रांची: राज्य के कॉलेजों में अब साधारण स्टूडेंट के लिए बीएड करना आसान नहीं है. अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में बीएड और टीचर ट्रेनिंग के लिए फीस के तौर पर मोटी रकम वसूली जा रही है. इससे राज्य के विद्यार्थी अन्य राज्यों के कॉलेज से बीएड करने को मजबूर हैं. झारखंड में बीएड फी स्ट्रक्चर काफी हाई होने के कारण कॉलेजों में सीटें रिक्त भी रह रही है.
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झारखंड में बीएड फी स्ट्रक्चर
राज्य के विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कॉलेजों में भी बीएड की फी स्ट्रक्चर काफी हाई है. पहले जहां बीएड करने के लिए स्टूडेंट को सरकारी कॉलेजों में लगभग 40 हजार ही खर्च करने पड़ते थे. वह अब बढ़कर लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये हो गए है. ऐसे में स्टूडेंट्स को अब बीएड करने के लिए दोगुनी से ज्यादा फीस भरनी पड़ रही है. जो हर विद्यार्थियों के लिए संभव नहीं है. राज्य के अलग-अलग कॉलेजों के अलग-अलग फीस स्ट्रक्चर है. एकरूपता नहीं होने से विद्यार्थियों को और परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. जिसमें 94 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की फीस सरकारी बीएड कॉलेजों में हो गई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. दूसरे राज्यों में 40 से 50 हजार में बीएड की पढ़ाई और कोर्स कंप्लीट करवाई जा रही है.
मामले को लेकर रांची विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य अटल कुमार पांडे ने सवाल खड़ा किया है. इनकी मानें तो राज्य के सरकारी कॉलेज हो या फिर प्राइवेट कॉलेज वह विद्यार्थियों को लूटने का काम कर रही है और इस दिशा में कोई पहल सरकार की ओर से नहीं की जा रही है. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मनमाने तरीके से बीएड कॉलेजों को छूट दे रखी है और तो और राजभवन भी मामले को लेकर मौन है. इस मामले को जोर-शोर से उठाया जाएगा. राजभवन को एक बार फिर पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा.