रांची: कोरोना काल में कई संक्रमित मरीजों की जान बचाने में प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित हुई है. दूसरी तरफ संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जाहिर सी बात है कि कोरोना को लेकर चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुईं हैं. भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने रक्त संकलन के लिए एक विशेष योजना तैयार की है.
इसका शुभारंभ 1 अक्टूबर से होगा जो 15 अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान जगह-जगह स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाया जाएगा. इसके अलावा 12 सप्ताह पर आधारित एक कैलेंडर बनाया गया है. इस दौरान 50 हजार यूनिट रक्त संग्रह का लक्ष्य रखा गया है. JSACS के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजीव रंजन ने योजना की विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 22 मार्च से 23 सितंबर तक 97,612 यूनिट रक्त संग्रह किया गया और 1,05,052 यूनिट का वितरण किया गया. अभी समिति के अधीन 31 और अन्य 28 रक्त संग्रह केंद्र कार्यरत हैं.
50 हजार यूनिट संग्रहण के लिए बना कैलेंडर
इसके लिए 12 सप्ताह का कैलेंडर तैयार किया गया है. इस दौरान तमाम संगठनों को प्रोत्साहित कर इससे जोड़ने की तैयारी की गई है. इस दौरान सभी नगर निगम, नगर पर्षद, पुलिस लाइन, सीआरपीएफ- सीआईएसफ कैंप, विश्वविद्यालय, नगर पंचायतों के अलावा प्रखंड स्तर पर सप्ताहिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा.
ई-रक्तकोष पोर्टल पर रक्त उपलब्धता की जानकारी
राजीव रंजन ने बताया कि राज्य एड्स नियंत्रण समिति के ई-रक्तकोष पोर्टल से कोई भी रक्त उपलब्धता की जानकारी ले सकता है. उन्होंने कहा कि पोर्टल अपडेट होने में 24 घंटे का अंतराल होता है. बताया कि रक्त उपलब्धता की जानकारी पोर्टल से लेकर कोई भी जरूरतमंद लाभ उठा सकता है.
राज्य के आठ सदर अस्पताल बने रक्त अधिकोष केंद्र
राज्य के आठ जिलों के सदर अस्पतालों में नया रक्त अधिकोष केंद्र कार्यरत किया गया है. इनमें गोड्डा, जामताड़ा, सरायकेला, रामगढ़, खूंटी, जमशेदपुर सदर, रांची सदर एवं बोकारो शामिल हैं. बताते चलें कि राज्य में रिम्स रांची, एमजीएमसीएच जमशेदपुर और पीएमसीएच धनबाद को रीजनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेंटर का दर्जा प्राप्त है.
प्लाजमा डोनेशन के लिए जागरूकता पर जोर
प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि राज्य एड्स नियंत्रण समिति कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को प्रोत्साहित कर प्लाज्मा दान के लिए जागरूक कर रहा है. अभी तक 210 यूनिट प्लाज्मा का संग्रह किया गया है और 200 यूनिट का वितरण भी किया जा चुका है.
कोई भी ऐसा व्यक्ति जो कोरोना से स्वास्थ्य लाभ के बाद 28 दिनों की अर्हता पूरी कर चुका हो, वह प्लाज्मा दान कर सकता है. उन्होंने कहा कि मुसीबत की इस घड़ी में बढ़-चढ़कर लोगों को प्लाज्मा दान करना चाहिए.