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बाबूलाल मरांडी की हेमंत सरकार से मांग, कहा- अनुसूचित जिले में नियुक्ति मामले में वापस लिए नियम बहाल करें

रांची स्थित भाजपा मुख्यालय में भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने हेमंत सोरेन से आग्रह किया कि अनुसूचित जिले में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए बनाए गए नियम यानी स्थानीय नियोजन नीति (तृतीय-चतुर्थ वर्ग की नियुक्ति में स्थानीय युवाओं के आरक्षण का मामला)को दोबारा से लागू करें.

bjp demanded reenactment of rules made for appointment in scheduled district in ranchi
मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की
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Published : Feb 4, 2021, 9:09 PM IST

रांचीः हेमंत सरकार के कैबिनेट में अनुसूचित जिले में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर पूर्व की रघुवर सरकार की ओर से बनाए गए नियमों को वापस लिए जाने को बीजेपी ने गलत निर्णय करार दिया है. भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया कि इस पर पुनर्विचार करें और जो भी संवैधानिक अड़चनें हैं, उसको दूर करने के लिए पहल करें. इसमें भाजपा उनका साथ देगी.

जानकारी देते पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी

स्थानीय युवाओं की नौकरी आरक्षित
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 24 जिलों में 13 अनुसूचित जिले हैं और 11 सामान्य जिले हैं. पूर्व की रघुवर सरकार ने 13 अनुसूचित जिले में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए स्थानीय युवाओं की नौकरी आरक्षित की थी, जिसकी समय सीमा 10 वर्ष तय की गई थी, जो कहीं से गलत नहीं था. क्योंकि सरकार का दायित्व बनता है कि जहां भी लोग पिछड़े हुए रहते हैं, उनके लिए विशेष प्रावधान किया जाए, इसी के तहत यह व्यवस्था की गई थी.

इसे भी पढ़ें- झारखंड के हर पंचायतों में लगाए जाएंगे पांच चापाकल, सीएम के फैसले पर मंत्री मिथिलाश ठाकुर ने जताया आभार


युवाओं से नियुक्ति पत्र लिया गया वापस
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बचे हुए 11 जिलों के लिए भी छात्र-छात्राओं की मांग को देखते हुए एक कमेटी बनाई गई थी, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी, जिसमें स्पष्ट अनुशंसा की गई थी कि बचे हुए 11 जिले में भी तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के पद पर वहां के युवाओं की नियुक्ति होगी, ऐसे में पूरे राज्य में इस नियम को लागू किया जाए, लेकिन सरकार की ओर से कैबिनेट ने इस निर्णय को वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि जिन युवाओं ने प्रक्रिया पूरी कर ली थी, सिर्फ नियुक्ति पत्र मिलना था, उसे भी वापस ले लिया गया, इसके साथ ही प्रक्रियाधीन नियुक्तियां रद्द कर दी गईं और फिर से विज्ञापन लाने की बात कही गई है.

तो भाजपा देगी हेमंत सरकार का साथ
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार चल रही है, वह झारखंड हितों की बात कहते हैं, लेकिन इससे उनका चेहरा उजागर हो चुका है कि वह झारखंड वासियों की बिल्कुल चिंता नहीं करते हैं. उन्होंने आग्रह किया कि अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सही से नहीं समझाया है, तो फिर से इसे समझें और इसका अध्ययन करके नियम को फिर से वापस लाएं. उन्होंने कहा कि अगर कोई संवैधानिक कठिनाई है तो उस पर पहल करें और उन अड़चनों को दूर करें. उस पर भाजपा साथ देने के लिए तैयार है.

रांचीः हेमंत सरकार के कैबिनेट में अनुसूचित जिले में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर पूर्व की रघुवर सरकार की ओर से बनाए गए नियमों को वापस लिए जाने को बीजेपी ने गलत निर्णय करार दिया है. भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया कि इस पर पुनर्विचार करें और जो भी संवैधानिक अड़चनें हैं, उसको दूर करने के लिए पहल करें. इसमें भाजपा उनका साथ देगी.

जानकारी देते पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी

स्थानीय युवाओं की नौकरी आरक्षित
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 24 जिलों में 13 अनुसूचित जिले हैं और 11 सामान्य जिले हैं. पूर्व की रघुवर सरकार ने 13 अनुसूचित जिले में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए स्थानीय युवाओं की नौकरी आरक्षित की थी, जिसकी समय सीमा 10 वर्ष तय की गई थी, जो कहीं से गलत नहीं था. क्योंकि सरकार का दायित्व बनता है कि जहां भी लोग पिछड़े हुए रहते हैं, उनके लिए विशेष प्रावधान किया जाए, इसी के तहत यह व्यवस्था की गई थी.

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युवाओं से नियुक्ति पत्र लिया गया वापस
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बचे हुए 11 जिलों के लिए भी छात्र-छात्राओं की मांग को देखते हुए एक कमेटी बनाई गई थी, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी, जिसमें स्पष्ट अनुशंसा की गई थी कि बचे हुए 11 जिले में भी तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के पद पर वहां के युवाओं की नियुक्ति होगी, ऐसे में पूरे राज्य में इस नियम को लागू किया जाए, लेकिन सरकार की ओर से कैबिनेट ने इस निर्णय को वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि जिन युवाओं ने प्रक्रिया पूरी कर ली थी, सिर्फ नियुक्ति पत्र मिलना था, उसे भी वापस ले लिया गया, इसके साथ ही प्रक्रियाधीन नियुक्तियां रद्द कर दी गईं और फिर से विज्ञापन लाने की बात कही गई है.

तो भाजपा देगी हेमंत सरकार का साथ
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार चल रही है, वह झारखंड हितों की बात कहते हैं, लेकिन इससे उनका चेहरा उजागर हो चुका है कि वह झारखंड वासियों की बिल्कुल चिंता नहीं करते हैं. उन्होंने आग्रह किया कि अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सही से नहीं समझाया है, तो फिर से इसे समझें और इसका अध्ययन करके नियम को फिर से वापस लाएं. उन्होंने कहा कि अगर कोई संवैधानिक कठिनाई है तो उस पर पहल करें और उन अड़चनों को दूर करें. उस पर भाजपा साथ देने के लिए तैयार है.

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