रांची: शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही बेहद ही हंगामेदार रही. भाजपा विधायक सदन के अंदर कार्यस्थगन के जरिए राज्य में वर्तमान सरकार के द्वारा हुई नियुक्ति पर चर्चा करने की लगातार मांग कर रहे थे. इस दौरान बीजेपी विधायक वेल में आकर नारेबाजी कर रहे थे. सदन में हंगामा बढ़ता देख झारखंड विधानसभाध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, भानू प्रताप शाही और जेपी पटेल को इस सत्र के लिए सदन की कार्यवाही से निष्कासित कर दिया.
स्पीकर के निष्कासन की घोषणा के बाद मार्शल के जरिए हंगामा कर रहे सभी तीनों भाजपा विधायकों को सदन से बाहर कर दिया गया. इसके विरोध में भाजपा के सभी विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर हो गए. सदन से बाहर निकले बीजेपी विधायक विधानसभा परिसर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति के समक्ष धरना देकर हेमंत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
राज्यपाल से सस्पेंशन के खिलाफ गुहार लगायेंगे भाजपा विधायक: विधानसभा परिसर में सस्पेंशन के खिलाफ धरना पर बैठे भाजपा विधायकों ने विधानसभाध्यक्ष के द्वारा की गई इस कार्रवाई के विरोध में 19 दिसंबर को शाम 4 बजे राज भवन जाकर राज्यपाल से हेमंत सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे.
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी के नेतृत्व में विधानसभा परिसर में प्रदर्शन कर रहे भाजपा विधायकों ने कहा की भानु प्रताप शाही, अनंत ओझा और बिरंची नारायण के कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की जा रही थी. इसके जरिए राज्य के पारा शिक्षक या संविदा पर कार्यरत कर्मियों के बारे में सदन में सरकार से जवाब मांगे जाने थे. जेपीएससी और जेएसएससी के जरिए जो इस सरकार ने अपने कार्यकाल में नियुक्तियां की है उसके बारे में जवाब मांगी जा रही थी, लेकिन यह सरकार इस पर जवाब देने के बजाय भाजपा विधायकों को निष्कासित किया है. ऐसे में अगर इन विधायकों का निष्कासन वापस नहीं होता है तो भारतीय जनता पार्टी चुप नहीं बैठेगी और इसके खिलाफ आंदोलन तेज होगा चाहे सदन में भाजपा के सभी विधायकों को क्यों नहीं निष्कासित कर दिया जाए.
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