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मुख्यमंत्री राजनीतिक लाभ के लिए स्कॉलरशिप घोटाले को लेकर दे रहे गलत बयान, जनता से मांगें माफी: बीजेपी - BJP accused Cm of making false statements

रांची में अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति को लेकर पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बयान दिया था, जिसके बाद बीजेपी ने प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि दुमका में चुनाव के ठीक 1 दिन पहले इस तरह का बयान राजनीतिक लाभ लेने के लिए दिया गया है. बीजेपी प्रवक्ता से सीएम को जनता से मांफी मांगने को कहा है.

BJP reacts to CM Hemant statement on scholarship scam in ranchi
बीजेपी की पीसी
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Published : Nov 4, 2020, 4:04 PM IST

Updated : Nov 4, 2020, 4:28 PM IST

रांची: झारखंड में अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति केंद्र सरकार नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से सीधे विद्यार्थियों के खाते में भेजा जाता है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के स्कॉलरशिप घोटाले पर दिए गए बयान को लेकर प्रदेश की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर गलत बयानबाजी का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा है कि इस तरह के बयानबाजी के लिए सीएम को राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

बीजेपी ने सीएम के बयान की नींदा की



बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मुख्यमंत्री ने स्कॉलरशिप को लेकर पिछले बीजेपी सरकार पर घोटाले का आरोप लगाया है, ये सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के तहत दिया गया बयान है. उन्होंने कहा कि दुमका में चुनाव के ठीक 1 दिन पहले इस तरह का बयान राजनीतिक लाभ लेने के लिए दिया गया है, संवैधानिक पद पर बैठा हुआ व्यक्ति इस तरह की बयानबाजी कर रहा है, तो वह प्रजातंत्र के लिए सुखद संदेश नहीं हो सकता है.

रघुवर सरकार की तारीफ
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के सचिव ने 5 जुलाई 2019 को झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, उन्होंने स्कॉलरशिप स्कीम के सत्यापन और भौतिक जांच के निर्देश दिए थे, राज्य सरकार के उपक्रम अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम की ओर से आए रिपोर्ट के बाद राज्य की रघुवर सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए 46000 विद्यालय और संस्थान, जिन्हें स्कॉलरशिप स्कीम के तहत लाभ मिल रहा था, उसमें जो अहर्ता पूरी नहीं कर रहे थे, उनको हटाया गया था, इसके तहत अहर्ता पूरी करने वाले मात्र 3100 संस्थान ही बचे थे, वही स्कॉलरशिप के लिए आए दो लाख आवेदन में 95000 को ही स्वीकृत किया गया.


इसे भी पढे़ं:- दुमका और बेरमो में जीत को लेकर आश्वस्त महागठबंधन, मतदाताओं को दिया धन्यवाद


बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व की रघुवर सरकार ने इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की थी, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बयानबाजी से यह साफ हो गया है कि सोची समझी साजिश के तहत दुमका चुनाव के ठीक पहले इस मुद्दे को उछाला गया, ताकि पूर्व की बीजेपी सरकार को बदनाम किया जा सके और मतदान के माध्यम से फायदा उठाया जा सके. उन्होंने कहा कि बीजेपी इसकी कड़ी निंदा करती है, इस मामले पर पूर्व की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाने की बजाय 10 महीने में इस मसले पर गठबंधन की सरकार ने क्या कुछ किया है, इसे बताना चाहिए.

रांची: झारखंड में अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति केंद्र सरकार नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से सीधे विद्यार्थियों के खाते में भेजा जाता है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के स्कॉलरशिप घोटाले पर दिए गए बयान को लेकर प्रदेश की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर गलत बयानबाजी का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा है कि इस तरह के बयानबाजी के लिए सीएम को राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

बीजेपी ने सीएम के बयान की नींदा की



बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मुख्यमंत्री ने स्कॉलरशिप को लेकर पिछले बीजेपी सरकार पर घोटाले का आरोप लगाया है, ये सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के तहत दिया गया बयान है. उन्होंने कहा कि दुमका में चुनाव के ठीक 1 दिन पहले इस तरह का बयान राजनीतिक लाभ लेने के लिए दिया गया है, संवैधानिक पद पर बैठा हुआ व्यक्ति इस तरह की बयानबाजी कर रहा है, तो वह प्रजातंत्र के लिए सुखद संदेश नहीं हो सकता है.

रघुवर सरकार की तारीफ
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के सचिव ने 5 जुलाई 2019 को झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, उन्होंने स्कॉलरशिप स्कीम के सत्यापन और भौतिक जांच के निर्देश दिए थे, राज्य सरकार के उपक्रम अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम की ओर से आए रिपोर्ट के बाद राज्य की रघुवर सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए 46000 विद्यालय और संस्थान, जिन्हें स्कॉलरशिप स्कीम के तहत लाभ मिल रहा था, उसमें जो अहर्ता पूरी नहीं कर रहे थे, उनको हटाया गया था, इसके तहत अहर्ता पूरी करने वाले मात्र 3100 संस्थान ही बचे थे, वही स्कॉलरशिप के लिए आए दो लाख आवेदन में 95000 को ही स्वीकृत किया गया.


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बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व की रघुवर सरकार ने इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की थी, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बयानबाजी से यह साफ हो गया है कि सोची समझी साजिश के तहत दुमका चुनाव के ठीक पहले इस मुद्दे को उछाला गया, ताकि पूर्व की बीजेपी सरकार को बदनाम किया जा सके और मतदान के माध्यम से फायदा उठाया जा सके. उन्होंने कहा कि बीजेपी इसकी कड़ी निंदा करती है, इस मामले पर पूर्व की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाने की बजाय 10 महीने में इस मसले पर गठबंधन की सरकार ने क्या कुछ किया है, इसे बताना चाहिए.

Last Updated : Nov 4, 2020, 4:28 PM IST
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