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ब्लैक फंगस की मरीज उषा देवी की मौत पर झारखंड हाई कोर्ट खफा, सर्जरी में देरी का जवाब नहीं दे पाए रिम्स निदेशक

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Published : Jul 22, 2021, 2:17 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 6:21 PM IST

ब्लैक फंगस से पीड़ित (black fungus patient)महिला उषा देवी की मौत मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने रिम्स प्रबंधन की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है. इस मामले में रिम्स निदेशक झारखंड हाई कोर्ट को उचित जवाब भी नहीं दे पाए.

black fungus patient Usha Devi case in Jharkhand High Court, RIMS director could not answer over patient death
ब्लैक फंगस की मरीज उषा देवी की मौत पर झारखंड हाई कोर्ट खफा, सर्जरी में देरी का जवाब नहीं दे पाए रिम्स निदेशक

रांची : ब्लैक फंगस से पीड़ित (black fungus patient)महिला उषा देवी की मौत के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत ने कहा कि हर जान की कीमत होती है, उसकी अनदेखी की गई. अदालत ने राज्य सरकार और रिम्स निदेशक से इस पर विस्तृत और बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा है.

ये भी पढ़ें-Usha Devi: ब्लैक फंगस मरीज का RIMS में ऑपरेशन, हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद बनी डॉक्टर्स की टीम

कोर्ट ने रिम्स निदेशक से पूछा कि, वह महिला कब भर्ती हुई थी? रिम्स निदेशक ने बताया कि लगभग 1 माह पूर्व वह महिला रिम्स आई थी. रिम्स निदेशक का जवाब सुनकर अदालत ने कहा कि सर्जरी में इतनी देर क्यों की गई? जिस पर रिम्स निदेशक कोई सकारात्मक जवाब नहीं दे पाए. फिर कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस में डॉक्टर्स ने काफी अच्छा काम किया. लेकिन इस मामले में मरीज की अनदेखी की गई. हर जान की कीमत होती है. इस मामले में हाई कोर्ट ने रिम्स निदेशक को इंटरनल जांच कर जवाब पेश करने को कहा है.

अधिवक्ता धीरज कुमार

कौन थीं उषा देवी

ब्लैक फंगस (Black Fungus) की मरीज उषा देवी को इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया था. कई दिन तक जब मरीज का ट्रीटमेंट नहीं शुरू हुआ तो मरीज के परिजनों ने उसके लिए इच्छामृत्यु की माग की. उषा देवी (Usha Devi) के परिजनों ने रिम्स परिसर में धरना भी दिया था. इस मामले पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया और उषा देवी का समुचित इलाज करने के निर्देश दिए. जिसके बाद रिम्स में उसका इलाज किया गया. रिम्स प्रबंधन ने एक टीम गठित कर सर्जरी भी कराई. हालांकि मरीज को नहीं बचाया जा सका और उषा देवी की मौत हो गई. इस पर उषा देवी के बेटे ने रिम्स प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसी मामले में सुनवाई हुई.

रांची : ब्लैक फंगस से पीड़ित (black fungus patient)महिला उषा देवी की मौत के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत ने कहा कि हर जान की कीमत होती है, उसकी अनदेखी की गई. अदालत ने राज्य सरकार और रिम्स निदेशक से इस पर विस्तृत और बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा है.

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कोर्ट ने रिम्स निदेशक से पूछा कि, वह महिला कब भर्ती हुई थी? रिम्स निदेशक ने बताया कि लगभग 1 माह पूर्व वह महिला रिम्स आई थी. रिम्स निदेशक का जवाब सुनकर अदालत ने कहा कि सर्जरी में इतनी देर क्यों की गई? जिस पर रिम्स निदेशक कोई सकारात्मक जवाब नहीं दे पाए. फिर कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस में डॉक्टर्स ने काफी अच्छा काम किया. लेकिन इस मामले में मरीज की अनदेखी की गई. हर जान की कीमत होती है. इस मामले में हाई कोर्ट ने रिम्स निदेशक को इंटरनल जांच कर जवाब पेश करने को कहा है.

अधिवक्ता धीरज कुमार

कौन थीं उषा देवी

ब्लैक फंगस (Black Fungus) की मरीज उषा देवी को इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया था. कई दिन तक जब मरीज का ट्रीटमेंट नहीं शुरू हुआ तो मरीज के परिजनों ने उसके लिए इच्छामृत्यु की माग की. उषा देवी (Usha Devi) के परिजनों ने रिम्स परिसर में धरना भी दिया था. इस मामले पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया और उषा देवी का समुचित इलाज करने के निर्देश दिए. जिसके बाद रिम्स में उसका इलाज किया गया. रिम्स प्रबंधन ने एक टीम गठित कर सर्जरी भी कराई. हालांकि मरीज को नहीं बचाया जा सका और उषा देवी की मौत हो गई. इस पर उषा देवी के बेटे ने रिम्स प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसी मामले में सुनवाई हुई.

Last Updated : Jul 22, 2021, 6:21 PM IST
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