ETV Bharat / state

राज्य वित्त लेखा परीक्षा प्रतिवेदन में कैग ने सरकार को दिए कई सुझाव, कमियां भी गिनाई

मानसून सत्र के आखिरी दिन वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कैग की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखा. कैग ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को कई सुझाव दिए हैं. इसके अलावा इस रिपोर्ट में सरकार की कई कमियों को भी गिनाया गया है.

CAG gave many suggestions to government
CAG gave many suggestions to government
author img

By

Published : Aug 4, 2023, 8:38 PM IST

रांची: विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक का 31 मार्च 2022 को समाप्त वर्ष का राज्य वित्त लेखा परीक्षा प्रतिवेदन पेश किया. इस दौरान कैग की तरफ से सरकार को कुछ सुझाव के साथ कमियों की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया गया है.

ये भी पढ़ें: बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी जातीय जनगणना की मांग हुई तेज, जानिए सदन में सरकार की ओर से क्या मिला जवाब

कैग के मुताबिक राज्य को 2021-22 में 6944 करोड़ का राजस्व आधिक्य हुआ. मार्च 2022 के अंत में रांची का राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 0.72% था. ऐसे में कैग ने सुझाव दिया है कि वास्तविक आंकड़ों पर पहुंचने के क्रम में स्पष्ट देनदारियों के प्रभाव, समेकित निधि में रॉयल्टी जमा नहीं करने, नई पेंशन योजना में कम योगदान जैसी अनियमितताओं को बदलने की जरूरत है.

रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 के दौरान राज्य के राजस्व व्यय कुल व्यय का 85.28% था, जिसका 44.41% वेतन और मजदूरी, ब्याज भुगतान और पेंशन पर व्यय किया गया था. वेतन और मजदूरी, ब्याज भुगतान और पेंशन पर किया गया, वह 2021-22 में राजस्व प्राप्ति का 39.99% था. पूंजीगत व्यय में वृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में सामाजिक सेवाओं पर 7% और आर्थिक सेवाओं पर 14% अधिक होने के कारण हुई.

रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च 2022 को समाप्त राज्य के वार्षिक लेखा के अनुसार राज्य में राज्य के गठन के बाद से 2250 करोड़ का निवेश सरकारी कंपनी, ग्रामीण बैंक और सहकारी संस्थाओं ने किया था. इन निवेशों पर प्रतिफल 2021-22 के दौरान शून्य था, जबकि सरकार ने वर्ष 2021-22 के दौरान उधार पर 5.76% की औसत दर पर ब्याज भुगतान किया. वहीं, निवेश के अलावा सरकार द्वारा अपने संस्थाओं को ऋण के रूप में दी गई बड़ी राशि करीब 24,348 करोड मार्च 2022 के अंत तक बकाया थी.

कैग की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने राज्य आपदा मोचन निधि यानी एसडीआरएफ के गठन के पश्चात से कोई ब्याज नहीं दिया, जो 2011-12 से 2021-22 की अवधि के लिए लागू दर पर 870 करोड़ होता है. लिहाजा ब्याज का भुगतान न करने से राज्य के राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे पर प्रभाव पड़ा है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मार्च 2022 तक एकत्रित 664 करोड़ राशि का श्रम उपकर को 2021-22 के दौरान श्रम कल्याण बोर्ड में स्थानांतरित नहीं किया गया, इसका प्रभाव राजस्व अधिशेष का राजकोषीय घाटे पर हुआ.

कैग की रिपोर्ट में 31 मार्च 2022 तक 1,03,459 करोड़ राशि के 39,064 उपयोगिता प्रमाण पत्र बकाया थे. यह भी बताया गया कि इसी अवधि तक 6,094 करोड़ की राशि के 18,206 एसी विपत्रों के विरुद्ध डीसी विपत्र बकाया थे.

रांची: विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक का 31 मार्च 2022 को समाप्त वर्ष का राज्य वित्त लेखा परीक्षा प्रतिवेदन पेश किया. इस दौरान कैग की तरफ से सरकार को कुछ सुझाव के साथ कमियों की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया गया है.

ये भी पढ़ें: बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी जातीय जनगणना की मांग हुई तेज, जानिए सदन में सरकार की ओर से क्या मिला जवाब

कैग के मुताबिक राज्य को 2021-22 में 6944 करोड़ का राजस्व आधिक्य हुआ. मार्च 2022 के अंत में रांची का राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 0.72% था. ऐसे में कैग ने सुझाव दिया है कि वास्तविक आंकड़ों पर पहुंचने के क्रम में स्पष्ट देनदारियों के प्रभाव, समेकित निधि में रॉयल्टी जमा नहीं करने, नई पेंशन योजना में कम योगदान जैसी अनियमितताओं को बदलने की जरूरत है.

रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 के दौरान राज्य के राजस्व व्यय कुल व्यय का 85.28% था, जिसका 44.41% वेतन और मजदूरी, ब्याज भुगतान और पेंशन पर व्यय किया गया था. वेतन और मजदूरी, ब्याज भुगतान और पेंशन पर किया गया, वह 2021-22 में राजस्व प्राप्ति का 39.99% था. पूंजीगत व्यय में वृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में सामाजिक सेवाओं पर 7% और आर्थिक सेवाओं पर 14% अधिक होने के कारण हुई.

रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च 2022 को समाप्त राज्य के वार्षिक लेखा के अनुसार राज्य में राज्य के गठन के बाद से 2250 करोड़ का निवेश सरकारी कंपनी, ग्रामीण बैंक और सहकारी संस्थाओं ने किया था. इन निवेशों पर प्रतिफल 2021-22 के दौरान शून्य था, जबकि सरकार ने वर्ष 2021-22 के दौरान उधार पर 5.76% की औसत दर पर ब्याज भुगतान किया. वहीं, निवेश के अलावा सरकार द्वारा अपने संस्थाओं को ऋण के रूप में दी गई बड़ी राशि करीब 24,348 करोड मार्च 2022 के अंत तक बकाया थी.

कैग की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने राज्य आपदा मोचन निधि यानी एसडीआरएफ के गठन के पश्चात से कोई ब्याज नहीं दिया, जो 2011-12 से 2021-22 की अवधि के लिए लागू दर पर 870 करोड़ होता है. लिहाजा ब्याज का भुगतान न करने से राज्य के राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे पर प्रभाव पड़ा है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मार्च 2022 तक एकत्रित 664 करोड़ राशि का श्रम उपकर को 2021-22 के दौरान श्रम कल्याण बोर्ड में स्थानांतरित नहीं किया गया, इसका प्रभाव राजस्व अधिशेष का राजकोषीय घाटे पर हुआ.

कैग की रिपोर्ट में 31 मार्च 2022 तक 1,03,459 करोड़ राशि के 39,064 उपयोगिता प्रमाण पत्र बकाया थे. यह भी बताया गया कि इसी अवधि तक 6,094 करोड़ की राशि के 18,206 एसी विपत्रों के विरुद्ध डीसी विपत्र बकाया थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.