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आदिवासी मूलवासी के विकास के नाम पर सत्ता में आई हेमंत सरकार है संवेदनहीन: अरुण उरांव

बीजेपी ने आदिवासी मूलवासियों के विकास के मुद्दे को उठाते हुए हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण उरांव ने कहा कि हेमंत सरकार को आदिवासियों की कोई चिंता नहीं है.

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बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा
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Published : Mar 8, 2020, 4:14 PM IST

रांची: बीजेपी ने आदिवासी मूलवासियों के विकास के मुद्दे को उठाते हुए हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण उरांव ने रविवार को कहा है कि आदिवासी मूलवासी के विकास के नाम पर सत्ता में आई हेमंत सरकार को आदिवासियों की कोई चिंता नहीं है. बल्कि इस सरकार से आदिवासी समाज में निराशा उत्पन्न हो गई है.

देखें पूरी खबर
उन्होंने कहा कि सरकार में आदिवासी असुरक्षित हैं और सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का दावा करती है. लेकिन आदिवासियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा है कि 6 मार्च को लातेहार सदर प्रखंड के कुड़पनी टोला में आदिम जनजाति परिवार के तीन सदस्य नदी में अचानक आई बाढ़ में बह गए थे. जिससे उनकी मौत हो गई. कड़ी मशक्कत के बाद मृतकों के शव को बरामद किया गया. लेकिन सरकार का कोई भी प्रतिनिधि इनकी सुध लेने नहीं पहुंचा. यह सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन सरकार है.

ये भी देखें- महिला टी20 वर्ल्डकप : कुलदीप, सुशील, अमित और गोपीचंद ने भारतीय टीम को दी शुभकामनाएं, देखिए VIDEO

अरुण उरांव ने कहा कि इससे पहले भी नवजात की डेड बॉडी को एंबुलेंस के अभाव में पॉलिथीन के माध्यम से घर तक ले जाने की खबर भी आई थी. साथ ही सरकार बनते ही आदिवासियों की निर्मम हत्या का मामला भी सामने आया है. इससे सरकार के आदिवासियों के प्रति कितनी चिंता है, यह बात लोग समझ चुके हैं.

रांची: बीजेपी ने आदिवासी मूलवासियों के विकास के मुद्दे को उठाते हुए हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण उरांव ने रविवार को कहा है कि आदिवासी मूलवासी के विकास के नाम पर सत्ता में आई हेमंत सरकार को आदिवासियों की कोई चिंता नहीं है. बल्कि इस सरकार से आदिवासी समाज में निराशा उत्पन्न हो गई है.

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उन्होंने कहा कि सरकार में आदिवासी असुरक्षित हैं और सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का दावा करती है. लेकिन आदिवासियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा है कि 6 मार्च को लातेहार सदर प्रखंड के कुड़पनी टोला में आदिम जनजाति परिवार के तीन सदस्य नदी में अचानक आई बाढ़ में बह गए थे. जिससे उनकी मौत हो गई. कड़ी मशक्कत के बाद मृतकों के शव को बरामद किया गया. लेकिन सरकार का कोई भी प्रतिनिधि इनकी सुध लेने नहीं पहुंचा. यह सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन सरकार है.

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अरुण उरांव ने कहा कि इससे पहले भी नवजात की डेड बॉडी को एंबुलेंस के अभाव में पॉलिथीन के माध्यम से घर तक ले जाने की खबर भी आई थी. साथ ही सरकार बनते ही आदिवासियों की निर्मम हत्या का मामला भी सामने आया है. इससे सरकार के आदिवासियों के प्रति कितनी चिंता है, यह बात लोग समझ चुके हैं.

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