रांची: पुलिस और केन्दीय सुरक्षाबलों की ओर से गुमला और लोहरदगा इलाके में नक्सलियों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया गया है. इस दौरान 15 लाख का इनामी माओवादी रविंद्र गंझू, रंथू उरांव और उसके दस्ते की तलाश की जा रही है. बता दें कि चार दिन पूर्व गुमला में हुई आगजनी की घटना के बाद छोटानागपुर रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे और सीआरपीएफ डीआईजी ने घटना स्थल का दौरा किया था. नौ जनवरी को गुमला और आसपास जिले के एसपी के साथ बैठक भी की गई, इस दौरान माओवादियों के खिलाफ 15 दिनों का विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है. इस दौरान रविंद्र गंझू, रंथू उरांव और उसके दस्ते के लोगों को दबोचने का निर्देश दिया गया है. बैठक में शामिल सभी एसपी को सख्त हिदायत गई कि वे और डीएसपी अभियान को खुद लीड करें.
समर्थकों ने उपलब्ध करायी थी नक्सलियों को बाइक: रविन्द्र गंझू पुलिस के अभियान से घबरा कर लातेहार छोड़ इन दिनों कुछ लोकल युवाओं को अपने साथ जोड़ कर वारदातों को अंजाम दे रहा है. सूचना है कि उसके कुछ समर्थक इसमें उसकी मदद कर रहे हैं. जिसके बाद नक्सलियों के समर्थकों पर भी पुलिस शिकंजा कसने की तैयार में है.
अभियान के दौरान पुलिस की टीम को घटना से जुड़ी कई अहम जानकारी मिली है. पता चला है कि नक्सलियों के समर्थकों ने ही घटना को अंजाम देने के लिए उन्हें बाइक उपलब्ध करायी थी. उन समर्थकों से उपलब्ध करायी गई बाइक से ही नक्सलियों ने आठ जनवरी की रात अगलगी की घटना को अंजाम दिया था. पुलिस की टीम ने नक्सलियों के समर्थकों की भी सूची तैयार कर ली है. उनकी गतिविधि पर भी पुलिस की टीम नजर रखे हुए है.
संगठन में आधा दर्जन जुड़े हैं नए सदस्य: जानकारी के अनुसार रविन्द्र गंझू ने संगठन को मजबूत बनाने के लिए आधा दर्जन नए लोगों को अपने दस्ते में जोड़ा है. आठ जनवरी की रात रविन्द्र के दस्ते ने गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र में आठ जनवरी की रात बाक्साइड का परिवहन के लिए लगी आधा दर्जन गाड़ियों में आग लगा दी थी. साथ ही एक गाड़ी में विस्फोट भी किया था. बताया जा रहा है कि लेवी वसूली नहीं होने और वर्चस्व कायम करने के लिए नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया था. घटना के बाद सभी नक्सली मौके से फरार हो गए थे.
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