रांची: राजधानी रांची के धुर्वा स्थित एचईसी कारखाना आए दिन चर्चा का विषय बना रहता है. क्योंकि एचईसी के कर्मचारी अपने हक और अधिकार की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते आए दिन दिखते हैं. लेकिन इस बार एचईसी अपनी लापरवाही को लेकर चर्चा में है. एचईसी के अंदर बनने वाले कई महत्वपूर्ण सामान और पार्ट्स खुले में पड़े हुए हैं.
दरअसल एचईसी के एचएमटीपी प्लांट का बाउंड्री वॉल पिछले दिनों टूट गया. जिससे एचएमटीपी प्लांट में रखे कई पार्ट्स के चोरी होने की बात सामने आ रही है. बाउंड्री वॉल टूटने की वजह से एचएमटीपी प्लांट की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है. एचएमटीपी प्लांट का बाउंड्री वॉल करीब डेढ़ सौ मीटर टूट गया है. जिससे प्लांट के अंदर असामाजिक तत्व आसानी से प्रवेश कर जा रहे हैं.
एचएमटीपी प्लांट की दीवार टूटने के बाद मजदूरों में खासा आक्रोश है. मजदूर नेता भवन सिंह ने बताया कि एचईसी की सुरक्षा पर खतरा है, क्योंकि एचएमटीपी प्लांट में डिफेंस के कई ऐसे सामान बनते हैं जो काफी महत्वपूर्ण हैं. एचईसी मजदूर नेता भवन सिंह ने बताया कि कॉपर, इलेक्ट्रिक तार जैसे कई ऐसे समान हैं जो काफी महंगे हैं और जिसे बेचकर आने वाले दिनों में एचईसी मजदूरों का वेतन भी दे सकता है, लेकिन प्रबंधन के लापरवाही से सारे महंगे सामान की चोरी हो रही है और इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं जा रहा है.
उन्होंने कहा कि एचईसी प्रबंधन को तुरंत ही सीआईएसएफ के जवानों को बाउंड्री वाल के पास तैनात करना चाहिए ताकि कोई भी असामाजिक तत्व टूटे हुए बाउंड्री वॉल से अंदर प्रवेश ना कर सके. कई दिन हो जाने के बावजूद अब तक एचईसी प्रबंधन इसको लेकर गंभीर नहीं है. जिससे एचईसी की संपत्ति बर्बाद हो रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से एचईसी प्रबंधन पूरे मामले में लापरवाह दिख रहा है, उससे यही प्रतीत होता है कि चोरी करवाने में एचईसी प्रबंधन की संलिप्तता है.
धुर्वा इलाके में केंद्र सरकार के चल रहे प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के निर्माण के दौरान एचएमटीपी के पिछले बाउंड्री वॉल को तोड़ा गया है. जिसको लेकर केंद्र सरकार पर भी मजदूर कई आरोप लगा रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि जब केंद्र सरकार की चल रही प्रोजेक्ट की वजह से बाउंड्री वॉल तोड़े गए हैं तो सुरक्षा भी केंद्र सरकार को ही प्रदान करवानी चाहिए.
बाउंड्री वॉल टूटने को लेकर हमने जब प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई तो इस पर कोई भी जवाब नहीं आया, क्योंकि वर्तमान में एचईसी प्रबंधन के पास कोई भी आधिकारिक प्रवक्ता मौजूद नहीं है जो इस घटना पर बोल सके. गौरतलब है कि एचएमटीपी प्लांट में डिफेंस के कई यंत्र बन रहे हैं. ऐसे में मजदूरों का आरोप कहीं ना कहीं जायज है. अब देखने वाली बात होगी कि मजदूरों के आरोप के बाद एचईसी प्रबंधन एचएमटीपी प्लांट की टूटी हुई चहारदीवारी कब तक बनाती है.
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