रांची: राजधानी के ब्लड बैंकों में खून की कमी और ऑनलाइन स्टेट्स रिपोर्ट की व्यवस्था नहीं होने से मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है. जरुरतमंद मरीज के परिजनों को ब्लड के दर-दर भटकना पड़ता है. इससे निपटने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग और दूसरे संस्थान ब्लड डोनेशन कैंप लगाते हैं. आज झारखंड हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी की ओर से हाईकोर्ट कैंपस में मेगा ब्लड डोनेशन कैंप लगाया गया.
सदर अस्पताल, रांची, हाईकोर्ट इंप्लाई को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, झारखंड थैलेसीमिया फाउंडेशन और वॉलूंट्री ब्लड डोनर एसोसिएशन ने इस नेक काम में सहयोग किया. जजेज रिक्रिएशन हॉल और एडवोकेट ब्लॉक में लगे कैंप में अधिवक्ताओं, कोर्ट कर्मियों और सुरक्षाकर्मियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया. इस दौरान ब्लड डोनेशन करने वालों को फल और जूस दिया गया.
मेगा ब्लड डोनेशन कैंप का शुभारंभ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा ने किया. इस दौरान अन्य न्यायाधीश और महाधिवक्ता भी मौजूद थे. आपको बता दें कि सरकारी और गैर सरकारी को मिलाकर पूरे झारखंड में करीब 59 ब्लड बैंक हैं. इसके बावजूद मरीजों की जरुरत पूरी नहीं हो पाती है. सरकारी कर्मियों का कहना है कि निजी अस्पतालों की ओर से ब्लड डोनेशन को लेकर संजीदगी से पहल नहीं की जाती है. यही नहीं ब्लड डोनेशन को लेकर लोगों में भी जागरुकता की कमी है.
लोगों में एक गलत धारणा है कि बल्ड देने से उनकी शारीरिक क्षमता पर असर पड़ेगा. इसलिए हर स्तर पर जागरुकता जरुरी है. खास बात है कि राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में मॉडल ब्लड बैंक है लेकिन सपोर्टिंग स्टाफ की कमी है. जानकार कहते हैं कि हर अस्पताल अगर रोज दो यूनिट ब्लड भी अरेंज कर लें तो खून की कमी वाली समस्या से बहुत हद से निजात मिल सकती है.
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