रांची: भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बड़गाई मौजा के एक आदिवासी परिवार की पैतृक जमीन को माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बड़गाई मौजा में भुइंहरी पहनई खतियानी भूमि का जाली दस्तावेज बनाकर माफियाओं ने आदिवासी जमीन पर कब्जा कर बेच दिया है. यह बेहद गंभीर मामला है.
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बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस संबंध में बड़गाई की चंचला मुंडा की जमान हड़पी गई है. मौजा खाता नं ० 235 , थाना नं०-184 , प्लॉट सं0-2729 में 1 एकड़ 78 डिसमील जमीन के रूप में पैतृक सम्पत्ति है. यह जमीन भुइंहरी पहनई किस्म की है. दशकों से इनका शांतिपूर्वक दखल कब्जा रहा है. लेकिन जमीन मालिक के एक सरल-सीधा व्यक्ति होने की वजह से इन्हें धोखा देकर जमीन यासिन हामिद यूसूफ अंसारी, मकसूद असलम, राजू मंडल और कई ने जमीन पर विकास कार्य कराने के नाम पर सादा कागज पर हस्ताक्षर करा लिया और इसके आधार पर जमीन का जाली दस्तावेज तैयार कर पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से कब्जा करने में लगे हैं.
बाबूलाल मरांडी का आरोप है आदिवासी जमीन को हड़पने में जमीन माफिया को मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत कम्प्यूटर सहायक शहनबाज अंसारी सहयोग कर रहे हैं और सीएम आवास का बार-बार हवाला देकर थाना को फोन करते हैं. जमीन मालिक पर भी धौंस जमाते हैं. जबकि आपके द्वारा प्रशासन को हिदायत दी गई है कि किसी भी सूरत में आदिवासी जमीन हड़पने नहीं दिया जाय. बाबूलाल मरांडी का आरोप है कि केसर अहमद नामक व्यक्ति द्वारा पुराना घर को तोड़कर शोरूम और दुकान बना लिया गया है.
बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आदिवासी परिवार की उक्त पैतृक जमीन को जमीन माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराने और जालसाज जमीन दलालों पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है. उन्होंने इसकी प्रतिलिपि झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को भी भेजी है.