रांचीः सरकार की उदासीन रवैया से नाराज व्यवसायियों ने शुक्रवार शाम कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के आवास का घेराव किया. चेंबर ऑफ कॉमर्स के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में व्यवसायी कृषि मंत्री के आवास पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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कृषि शुल्क के विरोध में व्यापारियों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा. पंडरा बाजार समिति सहित राज्य के विभिन्न बाजार समितियों में खाद्यान्नों का आगक और जावक बाधित रही. इस दौरान चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन ने कहा कि सरकार मनमाने ढंग से कानून को लागू कराना चाहती है. तीन दिन से राज्य में खाद्यान्न, फल और सब्जी का थोक कारोबार बाधित है. करोड़ों का कारोबार ठप रहा और सरकार सोई हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार को यह काला कानून वापस लेना होगा.
झारखंड चेंबर ऑफ काॅमर्स के आह्वान पर कई व्यवसायिक संगठन सड़क पर उतर आए हैं. इसमें रांची सैनिटरी वेयर मरचेंट्स एसोसिएशन, झारखंड इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन, कोकर व्यापार संघ, लालपुर व्यवसायी समिति, रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन, रांची मोटर डीलर्स एसोसिएशन, झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ, रांची रेडीमेड होजियरी संघ, छोटानागपुर फायरवर्क्स डीलर्स एसोसिएशन, मेन रोड व्यवसायी समिति (मल्लाह टोली विंग), मेन रोड दुकानदार सहयोग समिति (सेंट्रल), रांची कैटल फीड ट्रेडर्स एसोसिएशन, रांची मार्बल टाईल्स संघ, ब्रोकर एसोसिएशन, झारखंड डिस्पोजल एसोसिएशन शामिल है. इन सभी संगठनों ने शनिवार को दोपहर 2 बजे तक अपना प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय लिया है.
झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक- 2022 के विरोध में जारी राज्यव्यापी आंदोलन के तीसरे दिन झारखंड में खाद्य वस्तुओं की आवक-जावक और कृषि संबंधी थोक व्यवसाय की दुकानें और आलू-प्याज की थोक मंडियां पूरी तरह बंद रही. राइस मिल्स, फ्लाॅवर मिल्स सहित अन्य खाद्य संबंधित मैनुफैक्चरिंग प्लांट में भी बंद रहा. चेंबर के महासचिव डाॅ अभिषेक ने कहा कि त्योहारी सीजन पास है और झारखंड में खाद्यान्न व्यापार बंद है. उपभोक्ता हित में खाद्यान्न व्यवसायियों का प्रदेश में जिस तरह आंदोलन चल रहा है. इसमें सबसे अधिक उपभोक्ता प्रभावित होंगे.