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ऑनलाइन पठन-पाठन में बच्चों तक नहीं पहुंच रहा है स्टडी मटेरियल, अभिभावक संघ ने दर्ज कराई आपत्ति - रांची में ऑनलाइन पठन-पाठन में बच्चों तक स्टडी मटेरियल नहीं पहुंच रहा है

रांची में सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पठन-पाठन को लेकर राज्य सरकार की ओर से लगातार उपाय किए जा रहे हैं. लेकिन ऑनलाइन पठन-पाठन कारगर साबित नहीं हो रहा है. मामले को लेकर अभिभावक संघ ने आपत्ति दर्ज कराई है. साथ ही इन सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पठन-पाठन को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग भी की गई है.

bad condition of online education in ranchi
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Published : Oct 4, 2020, 1:40 PM IST

रांची: कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण लॉकडाउन के बाद से ही देशभर के स्कूलों में ऑनलाइन पठन पाठन संचालित हो रही है. झारखंड के तमाम निजी स्कूलों के अलावे सरकारी स्कूलों में भी ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है. लेकिन सरकारी स्कूलों के बच्चों को ऑनलाइन मैटेरियल सही तरीके से नहीं पहुंच रहा है. लगातार अभिभावक शिकायत कर रहे हैं. बच्चों की ओर से भी शिकायतें मिल रही हैं. दक्षिणी छोटानागपुर के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक अरविंद विजय बिलुंग ने भी अपने समीक्षात्मक बैठक में तमाम जिलों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार किया है.

देखें पूरी खबर

ऑनलाइन पठन-पाठन में सबसे फिसड्डी जिला रांची

रिपोर्ट के मुताबिक रांची जिला ऑनलाइन पठन-पाठन में सबसे फिसड्डी है. इस जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चों की ओर से ऑनलाइन पठन-पाठन में रुचि नहीं दिखाई जा रही है. वहीं सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं. मामले को लेकर लगातार विभागीय स्तर पर बैठक हो रही है. शिक्षा पदाधिकारी की ओर से चर्चा हो रही है. वहीं संबंधित नोडल ऑफिसर को इस मामले में वैकल्पिक रास्ता अपनाकर ऑनलाइन पठन-पाठन को सुचारू करने के लिए निर्देश भी दिया गया है. लेकिन अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- टाटानगर स्टेशन पर ठहरेंगी अब ये दो ट्रेन, जानें DETAIL

शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों से की अपील

कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री ने भी शिक्षकों से एक वेबिनार के दौरान अपील की थी कि वे अपने टोले में ही विद्यार्थियों को सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए बैठाकर पढ़ाएं. कुछ शिक्षकों ने इस अपील पर अमल किया है, जबकि 80 फीसदी शिक्षकों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. पारा शिक्षकों की ओर से जवाब दिया गया कि वह अपने मोहल्ले और टोलों के 10 बच्चे को पढ़ाएंगे. लेकिन इस दिशा में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

अभिभावक संघ ने किये हैं सवाल खड़े

मामले को लेकर अभिभावक संघ की ओर से सवाल खड़े किए गए हैं. साथ ही शिक्षा विभाग से भी जल्द से जल्द ऑनलाइन पठन-पाठन के अलावा विद्यार्थियों की पठन-पाठन सुचारू रूप से हो इसकी मांग की गई है.

रांची: कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण लॉकडाउन के बाद से ही देशभर के स्कूलों में ऑनलाइन पठन पाठन संचालित हो रही है. झारखंड के तमाम निजी स्कूलों के अलावे सरकारी स्कूलों में भी ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है. लेकिन सरकारी स्कूलों के बच्चों को ऑनलाइन मैटेरियल सही तरीके से नहीं पहुंच रहा है. लगातार अभिभावक शिकायत कर रहे हैं. बच्चों की ओर से भी शिकायतें मिल रही हैं. दक्षिणी छोटानागपुर के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक अरविंद विजय बिलुंग ने भी अपने समीक्षात्मक बैठक में तमाम जिलों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार किया है.

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ऑनलाइन पठन-पाठन में सबसे फिसड्डी जिला रांची

रिपोर्ट के मुताबिक रांची जिला ऑनलाइन पठन-पाठन में सबसे फिसड्डी है. इस जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चों की ओर से ऑनलाइन पठन-पाठन में रुचि नहीं दिखाई जा रही है. वहीं सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं. मामले को लेकर लगातार विभागीय स्तर पर बैठक हो रही है. शिक्षा पदाधिकारी की ओर से चर्चा हो रही है. वहीं संबंधित नोडल ऑफिसर को इस मामले में वैकल्पिक रास्ता अपनाकर ऑनलाइन पठन-पाठन को सुचारू करने के लिए निर्देश भी दिया गया है. लेकिन अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है.

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शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों से की अपील

कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री ने भी शिक्षकों से एक वेबिनार के दौरान अपील की थी कि वे अपने टोले में ही विद्यार्थियों को सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए बैठाकर पढ़ाएं. कुछ शिक्षकों ने इस अपील पर अमल किया है, जबकि 80 फीसदी शिक्षकों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. पारा शिक्षकों की ओर से जवाब दिया गया कि वह अपने मोहल्ले और टोलों के 10 बच्चे को पढ़ाएंगे. लेकिन इस दिशा में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

अभिभावक संघ ने किये हैं सवाल खड़े

मामले को लेकर अभिभावक संघ की ओर से सवाल खड़े किए गए हैं. साथ ही शिक्षा विभाग से भी जल्द से जल्द ऑनलाइन पठन-पाठन के अलावा विद्यार्थियों की पठन-पाठन सुचारू रूप से हो इसकी मांग की गई है.

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