रांची: दुमका में एक के बाद एक घटी घटना को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि घटनाएं तो होती रहती हैं, सरकार ने कैसे त्वरित कार्रवाई की यह देखने वाली बात है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस बयान (CM Hemant Soren statement on Dumka Murder Case) ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है. प्रदेश के मुखिया का ऐसा बयान संवेदना को चोट पहुंचाने और झिंझोड़ने वाला है. दस दिन के भीतर ही झारखंड में दो नाबालिग लड़कियों की हत्या कर दी गई और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए यह आम बात है.
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सीएम के बयान पर बाबूलाल मरांडी की प्रतिक्रिया: दुमका से लौटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि दुमका की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. 14 साल की बच्ची से दुष्कर्म होता रहा और शादी का झांसा दिया जाता रहा. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब उन्होंने उस लड़की की सहेली से बातचीत की तो उसने जो बताया वह हतप्रभ करने वाला था. ऐसे में मुख्यमंत्री का यह कहना है कि इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. जब मुख्यमंत्री ही ऐसा बोलेंगे तो राज्य में अपराध कैसे रुकेगा?'
दीपक प्रकाश ने कहा संवेदनहीन मुख्यमंत्री: सीएम हेमंत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने कहा कि 'ऐसा संवेदनहीन मुख्यमंत्री...न भूतो, न भविष्यति! महिलाओं के साथ राज्य में अत्याचार हो रहे हैं, दलितों की जमीन छीनी जा रही है, आदिवासी महिलाओं और लड़कियों की अस्मत लूटी जा रही है और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है. ऐसे में मुख्यमंत्री को जहां कानून व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत है तो वह कह रहे हैं कि इस तरह की घटनाएं घटती रहती हैं.' उन्होंने कहा कि इस सरकार ने संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को भी पार कर दी है. वर्तमान सरकार आत्मविहीन सरकार है और इसे अपने पद पर एक मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है.
अपने ही विधायक पर भरोसा नहीं करने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं हेमंत: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने कहा कि इस सरकार के मुखिया संभवतः पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्हें अपने उन विधायकों पर ही भरोसा नहीं है जिसके समर्थन से वह सरकार चला रहे हैं. दीपक प्रकाश ने कहा कि किसी ने बहुमत साबित करने को कहा नहीं फिर बहुमत साबित करने का क्या औचित्य है, यह समझ में नहीं आता.