रांची: नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी की बैठक बुधवार को मेयर आशा लकड़ा के नेतृत्व में हुई. जिसमें 2276 करोड़ का बजट पारित किया गया. साथ ही नगर निगम की चल रही योजनाओं में राशि की जरूरत और योजना को बेहतर तरीके से धरातल पर उतारने के सुझाव दिए गए. बैठक में वर्तमान में निगम की चल रही योजनाओं में आ रही वित्तीय समस्या को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखने पर भी सहमति जताई गई.
मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि प्री बजट पारित किया गया है. उन्होंने बताया कि बैठक में नगर के विकास और जनता के विकास के लिए चर्चा की गई है, साथ ही नगर निगम किस तरह से आगे बढ़े इसको लेकर बजट पारित किया गया है. उन्होंने 2020-21 के बजट में निगम के स्रोत से संभावित 205 करोड़ आय की जानकारी दी. मेयर आशा लकड़ा ने बताया कि गैर योजना मद में सरकार की सहायता से 44 करोड़, योजना मद में सरकार की सहायता से 620 करोड़, केंद्र सरकार से सहायता मद में 653 करोड़ और इसी तरह अलग-अलग मद में निगम की नियमावली के तहत बजट का 25% राशि वृद्धि करते हुए कुल 2276 करोड़ का बजट पारित किया गया है.
मेयर ने बताया कि इसके तहत रांची की जनता को पानी उपलब्ध कराने, साफ सफाई की व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, खेल का मैदान, लाइटिंग, सड़क, नाली,बिजली, कौशल विकास, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता के लिए टॉयलेट और सिटी बस समेत खासतौर पर एजुकेशन के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रावधान रखे गए हैं, ताकि स्कूल में साफ-सफाई, पानी की व्यवस्था की जा सके. उन्होंने कहा कि स्टैंडिंग कमेटी में संशोधित बजट रखा गया है, इसे काउंसिल मीटिंग में लाकर पारित किया जाएगा.
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वहीं डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि निगम की इनकम कैसे बढ़े इस पर विशेष चर्चा की गई है और रेवेन्यू बढ़ाने के लिए प्रस्ताव लाए गए हैं. जिसके तहत प्रोफेशनल टैक्स, शहर में होने वाले रजिस्ट्रेशन से प्राप्त आय समेत अन्य विभाग से रेवेन्यू पर चर्चा की गई है, साथ ही निगम के हिस्सेदारी में जो रेवेन्यू आता है, उसे सरकार से मांगने के लिए प्रस्ताव लाए गए हैं. उन्होंने कहा कि शहर में निगम लॉस में चल रहा है, लेकिन आने वाले समय में प्रॉफिट में दिखेगा, इसके तहत नगर सुविधा को बढ़ाया जाएगा और शिक्षण संस्थानों में आवश्यक सुविधा के तहत काम किया जाएगा.
संजीव विजयवर्गीय ने बताया कि रांची में हॉस्टल और लॉज में नक्शा अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है, ताकि उससे निगम का रेवेन्यू बढ़ सके और निगम मजबूत हो सके, साथ ही शहर में लगने वाले सैकड़ों फूड वैन को वैध कैसे किया जाए, इस पर चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद विकास कार्यों में अवरोध महसूस किया जा रहा है, क्योंकि भुगतान नहीं हो रहा है. ऐसे में नगर आयुक्त को सरकार को पत्र लिखने के लिए कहा गया है और बंद पड़ी ट्रेजरी को खोलने का आग्रह करने की बात कही गई है, ताकि शहर में चल रही योजनाओं में रुकावट ना आए.
वहीं नगर आयुक्त मनोज कुमार ने कहा कि वर्तमान में निगम के इनकम से ज्यादा एक्सपेंडिचर है, ऐसे में इसे कैसे बढ़ाया जाए और निगम फाइनेंसली किस तरह से मजबूत हो सके, इस पर विशेष चर्चा की गई है और कई प्रावधान लाए गए हैं. निगम के रेवेन्यू इकट्ठा करने के लिए जो प्रावधान हैं, उसके लिए सरकार से अनुमति लेने के प्रस्ताव बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि शहर के खाली पड़ी निगम के जमीनों पर नए कैपिटल पीपीपी मोड में बनाकर कैसे रेवेन्यू जेनरेट किया जाए और निगम की इनकम बढ़ सके, इस पर विशेष चर्चा की गई है और निगम के दुकानों को अपग्रेड कर रेवेन्यू के लिए काम किए जाने का प्रस्ताव भी लाया गया है.