रांची: प्रदेश में जल्द राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार काम करना शुरू कर देगा. पिछले महीने कैबिनेट की बैठक में प्राधिकार के गठन को मंजूरी मिली थी. ऐसे में इसके काम करने से राज्य को आपदा के क्षेत्र में राहत पहुंचने में सहायता मिलेगी. आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अध्यक्ष मुख्यमंत्री और उपाध्यक्ष विभागीय मंत्री होंगे.
आपदा प्रबंधन प्राधिकार का गठन
झारखंड राज्य अलग होने के बाद पहली बार राज्य में आपदा प्रबंधन प्राधिकार का गठन हो रहा है. कैबिनेट से इसको मंजूरी मिल चुकी है. राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता का मानना है कि यह मील का पत्थर साबित होगा. इसके गठन से राज्य में आपदा से नुकसान होने पर उसकी भरपाई जल्द होगी, साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल टावर से भी टाईअप कर मैसेज के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में ढोल-ताशा बजा कर लोगों को जागरूक किया जाएगा.
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राज्य के कई क्षेत्रों को लाभ मिल सकेगा
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि झारखंड राज्य में बड़े-बड़े पहाड़ हैं और बादल नजदीक हैं. ऐसे में वज्रपात की ज्यादा संभावनाएं होती है, जिससे दुर्घटनाएं होती है. इतना ही नहीं जंगल होने की वजह से इन इलाकों में सर्पदंश, हाथियों के आतंक समेत अन्य आपदा होने की संभावना ज्यादा होती है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग सजग है और आपदा प्रबंधन को मजबूत करने की ओर आगे बढ़ रही है. आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, साथ ही विभागीय मंत्री इस के उपाध्यक्ष होंगे. इस प्राधिकार में मुख्य सचिव समेत चार विभाग के सचिव भी सदस्य होंगे. इसके लिए भी बाइलॉज तैयार किया जा चुका है. ऐसे में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के गठन से राज्य के कई क्षेत्रों में लाभ मिल सकेगा, साथ ही आपदा की स्थिति में राहत कार्य में भी तेजी लाई जा सकेगी.