रांची: झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने सोमवार को दावा किया कि लॉकडाउन बढ़ने की वजह से सरकार के सामने ढेरों चुनौतियां आ गई हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की चुनौती है, वहीं दूसरी तरफ लोगों का पेट भरने को लेकर सरकार चिंतित है. उन्होंने कहा कि अभी प्राथमिकता प्रवासी मजदूरों के रोजगार सृजन को लेकर है.
श्रम मंत्री ने कहा कि सरकार उन बिंदुओं पर विचार कर रही है, जिसके आधार पर प्रवासी मजदूरों को उनकी कुशलता के हिसाब से रोजगार मिल पाए और उन्हें कुछ आर्थिक सहायता पहुंचाया जा सके.
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सोमवार को कोरोना महामारी को लेकर चलाए जा रहे सरकारी कार्यक्रम के लिए बनी मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक हुई, जिसके बाद मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि यह तय किया गया है कि प्रवासी मजदूरों को हर हाल में झारखंड लाया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए अब तक 64 ट्रेनें आ चुकी हैं और 76 अन्य ट्रेनों को राज्य सरकार के तरफ से एनओसी दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर जैसे आ रहे हैं तय मानक के अनुसार उन्हें होम क्वॉरेंटाइन या पंचायत भवन में रखा जा रहा है. वहीं उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए अपने सभी संसाधनों का उपयोग करेगी, साथ ही उन्होंने बताया कि लॉकडाउन 4 को लेकर मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारी बैठकर तय करेंगे कि क्या फैसला लेना है.