि पश्चिम बंगाल में नकद जब्ती की घटना हुई, इसलिए रांची में प्राथमिकी स्वीकार्य नहीं है. याचिकाकर्ताओं के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने तर्क दिया कि वे जांच प्रक्रिया को स्थानांतरित करना चाहते हैं, क्योंकि राज्य पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी पूरी घटना से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है.

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अपने जवाबी तर्क में, पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि चूंकि नकद जब्ती राज्य पुलिस के अधिकार क्षेत्र में थी, इसलिए सीआईडी को उस मामले की जांच करने का पूरा अधिकार है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने कहा कि मान्यताओं के आधार पर जांच प्रक्रिया को एक एजेंसी से दूसरी एजेंसी में स्थानांतरित करने का आदेश देना संभव नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि तीनों विधायकों द्वारा दिए गए बयान कि वे कोलकाता से साड़ी खरीदने के लिए नकदी लाए थे, स्वीकार्य नहीं है और इसलिए अदालत को पूछताछ प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं लगता है.

Last Updated : Aug 16, 2022, 4:19 PM IST
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