रांची: बोकारो के बाद अब राजधानी रांची के नगर निगम क्षेत्र में भी बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. पिछले दिनों राजधानी के करमटोली-ओल्ड जेल मोड़ के पास एक निजी कुक्कुट पालक के यहां अचानक मुर्गियों के मरने की खबर मिलने के बाद पशुपालन विभाग ने सैंपल जांच के लिए मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट हाई सिक्यूरिटी एनिमल डिजीज डायग्नोस्टिक लैब (NIHSADDL) भेजा था. जहां से मुर्गियों की मौत की वजह बर्ड फ्लू बतायी गई है. भोपाल के अत्याधुनिक सरकारी लैब से बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पशुपालन विभाग हरकत में आ गया है.
विभाग ने जारी किए निर्देशः रांची के शहरी इलाके में H5N1 एवियन इंन्फ्लूएंजा वायरस से मुर्गियों की मौत की पुष्टि होने के बाद पशुपालन निदेशक चंदन कुमार ने रांची के डीसी को पत्र लिखा है और बर्ड फ्लू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए भारत सरकार के एक्शन प्लान के तहत कार्य योजना बनाने को कहा है. पशुपालन निदेशक चंदन कुमार ने जिला पशुपालन अधिकारी कोई निर्देश जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि रांची नगर निगम क्षेत्र में जेल मोड़ के पास बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद एवियन इंन्फ्लूएंजा की डेली रिपोर्ट, पशुपालन स्वास्थ्य और उत्पादन संस्थान कांके के निदेशक को हर दिन शाम 5:00 बजे उपलब्ध करायी जाए.
भारत सरकार ने मुख्य सचिव को दिए आवश्यक दिशा निर्देशः रांची में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ फिशरीज एनिमल हसबेंडरी एंड डेहरी विभाग की ओर से झारखंड के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा गया है. जिसमें रांची में एवियन इंन्फ्लूएंजा की पुष्टि की जानकारी दी गई है और उनसे यह आग्रह किया गया है कि भारत सरकार के एक्शन प्लान के अनुसार बर्ड फ्लू को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं. इसके तहत मृत मुर्गियों के डिस्पोजल के लिए गाइडलाइन का पालन से लेकर कंटेनमेंट जोन बनाने और डिसइंफेक्शन तक के निर्देश हैं. डिस्ट्रक्शन ऑफ बर्ड्स (संक्रमित क्षेत्र के मुर्गियों को मार देना) और 10 किलोमीटर के रेडियस में सर्विलांस करने को कहा गया है.
पिछले दिनों बोकारो में बर्ड फ्लू की हुई थी पुष्टिः रांची से पहले पिछले दिनों बोकारो के सरकारी पॉल्ट्री फॉर्म हाउस में बड़ी संख्या में मुर्गियों की मौत की वजह H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस को बताया गया था. भोपाल स्थित नेशनल हाई सिक्यूरिटी एनिमल डिजीज डायग्नोस्टिक लैब (HSADDL,भोपाल) से बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद वहां से मुर्गियों और अंडे की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी. फिर जो मुर्गियां बची थी उन्हें भी मार दिया गया था.
2018 में राज्य के गोड्डा जिला में मिला था बर्ड फ्लू के कन्फर्म केसः झारखंड में वर्ष 2018 में गोड्डा जिले के फाजिल खुटारी गांव में बर्ड फ्लू से मुर्गियों की मौत के कन्फर्म केस मिले थे. इसके बाद पिछले महीने बोकारो में सरकारी मुर्गी फॉर्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी और 700 से अधिक मुर्गियां बर्ड फ्लू से मर गई थी. अब चिंता की बात यह है कि राजधानी रांची में नगर निगम क्षेत्र में ही बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है.
क्या है बर्ड फ्लू और क्या है इसके लक्षणः बर्ड फ्लू एक एवियन यानी पक्षियों में होनेवाला इन्फ्लूएंजा वायरस है. H5N1 वायरस पक्षियों को संक्रमित करता है और यह पक्षियों में बेहद मारक होता है. अन्य इन्फ्लूएंजा वायरस संक्रमण की तरह बर्ड फ्लू से ग्रसित व्यक्ति को तेज बुखार, दर्द, नाक से बहाव, खांसी, आंखें लाल होना, त्वचा पर रैशेस, दस्त जैसे कई लक्षण उभरते हैं.
बर्ड फ्लू से बचाव के लिए ये करें उपायः बर्ड फ्लू से बचाव के लिए भी वहीं सब सावधानियां बरतने की जरूरत है जो अन्य इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के लिए हम अपनाते हैं. पॉल्ट्री फॉर्म के या संक्रमण वाले क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी, व्यक्ति को पीपीई किट और मास्क का उपयोग करना चाहिए. साफ-सफाई का ध्यान रखने की जरूरत है. संक्रमित मुर्गियों या पक्षियों के संपर्क में आने से बचने की जरूरत है. पूरी तरह से पका हुआ चिकेन और अंडा का ही प्रयोग करें.