रांचीः राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए 5 चरण में हुए चुनाव के बाद जारी एग्जिट पोल पर पार्टियों के दावे शुरू हो गए हैं. एक तरफ जहां सत्तारूढ़ बीजेपी ने एग्जिट पोल को साफ तौर पर नकार दिया है. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा का साफ कहना है कि असली नतीजे इन रुझानों से कहीं बढ़कर आएंगे. भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित कुमार ने दावा किया कि एग्जिट पोल का ट्रेंड हर चुनाव के बाद आता है. कहीं यह ट्रेंड सही बैठता है तो कई बार उसके दावे गलत हो जाते हैं.
अमित कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने जो विकास के काम किए हैं, उसको लेकर लोग बीजेपी के पक्ष में हैं. उन्होंने साफ कहा कि महिलाओं पर कोई चर्चा नहीं कर रहा है. पार्टी मानती है कि महिलाओं के लिए किए गए काम का नतीजा इस चुनाव में देखने को मिलेगा. उन्होंने दावा किया कि 2014 में बीजेपी को जितनी सीटें आई थी 2019 में उससे और भी ज्यादा सीट पार्टी को मिलेगी.
वहीं, एग्जिट पोल के रुझानों से उत्साहित झारखंड मुक्ति मोर्चा का साफ मानना है कि ज्यादातर एजेंसियों ने साफ तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन को सबसे अधिक सीटें दी हैं. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार पांडे ने कहा की जो रुझान दिख रहे हैं, नतीजे उससे और भी बेहतर होने की पूरी संभावना है. उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में पार्टी नेताओं ने घूमकर फीडबैक लिया है और उम्मीद की जा रही है कि 50 सीट गठबंधन हासिल करेगा. उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से गठबंधन की सरकार बनेगी और हेमंत सोरेन उसके मुखिया होंगे. पांडे ने दावा किया कि लोग पिछले 5 साल के बीजेपी के शासन काल से ऊब गए थे. यही वजह है कि उन्होंने महागठबंधन के पक्ष में वोटिंग की है.
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बता दें कि शुक्रवार को समाप्त हुए पांचवें चरण के चुनाव के बाद अलग-अलग एजेंसियां जो एग्जिट पोल के नतीजों जारी कर रही हैं उसपर नजर डालें तो सबसे ज्यादा सीटें प्रदेश में झामुमो, कांग्रेस और राजद के गठबंधन को मिल रही है. जबकि बीजेपी का आंकड़ा 30 के आसपास घूम रहा है. वहीं, झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए मैजिक नंबर का फिगर 41 प्लस होगा.