पटना: शुक्रवार को नई दिल्ली में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की (Prashant Kishor met Nitish Kumar). जिसके बाद इस बात को लेकर अटकलें लगने लगीं कि 'पीके' की जेडीयू में वापसी हो सकती है. हालांकि मुख्यमंत्री ने ऐसी किसी संभावना से फिलहाल इंकार कर दिया है. पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुलाकात का कोई खास मतलब नहीं है.
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नई दिल्ली में में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) से मुलाकात को लेकर पटना वापस आने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब पत्रकारों ने सवाल किया तो सीएम ने मुस्कुराते हुए जेडीयू में प्रशांत किशोर की वापसी (Prashant Kishor Back in JDU) से इंकार करते हुए कहा कि उनसे मेरा कोई नया रिश्ता नहीं है. काफी पहले से उनके साथ संबंध रहा है. लिहाजा इस मुलाकात का राजनीतिक अर्थ निकालता बेकार है.
"प्रशांत किशोर से कोई आज का रिश्ता है. उनसे मुलाकात का कोई खास मतलब नहीं है"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
उधर, नीतीश कुमार से भेंट करने को लेकर प्रशांत किशोर ने बताया कि दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हाल में ही कोरोना हुआ था. उसके बाद वे पहली बार दिल्ली आए हैं. लिहाजा वे उनसे मुलाकात करने गए थे. जब उनको कोविड हुआ था, उस समय भी हमने फोन पर बात की थी. इसके अलावे और कोई भी बात सीएम नीतीश कुमार से नहीं हुई है.
आपको याद दिलाएं कि प्रशांत किशोर एक समय में नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेता माने जाते थे. २०१५ के बिहार विधानसभा चुनाव की जीत में उनकी अहम भूमिका रही थी. तब नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. हालांकि नीतीश और उनकी जोड़ी ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाई. जैसे ही नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर फिर से बीजेपी के साथ चले गए, इन दोनों के बीच भी खटास पैदा हो गई.
नीतीश कुमार से करीबी होने के कारण उन्होंने उनकी ही पार्टी जेडीयू से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की. नीतीश ने उन्हें पार्टी में दो नंबर की कुर्सी दी. वे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए. उनकी सफल रणनीति का ही नतीजा रहा कि जेडीयू को पहली बार पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष की कुर्सी हासिल हुई.
वहीं, पिछले दिनों एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम करने की इच्छा जताई थी. उनसे जब पूछा गया कि वो कौन से नेता हैं, जिनके साथ वो दोबारा से काम करना चाहते हैं तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने नीतीश का नाम लिया. तब उनके इस बयान से जेडीयू के नेता काफी खुश भी हुए थे और कयास लगने लगे थे भविष्य में दोबारा से नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर साथ आ सकते हैं.
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