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बीजेपी नेता को 27 दिन बाद मिलेगी आजादी, निर्दोष होने के बावजूद पुलिस ने भेज दिया था जेल - Jharkhand news

निर्दोष होने के बावजूद नवीन मिश्रा फर्जी अपहरण कांड में पिछले 27 दिनों से रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद सोमनाथ पांडेय के जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया है. तीन अक्टूबर को फर्जी अपहरण मामले में जेल में बंद सोमनाथ रिहा कर दिए जाएंगे. (Surendra Pandey will be released from jail)

Surendra Pandey will be released from jail
Surendra Pandey will be released from jail
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 1, 2023, 5:57 PM IST

रांची: रातू थाना क्षेत्र का रहने वाला जमीन कारोबारी नवीन मिश्रा 31 अगस्त 2023 को अचानक गायब हो गया. नवीन मिश्रा के गायब होने के बाद उसकी पत्नी ने भाजपा नेता सुरेंद्र पांडे के बेटे सोमनाथ पांडे पर अपहरण का आरोप लगाते हुए रातू थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी. एफआईआर नामजद होने की वजह से पुलिस ने दबाव में आकर सोमनाथ पांडे को गिरफ्तार कर लिया, जबकि सोमनाथ पांडे पुलिस को अपने बेगुनाह होने के सबूत लगातार दे रहे थे, इसके बावजूद पुलिस ने अपहरण केस में सोमनाथ पांडे को 8 सितंबर को जेल भेज दिया.

ये भी पढ़ें: रांची के रातू में कारोबारी का अपहरण! एक को हिरासत में लेकर पुलिस कर रही पूछताछ

नवीन मिश्रा घूम रहा था नेपाल: सोमनाथ पांडे को पुलिस ने नवीन मिश्रा अपहरण कांड में गिरफ्तार का जेल भेज दिया, उधर रातू पुलिस नवीन की तलाश में जुटी हुई थी. क्योंकि अपहरण कांड जैसा कुछ हुआ ही नहीं था इसलिए सोमनाथ पांडे को भी नवीन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसलिए सोमनाथ के जेल जाने के बाद भी नवीन के बारे में पुलिस को कोई जानकारी हासिल नहीं हुई. इसी बीच रातू पुलिस को यह जानकारी मिली की नवीन मिश्रा तो नेपाल में है. फोन लोकेशन की जानकारी लेकर रांची पुलिस की एक टीम अनान फानन में नेपाल पहुंची और नेपाल पुलिस की सहायता से नवीन मिश्रा को धर दबोचा.

कर्ज में डूबा, तो रची कहानी: नवीन मिश्रा को जब पुलिस की टीम रांची वापस लेकर पहुंची और उसे पूछताछ हुई तब सारी कहानी बाहर आई. तभी पुलिस को भी यह जानकारी हुई कि उन्होंने एक निर्दोष को जेल भेज दिया है. दरअसल नवीन मिश्रा ने दर्जनों लोगों से लाखों रुपए का कर्ज लिया हुआ है. जब उससे लोग लगातार अपने पैसे वापस मांगने लगे तो उसने अपने ही अपहरण की साजिश रची. क्योंकि सोमनाथ पांडे और उसके परिवार के बीच पूर्व में लेनदेन को लेकर ही झगड़ा हुआ था, ऐसे में सोमनाथ पांडे पर ही नवीन मिश्रा की पत्नी ने आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवा दी. नतीजा एक झूठे अपहरण केस में सोमनाथ पांडे को जेल जाना पड़ा. इस पूरे प्रकरण में रातू पुलिस भी सवाल के घेरे में है कि जिन्होंने बिना किसी ठोस जांच के सोमनाथ पांडे को जेल भेज दिया.

बेकसूर था भाई: फर्जी अपहरण केस में जेल जाने की वजह से सोमनाथ पांडे का पूरा परिवार बेहद आहत है. सोमनाथ पांडे के भाई रोशन ने बताया कि इस पूरी साजिश को नवीन मिश्रा ने रचा था जिसमें उनके भाई फंस गए. रोशन पांडे ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में रिवाइज पिटीशन और फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में समर्पित किया गया है. जिसके बाद उन्हें यह जानकारी दी गई है कि 3 अक्टूबर को उनके भाई को जेल से रिहा कर दिया जाएगा.

