रांचीः राज्यों को नियमानुसार जीएसटी क्षतिपूर्ति न करने को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वासघात करार देने के बाद भाजपा सांसद डॉक्टर निशिकांत दुबे ने पलटवार किया है. डॉ. दुबे ने अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस अध्यक्ष को रिट्वीट करते हुए लिखा है कि यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल में राज्यों को जीएसटी संग्रह से एक लाख करोड़ देने का वादा किया था, जिसे कांग्रेसनीत यूपीए सरकार तो न निभा सकी, उनके इस वादे को एनडीए सरकार ने पूरा किया. हम फिर राज्य सरकारों को विश्वास दिलाते हैं कि एनडीए जल्द ही अपने वादे को निभाएगी.
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झारखंड में गोड्डा संसदीय सीट से सांसद दुबे का यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति न देने को विश्वासघात करार देने के बाद आया है. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने गैर भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की मीटिंग में जीएसटी, जेईई मेन, एनईईटी यूजी परीक्षाओं पर चर्चा की थी. इस दौरान कोरोना काल में परीक्षा कराने के मसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर सहमति बनी थी. बैठक में एनईपी, सरकारी कंपनियों के विनिवेश पर भी चर्चा की गई थी.
राज्यों के अधिकारों में दखल देने का आरोप
इस दौरान संसद के आगामी सत्र में राज्य और केंद्र के संबंधों समेत अन्य मुद्दों पर विभिन्न दलों में सहयोग पर भी सहमति बनी. बैठक में सोनिया गांधी ने कहा था कि संसद से पारित कानून के मुताबिक समय से राज्यों को जीएसटी का हिस्सा देना आवश्यक है. ऐसा न करना गंभीर और कानून का उल्लंघन है. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर संघवाद को नुकसान पहुंचाने और राज्य सरकारों के अधिकारों में अनुचित तरीके से दखल देने का भी आरोप लगाया था.
हेमंत सोरेन ने विपक्ष की एकता पर दिया जोर
बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष की एकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इन दिनों विपक्ष कमजोर दिखाई दे रहा है. केंद्र सरकार के खिलाफ जिस तरह से विपक्ष को एकजुट होकर काम करना चाहिए, वो नहीं हो पा रहा है. उन्होंने जीएसटी पर केंद्र के रवैये की भी आलोचना की. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार जीएसटी पर दोहरा रवैया अपना रही है. केंद्र सरकार अपनी पार्टी की ओर से शासित राज्य सरकारों की मदद कर रही है, लेकिन विपक्ष शासित राज्यों को मदद नहीं दे रही है.
ममता बोलीं- कई पत्र लिखा पर किसी ने ध्यान नहीं दिया
कोरोना काल में परीक्षाओं पर हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति से मुलाकात करने की सलाह दी थी पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वे उन्हें कई पत्र लिख चुकी हैं पर समस्या का कोई हल नहीं निकला. इस पर सुप्रीम कोर्ट जाने पर सहमति बनी.
ये रहे शामिल
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पुड्डुजेरी, पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे.