रांची: राज्य सरकार के शिक्षा विभाग शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में राज्य के सरकारी स्कूलों में झारखंड सरकार द्वारा बच्चों को नि:शुल्क उपलब्ध कराने वाली पुस्तकों पर क्विक रिस्पांस कोड लगाने पर विचार कर रही है.
निशुल्क मुहैया कराने वाली किताबों में क्यूआर कोड लगाने पर विचार
इस कोड के जरिए बच्चे स्कैन कर अपने मोबाइल पर इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे. वहीं, झारखंड के संथाली भाषा ओलचिकि लिपि में तैयार कक्षा 8 तक की पुस्तकों को भी पाठ्यक्रम में लागू किए जाने का निर्णय भी विभाग ने लिया है. राज्य के सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन सुचारू तरीके से हो और शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त हो, इसी उद्देश्य को लेकर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने झारखंड के सरकारी स्कूल के बच्चों को निशुल्क मुहैया कराने वाली किताबों में क्यूआर कोड लगाने पर विचार कर रही है.
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विभाग का तर्क है कि इस कोड के माध्यम से बच्चे अपने मोबाइल पर ऑनलाइन भी पठन सामाग्रियों की जानकारी हासिल कर सकेंगे. वहीं, क्यूआर कोड सभी कक्षाओं की सभी विषयों के किताबों में लगाए जाने का निर्णय लिया गया है. संभवत इसी सत्र से इस दिशा में कदम बढ़ाई जाएगी.
6 से 8 तक की पुस्तकों को ओलचिकि लिपि में किए जा रहे है तैयार
पहली बार झारखंड के कक्षा 6, 7 और 8 तक की पुस्तकों को अन्य भाषाओं के अलावे संथाली भाषा ओलचिकि लिपि में तैयार किया जा रहा है. पहली बार इस लिपि में भी बच्चों को किताबें मिलेंगीय. शिक्षा विभाग का यह निर्णय काफी सराहनीय पहल है. इससे आदिवासी समुदाय के बच्चों को काफी फायदा मिलेगा.