रांचीः प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पार्टी के राज्यस्तरीय पदाधिकारियों के साथ कार्यशाला आयोजित की. बैठक में पार्टी के प्रदेशस्तरीय समेत जिलाध्यक्ष वर्चुअल रूप से जुड़े रहे. बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह मौजूद रहे.
इस बाबत पार्टी के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन सत्र में प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री समेत बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी का संबोधन हुआ.
उन्होंने बताया कि वर्तमान शिक्षा नीति में इस देश को किस चीज की जरूरत है उसके बारे में पार्टी नेताओं द्वारा बताया गया. वर्मा ने कहा कि 34 वर्ष पुरानी शिक्षा नीति आउटडेटेड हो गई थी. मौजूदा जरूरत के हिसाब से और छात्र-छात्राओं की जरूरत के अनुसार इस शिक्षा की आवश्यकता थी.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के सभी तत्व पर पार्टी के सभी पदाधिकारियों को और जिलाध्यक्षों को बताया गया. दरअसल बीजेपी द्वारा आयोजित इस कार्यशाला इस मायने में महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नई शिक्षा नीति पर सवाल खड़े किए थे.
यह भी पढ़ेंः जेईई मेंस का रिजल्ट जारी, दयाल कुमार और अनुष्का बनी स्टेट टॉपर
साथ ही उन्होंने कहा था कि नई शिक्षा नीति आदिवासियों के हित में नहीं होगी. ऐसे में शनिवार को हुई इस कार्यशाला में बीजेपी ने अपने प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों को सरकार के इस रवैए के खिलाफ भी कथित रूप से कमर कसने का इशारा किया है.
साथ ही वर्चुअल रूप से जुड़े सभी सांगठनिक पदाधिकारियों को केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रमुख बिंदुओं को लेकर लोगों के बीच जाने का भी निर्देश दिया गया है.
इस अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाई जा रही नई शिक्षा नीति भारत और भारतीयता को मजबूत करने वाली नीति है. उन्होंने कहा कि 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व: राजीव गांधी द्वारा लाई गई शिक्षा नीति अधूरी साबित हुई. देश में स्थानीय भाषा, मातृभाषा और भारतीय भाषा का भारतीय संस्कृति, कला का समुचित विकास नहीं कर सकी. अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव ने इसे लगातार कुंठित किया.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति में शोध आधारित नीति का समावेश है. कौशल विकास के साथ तकनीकी शिक्षा, व्यावहारिक शिक्षा ,संस्कृति और इतिहास के ज्ञान का समावेश है. यह नीति बच्चों के सोच को विकसित करने वाली नीति है. उन्होंने कहा कि शिक्षा में देश के जीडीपी का 6 प्रतिशत खर्च करने के निर्णय से शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक सुधार होंगे.
राज्य सरकार स्थानीय भाषा पर योजना तैयार करे
भाजपा नेता विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार विरोध की राजनीति छोड़ स्थानीय भाषाओं के विकास की योजना तैयार करे. इस नीति में स्थानीय भाषाओं के विकास की असीम संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि इस नीति में शिक्षा के साथ जीवन प्रबंधन की भी सीख है। बौद्धिक के साथ हुनर को बढ़ावा दिया गया है। जीवन और शिक्षण साथ साथ की यह नीति है.
नई शिक्षा नीति देश की जरूरत
भाजपा के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से यह बहुप्रतीक्षित शिक्षा नीति आई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शोषण में लागू शिक्षा नीति रोजगार नहीं व्यापारीकरण को बढ़ावा देने वाली नीति साबित हुई. मोदी सरकार ने भारत के अनेक प्रमुख शिक्षाविदों, मनीषियों, चिंतको के सुझावों के आधार पर आज की आवश्यकता के अनुरुप नीति बनाई है. उन्होंने आह्वान किया कि यह नीति जन जन तक पहुंचे यहीं कार्यशाला की सार्थकता है.
कार्यशाला का संचालन प्रदेश महामंत्री एवम सांसद समीर उरांव ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश मंत्री सुबोध सिंह गुड्डू ने किया. कार्यशाला में विधायक अमर बाउरी, विधायक विरंची नारायण, शिवपूजन पाठक, हेमंत दास, सूरज चौरसिया, मृत्युंजय शर्मा, राहुल अवस्थी भी उपस्थित रहे.