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झारखंड में बीएड की पढ़ाई महंगी, दूसरे राज्यों में जाकर छात्र कोर्स करने को हैं मजबूर

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Published : Dec 17, 2021, 3:28 PM IST

Updated : Dec 17, 2021, 5:32 PM IST

झारखंड के बीएड कॉलेजों में दूसरे राज्यों के मुकाबले अधिक फीस लिए जा रहे हैं. पहले जहां ये कोर्स 40 हजार में हो जाते थे उसके लिए अब एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं. झारखंड में बीएड फी स्ट्रक्चर काफी हाई होने के कारण कॉलेजों में सीटें रिक्त भी रह रही है.

BEd Fee Structure in Jharkhand
BEd Fee Structure in Jharkhand

रांची: राज्य के कॉलेजों में अब साधारण स्टूडेंट के लिए बीएड करना आसान नहीं है. अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में बीएड और टीचर ट्रेनिंग के लिए फीस के तौर पर मोटी रकम वसूली जा रही है. इससे राज्य के विद्यार्थी अन्य राज्यों के कॉलेज से बीएड करने को मजबूर हैं. झारखंड में बीएड फी स्ट्रक्चर काफी हाई होने के कारण कॉलेजों में सीटें रिक्त भी रह रही है.

ये भी पढ़ें- 6000 B.Ed विद्यार्थियों का नाम मेरिट लिस्ट से गायब, एनएसयूआई ने शिक्षा मंत्री से की शिकायत


झारखंड में बीएड फी स्ट्रक्चर

राज्य के विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कॉलेजों में भी बीएड की फी स्ट्रक्चर काफी हाई है. पहले जहां बीएड करने के लिए स्टूडेंट को सरकारी कॉलेजों में लगभग 40 हजार ही खर्च करने पड़ते थे. वह अब बढ़कर लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये हो गए है. ऐसे में स्टूडेंट्स को अब बीएड करने के लिए दोगुनी से ज्यादा फीस भरनी पड़ रही है. जो हर विद्यार्थियों के लिए संभव नहीं है. राज्य के अलग-अलग कॉलेजों के अलग-अलग फीस स्ट्रक्चर है. एकरूपता नहीं होने से विद्यार्थियों को और परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. जिसमें 94 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की फीस सरकारी बीएड कॉलेजों में हो गई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. दूसरे राज्यों में 40 से 50 हजार में बीएड की पढ़ाई और कोर्स कंप्लीट करवाई जा रही है.

देखें पूरी खबर
सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में लगभग एक समान फीस रांची यूनिवर्सिटी के अलावे शहर में डीएसपीएमयू में भी बीएड की पढ़ाई होती है और इन विश्वविद्यालयों में भी फी स्ट्रक्चर काफी हाई है. यहां हर साल बीएड के स्टूडेंट का एडमिशन होता है. प्राइवेट कॉलेजों की तुलना में काफी कम फीस पहले ली जाती थी. लेकिन अब बीएड की फीस में बढ़ोतरी हुई है और इस 2 साल के कोर्स करने के लिए विद्यार्थियों को डेढ़ लाख रुपए तक चुकाने पड़ रहे हैं. जबकि प्राइवेट कॉलेजों में एक से 2 लाख रुपये तक 2 साल के लिए कोर्स फीस हैं. लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में कई कमियां कॉलेजों में है.सिंडिकेट सदस्य ने उठाया मामला

मामले को लेकर रांची विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य अटल कुमार पांडे ने सवाल खड़ा किया है. इनकी मानें तो राज्य के सरकारी कॉलेज हो या फिर प्राइवेट कॉलेज वह विद्यार्थियों को लूटने का काम कर रही है और इस दिशा में कोई पहल सरकार की ओर से नहीं की जा रही है. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मनमाने तरीके से बीएड कॉलेजों को छूट दे रखी है और तो और राजभवन भी मामले को लेकर मौन है. इस मामले को जोर-शोर से उठाया जाएगा. राजभवन को एक बार फिर पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा.

रांची: राज्य के कॉलेजों में अब साधारण स्टूडेंट के लिए बीएड करना आसान नहीं है. अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में बीएड और टीचर ट्रेनिंग के लिए फीस के तौर पर मोटी रकम वसूली जा रही है. इससे राज्य के विद्यार्थी अन्य राज्यों के कॉलेज से बीएड करने को मजबूर हैं. झारखंड में बीएड फी स्ट्रक्चर काफी हाई होने के कारण कॉलेजों में सीटें रिक्त भी रह रही है.

ये भी पढ़ें- 6000 B.Ed विद्यार्थियों का नाम मेरिट लिस्ट से गायब, एनएसयूआई ने शिक्षा मंत्री से की शिकायत


झारखंड में बीएड फी स्ट्रक्चर

राज्य के विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कॉलेजों में भी बीएड की फी स्ट्रक्चर काफी हाई है. पहले जहां बीएड करने के लिए स्टूडेंट को सरकारी कॉलेजों में लगभग 40 हजार ही खर्च करने पड़ते थे. वह अब बढ़कर लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये हो गए है. ऐसे में स्टूडेंट्स को अब बीएड करने के लिए दोगुनी से ज्यादा फीस भरनी पड़ रही है. जो हर विद्यार्थियों के लिए संभव नहीं है. राज्य के अलग-अलग कॉलेजों के अलग-अलग फीस स्ट्रक्चर है. एकरूपता नहीं होने से विद्यार्थियों को और परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. जिसमें 94 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की फीस सरकारी बीएड कॉलेजों में हो गई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. दूसरे राज्यों में 40 से 50 हजार में बीएड की पढ़ाई और कोर्स कंप्लीट करवाई जा रही है.

देखें पूरी खबर
सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में लगभग एक समान फीस रांची यूनिवर्सिटी के अलावे शहर में डीएसपीएमयू में भी बीएड की पढ़ाई होती है और इन विश्वविद्यालयों में भी फी स्ट्रक्चर काफी हाई है. यहां हर साल बीएड के स्टूडेंट का एडमिशन होता है. प्राइवेट कॉलेजों की तुलना में काफी कम फीस पहले ली जाती थी. लेकिन अब बीएड की फीस में बढ़ोतरी हुई है और इस 2 साल के कोर्स करने के लिए विद्यार्थियों को डेढ़ लाख रुपए तक चुकाने पड़ रहे हैं. जबकि प्राइवेट कॉलेजों में एक से 2 लाख रुपये तक 2 साल के लिए कोर्स फीस हैं. लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में कई कमियां कॉलेजों में है.सिंडिकेट सदस्य ने उठाया मामला

मामले को लेकर रांची विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य अटल कुमार पांडे ने सवाल खड़ा किया है. इनकी मानें तो राज्य के सरकारी कॉलेज हो या फिर प्राइवेट कॉलेज वह विद्यार्थियों को लूटने का काम कर रही है और इस दिशा में कोई पहल सरकार की ओर से नहीं की जा रही है. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मनमाने तरीके से बीएड कॉलेजों को छूट दे रखी है और तो और राजभवन भी मामले को लेकर मौन है. इस मामले को जोर-शोर से उठाया जाएगा. राजभवन को एक बार फिर पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा.

Last Updated : Dec 17, 2021, 5:32 PM IST
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