रांची: अनुसूचित जाति के छात्रों की शिक्षा के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा और अहम निर्णय लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 6000 करोड़ रुपये की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी दी गई है. जिसकी प्रशंसा विधायक अमर बाउरी ने की. साथ ही उन्होंने पीएम और सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय के मंत्री को धन्यवाद दिया है.
छात्रवृत्ति योजना का लाभ
विधायक अमर बाउरी ने कहा है कि इस छात्रवृत्ति योजना में एससी छात्रों के लिए मैट्रिक के बाद किए जाने वाले कोर्स में पढ़ाई, रहने, खाने में होने वाले खर्च की व्यवस्था की गई है. जो मैट्रिक के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, वह इस छात्रवृत्ति योजना का लाभ ले सकते हैं.
60 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति
विधायक ने कहा कि 1944 छात्रवृत्ति योजना शुरू हुई है, जिससे अब तक 60 लाख छात्रों को सालाना छात्रवृत्ति मिलती है. इस योजना के दायरे में आने के बाद 1 करोड़ 36 लाख अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को लाभ मिलेगा. यह केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से चलने वाली योजना है. इसके तहत 60 प्रतिशत केंद्र की सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार को छात्रवृत्ति का वहन करना है.
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डीबीटी के माध्यम से मिलेगी छात्रवृत्ति
विधायक अमर बाउरी ने कहा कि पहले छात्रवृत्ति लेने के लिए लाल फीताशाही होती थी और छात्रों के पास आउट करने के बाद छात्रवृत्ति सालों बाद मिलती थी. लेकिन इस योजना के तहत जातीय सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और कोर्स के बारे में जानकारी लेकर डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति दी जाएगी. ताकि पारदर्शिता के साथ छात्रों को ही छात्रवृत्ति का पैसा मिले.
छात्रों का भविष्य उज्जवल
विधायक ने कहा कि देश के अंदर ऐसे परिवार जिनके माता-पिता अशिक्षित है और अभावग्रस्त हैं. उनके बच्चों को इसमें जोड़ने के लिए विशेष रूप से ध्यान देना है. उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि इस योजना के माध्यम से एससी वर्ग के छात्रों के जीवन और भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए प्रयास करें.
लोगों को मिलेगा लाभ
विधायक ने कहा कि झारखंड सरकार ने कैबिनेट में 10 एसटी छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा लेने के मकसद से भेजने की योजना लाई गई है. यह स्वागत योग्य है. लेकिन उन्होंने आग्रह किया है कि एससी छात्रों को भी इस तरह की लाभकारी योजना से लाभ मिल सके.