रांचीः प. बंगाल के चर्चित बिजनेसमैन अमित अग्रवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया (Bengal businessman Amit Agarwal) है. अमित अग्रवाल से शुक्रवार देर रात तक ईडी के रांची स्थित जोनल आफिस में पूछताछ जारी थी. ईडी के सूत्रों के मुताबिक अमित अग्रवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है.
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कौन हैं अमित अग्रवालः अमित अग्रवाल मूल रूप से कोलकाता के व्यवसायी हैं. रियल स्टेट, जामताड़ा में वनस्पति तेल के उद्योग सहित कई कारोबार से जुड़े हैं. झारखंड में सत्ता के गलियारों में काफी सक्रिय रहे हैं. सत्ताधीशों के बीच इनकी अच्छी पकड़ है. वर्ष 2020 में आयकर विभाग ने इनके यहां कई कार्रवाई की थी और गड़बड़ियां पकड़ी थीं. इनका रांची आना-जाना लगा रहता है.
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को अमित अग्रवाल की शिकायत पर ही बंगाल पुलिस ने 50 लाख रुपये नगदी के साथ गिरफ्तार किया था. अमित अग्रवाल ने शेल कंपनियों से जुड़ी याचिका में पैसे मांगने का आरोप राजीव कुमार पर लगाया था. इस मामले में ईडी ने अलग से मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस किया है. राजीव कुमार से ईडी पूछताछ कर चुकी है.
अवैध खनन के जरिये मोटी कमाई करने का आरोपः अवैध खनन को लेकर हाल में ही ईडी ने सत्ता के करीबी प्रेम प्रकाश के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट में अमित अग्रवाल का नाम अवैध खनन में सामने आया था. ईडी की चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि प्रेम प्रकाश ने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल और संजय चौधरी के साथ मिलकर अवैध खनन के जरिये मोटी कमाई की. अमित अग्रवाल पर यह भी आरोप है कि अवैध खनन से होने वाली काली कमाई का उसने कई जगह निवेश किया.
ईडी की चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश ने संजय चौधरी की कंपनी के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग की. जांच में यह बात भी आई है कि संजय चौधरी के डायरेक्टरशिप वाली कंपनी सीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जरिये स्टोन चिप्स का रेलवे के जरिये बगैर चालान परिवहन किया गया. बीएससीआई, एसवीवाईई, एडीटीजी समेत कई अन्य कंपनियों का नाम भी अवैध परिवहन में आया है. ईडी ने जांच में पाया है कि साल 2015 - 22 तक 251 स्टोन चिप्स रैक बिना परिवहन चालान के रेलवे के जरिये भेजे गए.