रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत 27 फरवरी से हो रही है. 24 मार्च तक चलने वाले इस सत्र में 17 कार्य दिवस होंगे. बजट सत्र का आरंभ 27 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण से होगा. यह बजट सत्र कई मायनों में अहम होगा. एक बार फिर राज्य सरकार इस बजट सत्र के दौरान जहां नई नियोजन नीति लाने की तैयारी में है, वहीं तीन मार्च को पेश होने वाले 2023-24 के वार्षिक बजट में क्या कुछ खास होगा, इस पर राज्यवासियों की नजर रहेगी. इस बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार के द्वारा कई विधेयक भी सदन के पटल पर लाए जाएंगे.
27 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कार्यवाही होगी शुरूः 28 फरवरी को सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल और राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वाद-विवाद के साथ होगा. इसके अलावा एक मार्च को सदन में प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 22-23 का तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी लायी जाएगी. इसी दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वाद-विवाद और सरकार का उत्तर और मतदान होगा. दो मार्च को सदन में प्रश्नकाल और वित्तीय वर्ष 22-23 के तृतीय अनुपूरक पर वाद-विवाद, मतदान और इसे पारित किया जाएगा. तीन मार्च को सदन में प्रश्नकाल के अलावे वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के द्वारा 2023-24 का बजट पेश किया जाएगा. सदन की कार्यवाही पांच मार्च से लेकर 12 मार्च 2023 तक होली के कारण बाधित रहेगी.
पांच से 12 मार्च तक बाधित रहेगी सदन की कार्यवाहीः होली के बाद 13 मार्च को सदन की कार्यवाही शुरू होगी. जिसमें प्रश्नकाल के अलावे वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट पर सामान्य वाद-विवाद होंगे. 14 मार्च को सदन में प्रश्नकाल और वित्तीय वर्ष 2023- 24 के आय-व्यय के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद सरकार का उत्तर और मतदान होगा. 15 मार्च को सदन में प्रश्नकाल और वित्तीय वर्ष 2023-24 के हाईवे के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान कराया जाएगा. इसी तरह 16 मार्च से लेकर 18 मार्च तक सदन की कार्यवाही में प्रश्नकाल और वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय-व्यय अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान कराया जाएगा. 20 और 21 मार्च को सदन में प्रश्नकाल और वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय-व्यय के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान होगा. 22 मार्च को सदन में प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय-व्यय के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान के अलावे विनियोग विधेयक लाए जाएंगे. 23 मार्च को प्रश्नकाल के अलावे सदन में राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य होंगे. 24 मार्च को बजट सत्र के अंतिम दिन सदन में प्रश्नकाल, राजकीय विधायक और अन्य राजकीय कार्य पर चर्चा के अलावा गैर सरकारी सदस्यों के कार्य होंगे.
24-25 को विधानसभा में बजट सत्र को लेकर होगी बैठकः बजट सत्र को लेकर झारखंड विधानसभा में 24 और 25 फरवरी को स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने बैठक बुलाई है. 24 फरवरी को आला अधिकारियों के साथ विधानसभा में बैठक होगी. जिसमें विधि-व्यवस्था से लेकर सदन की कार्यवाही और विधायक द्वारा पूछे जाने वाले सवालों के जवाब से संबंधित चर्चा होगी. 25 फरवरी को विधायक दल के नेता के साथ स्पीकर की बैठक होगी. जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई दलों के नेता उपस्थित होंगे. हालांकि अब तक की बैठक में नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर नाराज चल रही प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी दूर रही है. इस बार भी संभावना जतायी जा रही है कि सदन नेता प्रतिपक्ष के बगैर ही चलेगा.
बजट सत्र को लेकर सत्तापक्ष-विपक्ष ने की तैयारीः बजट सत्र को लेकर एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने तैयारी शुरू कर दी है. सत्ता पक्ष की ओर से सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब देने की पूरी तैयारी की गई है. इसको लेकर सत्तारूढ़ दल की बैठक 27 फरवरी को होने की संभावना है. इसी तरह प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार की विफलता को सदन में लाने की तैयारी की है. जिसके तहत नियोजन नीति, महिला उत्पीड़न जैसे मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक भी 26 फरवरी को होने की संभावना है. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने विपक्ष पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि सदन में भारतीय जनता पार्टी सहयोग नहीं करती है. जिस वजह से सदन हंगामेदार हो जाता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बजट सत्र के दौरान नियोजन नीति लाकर युवाओं को सौगात देने का काम करेगी और बाधित नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू की जाएगी. इधर, सरकार के सहयोगी दल कांग्रेस ने बजट सत्र को लेकर तैयारी पूर्ण होने का दावा करते हुए कहा है कि जो जनता से वादा किए गए हैं उसे पूरा करने के लिए सरकार तत्पर है और सदन में इसको लेकर एक के बाद एक योजना लायी जा रही है. इस बार के बजट में पार्टी की घोषणा पत्र के अनुरूप योजनाएं देखने को मिलेगी. पार्टी नेता शमशेर आलम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी भले ही विरोध करें, लेकिन सरकार से जो पार्टी ने जनता से वादा किया है उसे पूरा करने के लिए सरकार तत्पर है और सदन में इस बार भी यह देखने को मिलेगा.