रांची/नई दिल्लीः मनरेगा घोटाला और मनी लांड्रिंग मामले में निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की मुश्किलें बरकरार हैं. उन्हें जमानत के लिए अभी और इंतजार करना होगा. आज पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एस.के. कौल और न्यायाधीश एस. धूलिया की अदालत में सुनवाई हुई. पूजा सिंघल की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने जमानत देने का आग्रह किया. इसपर इडी की ओर से एएसजी एस. वी. राजू ने आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा कि पूजा सिंघल से जुड़े मामले में गवाही की प्रक्रिया चल रही है. उनको जमानत मिलने पर प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है.
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इसपर अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि आखिर कब तक गवाही की प्रक्रिया पूरी होगी. कब तक इडी एक ही दलील देती रहेगी. इसका हवाला देते हुए उन्होंने आग्रह किया कि पूजा सिंघल को जमानत दी जानी चाहिए. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 1 दिसंबर तय कर दी है. उस दिन विस्तार से सुनवाई होगी.
पूजा सिंघल के अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि इडी जानबूझकर मामले को टाल रही है. उनकी क्लाइंट लंबे समय से न्यायिक हिरासत में है. उनकी तबीयत भी नासाज है. अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि उनका पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने इडी को निर्देश दिया है कि 5 दिसंबर तक रेलिवेंट गवाहों की गवाही प्रक्रिया पूरी करें. इसके बाद कोर्ट ने 1 दिसंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी है. उन्होंने बताया कि बीच के दिनों में छुट्टियां हैं इसकी वजह से 1 दिसंबर की तारीख पड़ी है.
आपको बता दें कि खूंटी में डीसी के पद पर रहते हुए मनरेगा घोटाला और मनी लांड्रिंग मामले में इडी ने 6 मई 2022 को पूजा सिंघल के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. उसी दिन उनके सीए सुमन के घर से 19 करोड़ से ज्यादा रु. नकद बरामद हुए थे. इस मामले में इडी ने 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया था. उस समय से पूजा सिंघल न्यायिक हिरासत में हैं. इस बीच बेटी के इलाज के नाम पर उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी. इसकी अवधि पूरी होने पर पूजा सिंघल ने 12 अप्रैल 2023 को पीएमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. अब वह रेगुलर बेल के लिए कोशिश कर रही हैं. फिलहाल पूजा सिंघल रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत हैं.