रांची: राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी का झारखंड दौरा शुरू हो गया है. इसको लेकर रविवार सुबह वो रांची पहुंचे, जहां एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में जो भी फैसला आएगा वह केंद्र नेतृत्व से आएगा, इस फैसले को वह सार्वजनिक करेंगे.
रांची पहुंचने के बाद बीजेपी झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि उनका काम संगठन को मजबूत करना है. क्योंकि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा उन्हें यही जिम्मेदारी दी गई है. झारखंड में भाजपा संगठन को एक-एक व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से वह रांची पहुंचे हैं. वहीं डुमरी चुनाव को लेकर लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि जल्द ही एनडीए अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करेगी. भाजपा और उनके सहयोगियों के द्वारा डुमरी उपचुनाव में जमकर प्रचार प्रसार भी किया जाएगा. डुमरी उपचुनाव में जनता यह बता देगी झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरकार का अब यह अंतिम समय है. डुमरी उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के साथ ही आगामी विधानसभा के जीत का शंखनाद हो जाएगा.
वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता के चयन को लेकर लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि केंद्र नेतृत्व से जिसका भी नाम आएगा उसे नाम की घोषणा उनके द्वारा कर दी जाएगी. पिछले दिनों देश के केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे जाकर पहले ही चर्चा कर चुके हैं. उनके रिपोर्ट के आधार पर जो भी निर्णय लिया जाएगा उनके नाम की घोषणा कर दी जाएगी. भाजपा विधायक दल के नेता के चयन को लेकर चर्चा जोरों पर है. बताया जा रहा है कि लक्ष्मीकांत बाजपेयी रविवार को विधायक दल के नेता पर निर्णय ले सकते हैं.
पिछले साढ़े तीन वर्षों से विधायक दल के नेता को लेकर असमंजस बना हुआ है. भारतीय जनता पार्टी बाबूलाल मरांडी को विधायक दल के नेता के रूप में प्रस्तुत कर रही है. वहीं उनके विपक्ष में बैठे लोग इसको लेकर कानूनी दाव पेंच का हवाला देते हुए बाबूलाल मरांडी को नेता मानने से मना कर रहे हैं. राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि बीजेपी के विधायक दल के नेता जयप्रकाश भाई पटेल हो सकते हैं. जयप्रकाश भाई पटेल हजारीबाग के मांडू से भाजपा विधायक हैं.
वहीं अगले 2 दिनों तक भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजयेपी कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेंगे. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि केंद्र की तरफ से उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है उस जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्हें सदन से जैसे छुट्टी मिली वैसे ही वह झारखंड पहुंच गए हैं. क्योंकि झारखंड की जिम्मेदारी केंद्र नेतृत्व की तरफ से उन्हें दी गई है और उसे जिम्मेदारी को वह निभाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं.