रांची: विश्व और देश के साथ-साथ राजधानी में भी कोरोना वायरस के खौफ का असर स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है. इस वजह से राजधानीवासी अपने चेहरे पर मास्क लगाकर घूमते नजर आ रहे हैं. कोरोना वायरस के डर से रांची में भी मास्क और सैनिटाइजर की खरीदारी काफी बढ़ गई है, जिससे इसकी कालाबाजारी शुरू हो गई है.
मार्केट में मास्क की कमी
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में भी N95 मास्क की कमी देखी गई. इसे लेकर रिम्स के अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने बताया कि जिस प्रकार कोरोना वायरस के डर से मास्क की बिक्री बढ़ी है, उससे मार्केट में भी मास्क की काफी कमी हो गई है. इस वजह से बाजार में अधिक किमत पर मास्क मिल रहे हैं. मार्केट में मास्क की कमी होने के कारण रिम्स में कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों के इलाज करने वाले डॉक्टरों के लिए भी मास्क नहीं मिल पा रहा है.
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मास्क और सैनिटाइजर की कालाबाजारी
मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से निर्देश जारी किया गया है कि अगर कोई दवा दुकानदार या डीलर मास्क और सैनिटाइजर के दाम में बढ़ोतरी कर बेचता है तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि मास्क और सैनिटाइजर की कालाबाजारी कहीं से भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जब ईटीवी भारत की टीम ने लोगों से बात की तो उनका कहना था कि राजधानी के कुछ दुकानदारों की ओर से कालाबाजारी की जा रही है.
कोरोना से लड़ने की चुनौती
विदेश से आए कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकने के लिए सरकार लोगों से मास्क, ग्लब्स और सेनेटाइजर का प्रयोग करने को कह रही है, लेकिन जिस तरह से मार्केट में इन चीजों की कालाबाजारी बढ़ रही है. ये निश्चित रूप से कोरोना से लड़ने की चुनौती को कहीं ना कहीं कमजोर करता नजर आ रहा है. स्वास्थ विभाग ने लोगों से अपील की है कि अगर बाजार में मास्क नहीं मिलता है तो रुमाल या किसी कपड़े से भी खुद को ढक कर बचाव कर सकते हैं.