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15.27 लाख से अधिक किसान नहीं उठा पाएंगे पीएम-किसान योजना का लाभ, भुगतान पर रोक

झारखंड में 15.27 लाख से अधिक किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना (Ban on payment of PM Kisan fund) का लाभ नहीं उठा पाएंगे. सरकार ने इनके भुगतान पर रोक लगा दी है.

Ban on payment of PM Kisan fund of 15 lakh farmers in Jharkhand
Ban on payment of PM Kisan fund
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Published : Oct 20, 2022, 10:06 PM IST

रांची: पीएम किसान सम्मान निधि योजना (Ban on payment of PM Kisan fund) के तहत झारखंड में 15.27 लाख से अधिक लोगों के लिए वित्तीय लाभ बंद कर दिया गया है. क्योंकि वे आवश्यक दस्तावेज प्रदान करने में विफल रहे. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने झारखंड समेत सभी राज्यों के लाभार्थियों से रिपोर्ट मांगी है.

ये भी पढ़ें- पीएम किसान सम्मान निधि में झारखंड के 11 लाख से भी ज्यादा लोगों ने किया फर्जीवाड़ा, वसूली जाएगी राशि

सरकार उन लोगों की भी पहचान कर रही है, जिन्होंने योजना के तहत धोखाधड़ी से लाभ लिया. ऐसे लोगों को भुगतान की गई राशि सरकार द्वारा वसूल की जाएगी. झारखंड में, 15.27 लाख लाभार्थी, जिन्होंने या तो जमीन के दस्तावेज जमा नहीं किए हैं या केवाईसी को अपडेट नहीं किया है, सरकार के रडार पर हैं. इन 15.27 लाख लाभार्थियों में से 11.2 लाख लोगों ने जमीन के दस्तावेज जमा नहीं किए हैं, जबकि 4.07 लाख किसानों ने केवाईसी अपडेट नहीं किया है.

मई 2019 में, राज्य में 30.97 लाख से अधिक किसानों ने योजना के तहत पंजीकरण कराया था. उन्हें भी चार से छह किश्तों तक आर्थिक लाभ का भुगतान किया है, लेकिन अब सरकार ने 15.27 लाख लोगों को वित्तीय सहायता भेजना बंद कर दिया है क्योंकि वे आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं.

राज्य में अधिकांश ऐसे लाभार्थी, जिन्होंने बिना भूमि दस्तावेज जमा किए लाभ लिया, वे देवघर के हैं, जहां 61,442 किसानों ने दस्तावेज जमा नहीं किया है. इसी तरह, पलामू (36,536), गोड्डा (32662), चतरा (29551), गिरिडीह (27215), हजारीबाग (25574) और रांची (21973) में ऐसे किसान हैं. शेष जिलों में भी बड़ी संख्या में लोग बिना उचित दस्तावेजों के लाभ ले रहे थे.

कई जिलों में प्रशासन ने गलत तरीके से लाभ लेने वालों को नोटिस जारी किया है. हालांकि, जो किसान अपना केवाईसी अपडेट करवाएंगे, उन्हें वित्तीय लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. मार्च तक देशभर में पीएम-किसान योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों को 4,350 करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर किए जा चुके हैं. ऐसे लाभार्थियों से 296.67 करोड़ रुपये वसूल किए गए. योजना के तहत प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 2,000 रुपये की तीन चार मासिक किस्तों में स्थानांतरित की जाती है.

रांची: पीएम किसान सम्मान निधि योजना (Ban on payment of PM Kisan fund) के तहत झारखंड में 15.27 लाख से अधिक लोगों के लिए वित्तीय लाभ बंद कर दिया गया है. क्योंकि वे आवश्यक दस्तावेज प्रदान करने में विफल रहे. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने झारखंड समेत सभी राज्यों के लाभार्थियों से रिपोर्ट मांगी है.

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सरकार उन लोगों की भी पहचान कर रही है, जिन्होंने योजना के तहत धोखाधड़ी से लाभ लिया. ऐसे लोगों को भुगतान की गई राशि सरकार द्वारा वसूल की जाएगी. झारखंड में, 15.27 लाख लाभार्थी, जिन्होंने या तो जमीन के दस्तावेज जमा नहीं किए हैं या केवाईसी को अपडेट नहीं किया है, सरकार के रडार पर हैं. इन 15.27 लाख लाभार्थियों में से 11.2 लाख लोगों ने जमीन के दस्तावेज जमा नहीं किए हैं, जबकि 4.07 लाख किसानों ने केवाईसी अपडेट नहीं किया है.

मई 2019 में, राज्य में 30.97 लाख से अधिक किसानों ने योजना के तहत पंजीकरण कराया था. उन्हें भी चार से छह किश्तों तक आर्थिक लाभ का भुगतान किया है, लेकिन अब सरकार ने 15.27 लाख लोगों को वित्तीय सहायता भेजना बंद कर दिया है क्योंकि वे आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं.

राज्य में अधिकांश ऐसे लाभार्थी, जिन्होंने बिना भूमि दस्तावेज जमा किए लाभ लिया, वे देवघर के हैं, जहां 61,442 किसानों ने दस्तावेज जमा नहीं किया है. इसी तरह, पलामू (36,536), गोड्डा (32662), चतरा (29551), गिरिडीह (27215), हजारीबाग (25574) और रांची (21973) में ऐसे किसान हैं. शेष जिलों में भी बड़ी संख्या में लोग बिना उचित दस्तावेजों के लाभ ले रहे थे.

कई जिलों में प्रशासन ने गलत तरीके से लाभ लेने वालों को नोटिस जारी किया है. हालांकि, जो किसान अपना केवाईसी अपडेट करवाएंगे, उन्हें वित्तीय लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. मार्च तक देशभर में पीएम-किसान योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों को 4,350 करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर किए जा चुके हैं. ऐसे लाभार्थियों से 296.67 करोड़ रुपये वसूल किए गए. योजना के तहत प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 2,000 रुपये की तीन चार मासिक किस्तों में स्थानांतरित की जाती है.

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