ग्रामीण एसपी ने कहा- जांच के बाद होगी कार्रवाई: वहीं, इस मामले को लेकर रांची के ग्रामीण एसपी मनीष टोप्पो ने बताया कि मामला अभी भी जांच के घेरे में है. सोमनाथ पांडे को रिहा करवाने के लिए पुलिस ने अपनी कार्रवाई पूरी कर ली है. इसी महीने उन्हें रिहा भी करवा लिया जाएगा. झूठे अपहरण की साजिश सच में जितने लोग भी शामिल हैं चाहे वह कोई भी क्यों ना हो सबके खिलाफ जांच उपरांत कार्रवाई की जाएगी.

रांची: रातू थाना क्षेत्र का रहने वाला जमीन कारोबारी नवीन मिश्रा 31 अगस्त 2023 को अचानक गायब हो गया. नवीन मिश्रा के गायब होने के बाद उसकी पत्नी ने भाजपा नेता सुरेंद्र पांडे के बेटे सोमनाथ पांडे पर अपहरण का आरोप लगाते हुए रातू थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी. एफआईआर नामजद होने की वजह से पुलिस ने दबाव में आकर सोमनाथ पांडे को गिरफ्तार कर लिया, जबकि सोमनाथ पांडे पुलिस को अपने बेगुनाह होने के सबूत लगातार दे रहे थे, इसके बावजूद पुलिस ने अपहरण केस में सोमनाथ पांडे को 8 सितंबर को जेल भेज दिया.

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नवीन मिश्रा घूम रहा था नेपाल: सोमनाथ पांडे को पुलिस ने नवीन मिश्रा अपहरण कांड में गिरफ्तार का जेल भेज दिया, उधर रातू पुलिस नवीन की तलाश में जुटी हुई थी. क्योंकि अपहरण कांड जैसा कुछ हुआ ही नहीं था इसलिए सोमनाथ पांडे को भी नवीन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसलिए सोमनाथ के जेल जाने के बाद भी नवीन के बारे में पुलिस को कोई जानकारी हासिल नहीं हुई. इसी बीच रातू पुलिस को यह जानकारी मिली की नवीन मिश्रा तो नेपाल में है. फोन लोकेशन की जानकारी लेकर रांची पुलिस की एक टीम अनान फानन में नेपाल पहुंची और नेपाल पुलिस की सहायता से नवीन मिश्रा को धर दबोचा.

कर्ज में डूबा, तो रची कहानी: नवीन मिश्रा को जब पुलिस की टीम रांची वापस लेकर पहुंची और उसे पूछताछ हुई तब सारी कहानी बाहर आई. तभी पुलिस को भी यह जानकारी हुई कि उन्होंने एक निर्दोष को जेल भेज दिया है. दरअसल नवीन मिश्रा ने दर्जनों लोगों से लाखों रुपए का कर्ज लिया हुआ है. जब उससे लोग लगातार अपने पैसे वापस मांगने लगे तो उसने अपने ही अपहरण की साजिश रची. क्योंकि सोमनाथ पांडे और उसके परिवार के बीच पूर्व में लेनदेन को लेकर ही झगड़ा हुआ था, ऐसे में सोमनाथ पांडे पर ही नवीन मिश्रा की पत्नी ने आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवा दी. नतीजा एक झूठे अपहरण केस में सोमनाथ पांडे को जेल जाना पड़ा. इस पूरे प्रकरण में रातू पुलिस भी सवाल के घेरे में है कि जिन्होंने बिना किसी ठोस जांच के सोमनाथ पांडे को जेल भेज दिया.

बेकसूर था भाई: फर्जी अपहरण केस में जेल जाने की वजह से सोमनाथ पांडे का पूरा परिवार बेहद आहत है. सोमनाथ पांडे के भाई रोशन ने बताया कि इस पूरी साजिश को नवीन मिश्रा ने रचा था जिसमें उनके भाई फंस गए. रोशन पांडे ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में रिवाइज पिटीशन और फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में समर्पित किया गया है. जिसके बाद उन्हें यह जानकारी दी गई है कि 3 अक्टूबर को उनके भाई को जेल से रिहा कर दिया जाएगा.

ग्रामीण एसपी ने कहा- जांच के बाद होगी कार्रवाई: वहीं, इस मामले को लेकर रांची के ग्रामीण एसपी मनीष टोप्पो ने बताया कि मामला अभी भी जांच के घेरे में है. सोमनाथ पांडे को रिहा करवाने के लिए पुलिस ने अपनी कार्रवाई पूरी कर ली है. इसी महीने उन्हें रिहा भी करवा लिया जाएगा. झूठे अपहरण की साजिश सच में जितने लोग भी शामिल हैं चाहे वह कोई भी क्यों ना हो सबके खिलाफ जांच उपरांत कार्रवाई की जाएगी.

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