रांची: दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja Festival) को लेकर लोगों में खासा उत्साह है. कोरोना महामारी के बाद 2 वर्षों तक बंद रहे सार्वजनिक पूजा कार्यक्रम के बाद इस साल भव्य पंडाल सजाए गए हैं. इससे लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है. लोग पूजा के लिए घरों से निकल कर पंडाल तक पहुंच रहे हैं. पंडालों की सजावट देखने के लिए लोगों की भीड़ देखने लायक है. बाजारों में भी भीड़ है, लोग दुर्गा पूजा के मौके पर नए कपड़े व अन्य सामान खरीद रहे हैं. शहर के अल्बर्ट एक्का चौक से लेकर बूटी मोड़ चौक, लालपुर बाजार, अपर बाजार, बिरसा चौक समेत तमाम बाजारों में कपड़ों की दुकानों पर इन दिनों खरीदारों की भीड़ देखने को मिल रही है. फेस्टिव सीजन में बाजार में खरीदारों के लौटने से व्यापारियों के चेहरे पर हंसी लौट आई है (Buyers in market in festive season Ranchi).
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रांची के अपर बाजार में कपड़े की दुकान चला रहे संजू गुप्ता का कहना है कि इस वर्ष आने वाले त्योहारों में भी लोग खरीदारी के लिए निकलते हैं तो व्यापारियों की स्थिति में सुधार आएगा. उनका कहना है कि 2 वर्षों से दुर्गा पूजा पर भी बंदी सा माहौल था. लोग पैसे खर्च करने से परहेज कर रहे थे. लॉक डाउन से बाजार घूमने की अनुमति नहीं थी. लेकिन इस साल लोग घरों से निकल रहे हैं. शहर के परंपरागत बाजारों के साथ मॉल में भी लोग त्योहारी खरीदारी कर रहे हैं. रेडीमेड और फैंसी ड्रेस खरीदते नजर आ रहे हैं. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक दुर्गा पूजा को लेकर बाजारों में दिख रहे हैं.
झारखंड थोक एवं रेडीमेड वस्त्र विक्रेता संघ के पूर्व अध्यक्ष और शहर के बड़े कपड़ा व्यवसायी प्रवीण लोहिया का कहना है कि पिछले दो वर्ष की तुलना करें तो इस वर्ष लोगों की भीड़ बाजारों में दिख रही है. प्रवीण लोहिया का कहना है कि राज्य भर के कपड़ा व्यवसायियों से मिली जानकारी के अनुसार यही कहा जा सकता है कि इस वर्ष कपड़ों का बाजार कुल मिलाकर अच्छा है. थोक एवं रेडीमेड कपड़ा विक्रेता संघ से मिली जानकारी के अनुसार राज्य भर में करीब 300 से 400 करोड़ के कपड़ों के कारोबार होने का अनुमान है. प्रवीण लोहिया बताते हैं कि जिस प्रकार से बारिश को लेकर उम्मीद जताई गई थी कि बाजार भी मंदी से प्रभावित हो सकता है. लेकिन लोगों ने खराब मौसम के बावजूद कपड़ों की खरीदारी की है.
वहीं, झारखंड थोक कपड़ा विक्रेता संघ के सचिव प्रमोद कुमार शाश्वत का कहना है कि राज्य भर में करीब 10 से 12 हजार कपड़ों की ऑथराइज्ड दुकान संचालित हैं. राज्य भर में लगभग ढाई लाख से तीन लाख लोग कपड़े के व्यापार से जुड़े हुए हैं. इस बार जिस प्रकार से लोगों ने कपड़े की खरीदारी की इससे तो यही लग रहा है झारखंड में पूजा के बाद कपड़े के व्यापारियों के साथ-साथ राज्य सरकार का भी राजस्व बढ़ेगा.