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अग्रवाल बंधु हत्याकांडः मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी को अदालत से बड़ा झटका, जमानत याचिका खारिज

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Published : Mar 17, 2021, 8:43 PM IST

अग्रवाल बंधु हत्याकांड मामले के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी को सिविल कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट ने चौधरी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

सिविल कोर्ट
सिविल कोर्ट

रांचीः अग्रवाल बंधु हत्याकांड मामले के मुख्य आरोपित लोकेश चौधरी को रांची सिविल कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. जमानत याचिका खारिज होने के बाद लोकेश चौधरी के अधिवक्ता अनंत विज ने कहा राहत के लिए हाई कोर्ट से वे गुहार लगाएंगे.

यह भी पढ़ेंः 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में हुई सुनवाई, आरके आनंद ने खुद को बताया निर्दोष

अग्रवाल बंधुओं की हत्या में शामिल 5 में से तीन लोग फिलहाल जेल में हैं. हत्या के 2 दिन बाद मुख्य आरोपी के ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद बॉडीगार्ड सुनील सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया था,

जबकि एक अन्य बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर किया था. दोनों बॉडीगार्ड ने इस मामले में खुलासा किया था कि पैसे को लेकर दोनों भाइयों की हत्या लोकेश चौधरी और मुख्य आरोपी के सहयोगी एमके सिंह ने की थी.

6 मार्च 2019 को हुई थी हत्या

6 मार्च 2019 की शाम को करीब 4:00 बजे दोनों सगे भाई महेश अग्रवाल और उसके छोटे भाई हेमंत अग्रवाल अपने घर से निकलकर निजी न्यूज चैनल के मालिक लोकेश चौधरी के पास अपने 5 लाख रुपये बकाया की मांग करने गए थे, लेकिन देर रात तक जब दोनों भाई अपने घर वापस नहीं लौटे तो घरवालों ने ही लालपुर थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में तैयार अफीम की तस्करी शुरू, नेपाल समेत देश के कई राज्यों से जुड़े तार

पुलिस को घरवालों से दोनों भाइयों का नंबर मिला था. जब तफ्तीश शुरू हुई तो महेंद्र अग्रवाल के मोबाइल की अंतिम लोकेशन और हेमंत अग्रवाल के मोबाइल के अंतिम लोकेशन अशोक नगर में मिली, जिसके बाद पुलिस ने इलाके में छानबीन की.

पैसे के लेनदेन में हत्या

दोनों अग्रवाल बंधु पवन एयर कार्गो के मालिक थे. मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी के साथ इन लोगों की पहले से पैसे का लेनदेन था. अग्रवाल बंधुओं के मर्डर की मिस्ट्री को सुलझाने को लेकर एसआईटी टीम का गठन किया गया. एसआईटी टीम ने बिहार, बंगाल और यूपी के कई जगहों पर छापेमारी की, लेकिन दोनों आरोपी पुलिस के गिरफ्त ने नहीं आए.

यह भी पढ़ेंः जामताड़ा में एक बुजुर्ग की मौत बना रहस्य, मौत से 4 घंटे पहले लगाई गई थी कोरोना वैक्सीन

राजधानी रांची के पॉश इलाका अशोक नगर के रोड नंबर 1 में मकान संख्या 199/c के कमरे में 6 मार्च 2019 की शाम दो सगे भाई हेमंत और महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप निजी न्यूज चैनल के फ्रेंचाइजी लोकेश चौधरी पर था, जो घटना के बाद से ही फरार हो गया. मृतक दोनों भाई अपने व्यवसाय के साथ-साथ सूद पर पैसे लगाने का काम करते थे.

आरोपी की संपत्ति कुर्क

घटना के दिन दोनों भाई काले रंग के बैग में लगभग दो करोड़ रुपए रखकर स्कूटी से घर निकले थे. जानकारी के अनुसार उस दिन भी मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी को मोटी रकम देने को लेकर निकले थे, लेकिन पैसे को लेकर कहासुनी हो गई और दोनों भाई की हत्या कर दी गई. घटना के दूसरे दिन 7 मार्च 2019 की सुबह पुलिस जब मृतक के बड़े भाई को लेकर अशोक नगर स्थित निजी चैनल के ऑफिस पहुंचे तो वहां परिसर में एक कंबल से ढकी स्कूटी दिखा, जिसके बाद पुलिस घर का ताला तोड़कर अंदर घुसी.

अंदर जमीन पर दोनों भाइयों का खून से लथपथ शव पड़ा मिला, तब मामले को लेकर पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी. मामले में मुख्य आरोपी पुलिस की दबिश से फरार चल रहा था, जिसके बाद उसकी संपत्ति की कुर्की की गई थी.

मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और उसके सहयोगी एमके सिंह का कहीं भी सुराग नहीं मिला. अग्रवाल बंधु मुख्य रूप से धनबाद बैंक मोर शास्त्री नगर स्थित बालाजी अपार्टमेंट के रहने वाले थे, लेकिन वर्तमान में रांची के लालपुर थाना क्षेत्र शिवम अपार्टमेंट में रहा करते थे.

रांचीः अग्रवाल बंधु हत्याकांड मामले के मुख्य आरोपित लोकेश चौधरी को रांची सिविल कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. जमानत याचिका खारिज होने के बाद लोकेश चौधरी के अधिवक्ता अनंत विज ने कहा राहत के लिए हाई कोर्ट से वे गुहार लगाएंगे.

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अग्रवाल बंधुओं की हत्या में शामिल 5 में से तीन लोग फिलहाल जेल में हैं. हत्या के 2 दिन बाद मुख्य आरोपी के ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद बॉडीगार्ड सुनील सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया था,

जबकि एक अन्य बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर किया था. दोनों बॉडीगार्ड ने इस मामले में खुलासा किया था कि पैसे को लेकर दोनों भाइयों की हत्या लोकेश चौधरी और मुख्य आरोपी के सहयोगी एमके सिंह ने की थी.

6 मार्च 2019 को हुई थी हत्या

6 मार्च 2019 की शाम को करीब 4:00 बजे दोनों सगे भाई महेश अग्रवाल और उसके छोटे भाई हेमंत अग्रवाल अपने घर से निकलकर निजी न्यूज चैनल के मालिक लोकेश चौधरी के पास अपने 5 लाख रुपये बकाया की मांग करने गए थे, लेकिन देर रात तक जब दोनों भाई अपने घर वापस नहीं लौटे तो घरवालों ने ही लालपुर थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था.

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पुलिस को घरवालों से दोनों भाइयों का नंबर मिला था. जब तफ्तीश शुरू हुई तो महेंद्र अग्रवाल के मोबाइल की अंतिम लोकेशन और हेमंत अग्रवाल के मोबाइल के अंतिम लोकेशन अशोक नगर में मिली, जिसके बाद पुलिस ने इलाके में छानबीन की.

पैसे के लेनदेन में हत्या

दोनों अग्रवाल बंधु पवन एयर कार्गो के मालिक थे. मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी के साथ इन लोगों की पहले से पैसे का लेनदेन था. अग्रवाल बंधुओं के मर्डर की मिस्ट्री को सुलझाने को लेकर एसआईटी टीम का गठन किया गया. एसआईटी टीम ने बिहार, बंगाल और यूपी के कई जगहों पर छापेमारी की, लेकिन दोनों आरोपी पुलिस के गिरफ्त ने नहीं आए.

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राजधानी रांची के पॉश इलाका अशोक नगर के रोड नंबर 1 में मकान संख्या 199/c के कमरे में 6 मार्च 2019 की शाम दो सगे भाई हेमंत और महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप निजी न्यूज चैनल के फ्रेंचाइजी लोकेश चौधरी पर था, जो घटना के बाद से ही फरार हो गया. मृतक दोनों भाई अपने व्यवसाय के साथ-साथ सूद पर पैसे लगाने का काम करते थे.

आरोपी की संपत्ति कुर्क

घटना के दिन दोनों भाई काले रंग के बैग में लगभग दो करोड़ रुपए रखकर स्कूटी से घर निकले थे. जानकारी के अनुसार उस दिन भी मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी को मोटी रकम देने को लेकर निकले थे, लेकिन पैसे को लेकर कहासुनी हो गई और दोनों भाई की हत्या कर दी गई. घटना के दूसरे दिन 7 मार्च 2019 की सुबह पुलिस जब मृतक के बड़े भाई को लेकर अशोक नगर स्थित निजी चैनल के ऑफिस पहुंचे तो वहां परिसर में एक कंबल से ढकी स्कूटी दिखा, जिसके बाद पुलिस घर का ताला तोड़कर अंदर घुसी.

अंदर जमीन पर दोनों भाइयों का खून से लथपथ शव पड़ा मिला, तब मामले को लेकर पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी. मामले में मुख्य आरोपी पुलिस की दबिश से फरार चल रहा था, जिसके बाद उसकी संपत्ति की कुर्की की गई थी.

मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और उसके सहयोगी एमके सिंह का कहीं भी सुराग नहीं मिला. अग्रवाल बंधु मुख्य रूप से धनबाद बैंक मोर शास्त्री नगर स्थित बालाजी अपार्टमेंट के रहने वाले थे, लेकिन वर्तमान में रांची के लालपुर थाना क्षेत्र शिवम अपार्टमेंट में रहा करते थे.

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