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बाबूलाल मरांडी ने CM को लिखा पत्र, कहा-अविलंब जारी करें पंचायत सचिव परीक्षा की मेरिट लिस्ट

झारखंड विधानसभा में सोमवार को बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने पंचायत सचिव के अभ्यर्थियों से जुड़े मुद्दे को उठाया. उन्होंने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की मेरिट लिस्ट जारी नहीं करने पर सरकार को घेरा है. इसे लेकर बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र भी लिखा है.

Babulal Marandi wrote a letter to CM regarding Panchayat Secretary Examination
Babulal Marandi wrote a letter to CM regarding Panchayat Secretary Examination
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Published : Aug 10, 2020, 5:25 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को पंचायत सचिव के अभ्यर्थियों से जुड़ा मुद्दा उठाया है. उन्होंने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की मेरिट लिस्ट जारी नहीं करने पर सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव परीक्षा का अंतिम मेरिट लिस्ट लटकाए जाने के कारण 3088 अभ्यर्थियों के भविष्य पर संशय के बादल छा गए हैं.

बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पंचायत सचिव परीक्षा की अंतिम मेरिट लिस्ट लटकाए जाने के कारण 3088 अभ्यर्थियों के भविष्य पर अंधकारमय नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि इससे जुड़ी परीक्षा पूरी हो चुकी है साथ ही सफल अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र भी सितंबर 2019 में जांचा जा चुका है. बतौर नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने इस मामले में ठोस आश्वासन दिया था, लेकिन सत्ता प्राप्ति के बाद उनके मायने बदल गए हैं.

सीएम को लिखा पत्र

बाबूलाल मरांडी ने इस बाबत सोमवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि सरकार की लेटलतीफी के कारण आम लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. इस परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों के भविष्य को लटकाकर रखना उचित नहीं है. अब इस मामले में निर्णय लेकर चयन प्रक्रिया को पूरा कर देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अन्य पदों जैसे दरोगा, आईआरबी, रेडियो ऑपरेटर वायरलेस दरोगा आदि का विज्ञापन पंचायत सचिव के बाद निकाला गया और उन सभी पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है. साथ ही वे सब अपना-अपना काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं राजस्व कर्मचारी की भी नियुक्ति हो चुकी है और वे डेढ़ साल से अधिक समय से भी नौकरी कर रहे हैं, जबकि पंचायत सचिव और राजस्व कर्मचारी की नियमावली एक ही बताई जा रही है.

अविलंब लें फैसला

मरांडी ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है. साथ ही बड़ी संख्या में युवाओं का भविष्य इससे जुड़ा हुआ है. इस मामले में देरी उचित नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मेधा सूची का तत्काल प्रकाशन कर करने के लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग को दिशा निर्देश दिया जाए, ताकि युवाओं का भविष्य बर्बाद होने से बच सके.

इसे भी पढ़ें- DCW ने मॉडल टाउन से 13 वर्ष की बच्ची को किया रेस्क्यू, झारखंड से लाई गई थी दिल्ली

साल 2017 में शुरू हुई थी भर्ती

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने साल 2017 में 3088 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था. इसमें 6 तरह की पोस्ट थी. 2 तरह के पोस्ट जिला स्तर और 4 तरह के पोस्ट राज्यस्तर के थे. पंचायत सचिव पद के लिए 50 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थी.

इस वेकेंसी के लिए लिखित परीक्षा 21, 28 जनवरी और 4 फरवरी 2018 को हुई थी. सफल अभ्यर्थियों की स्किल और टाइपिंग टेस्ट 1 से 8 जुलाई 2019 तक हुई. उसके बाद इसमें सफल अभ्यर्थियों का डाक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन 27 से 31 अगस्त और 3 से 7 सितंबर 2019 तक दो पालियों में किया गया.

डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के 11 माह बीत जाने के बाद भी फाइनल मेरिट लिस्ट का प्रकाशन नहीं किया गया है, जो चिंता का विषय है. इससे पहले भी रघुवर सरकार में परीक्षा आयोजित करने में बेवजह देर की थी. अब हेमंत सोरेन की सरकार भी इस पर कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रही है.

रांची: झारखंड विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को पंचायत सचिव के अभ्यर्थियों से जुड़ा मुद्दा उठाया है. उन्होंने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की मेरिट लिस्ट जारी नहीं करने पर सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव परीक्षा का अंतिम मेरिट लिस्ट लटकाए जाने के कारण 3088 अभ्यर्थियों के भविष्य पर संशय के बादल छा गए हैं.

बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पंचायत सचिव परीक्षा की अंतिम मेरिट लिस्ट लटकाए जाने के कारण 3088 अभ्यर्थियों के भविष्य पर अंधकारमय नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि इससे जुड़ी परीक्षा पूरी हो चुकी है साथ ही सफल अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र भी सितंबर 2019 में जांचा जा चुका है. बतौर नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने इस मामले में ठोस आश्वासन दिया था, लेकिन सत्ता प्राप्ति के बाद उनके मायने बदल गए हैं.

सीएम को लिखा पत्र

बाबूलाल मरांडी ने इस बाबत सोमवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि सरकार की लेटलतीफी के कारण आम लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. इस परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों के भविष्य को लटकाकर रखना उचित नहीं है. अब इस मामले में निर्णय लेकर चयन प्रक्रिया को पूरा कर देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अन्य पदों जैसे दरोगा, आईआरबी, रेडियो ऑपरेटर वायरलेस दरोगा आदि का विज्ञापन पंचायत सचिव के बाद निकाला गया और उन सभी पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है. साथ ही वे सब अपना-अपना काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं राजस्व कर्मचारी की भी नियुक्ति हो चुकी है और वे डेढ़ साल से अधिक समय से भी नौकरी कर रहे हैं, जबकि पंचायत सचिव और राजस्व कर्मचारी की नियमावली एक ही बताई जा रही है.

अविलंब लें फैसला

मरांडी ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है. साथ ही बड़ी संख्या में युवाओं का भविष्य इससे जुड़ा हुआ है. इस मामले में देरी उचित नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मेधा सूची का तत्काल प्रकाशन कर करने के लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग को दिशा निर्देश दिया जाए, ताकि युवाओं का भविष्य बर्बाद होने से बच सके.

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साल 2017 में शुरू हुई थी भर्ती

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने साल 2017 में 3088 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था. इसमें 6 तरह की पोस्ट थी. 2 तरह के पोस्ट जिला स्तर और 4 तरह के पोस्ट राज्यस्तर के थे. पंचायत सचिव पद के लिए 50 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थी.

इस वेकेंसी के लिए लिखित परीक्षा 21, 28 जनवरी और 4 फरवरी 2018 को हुई थी. सफल अभ्यर्थियों की स्किल और टाइपिंग टेस्ट 1 से 8 जुलाई 2019 तक हुई. उसके बाद इसमें सफल अभ्यर्थियों का डाक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन 27 से 31 अगस्त और 3 से 7 सितंबर 2019 तक दो पालियों में किया गया.

डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के 11 माह बीत जाने के बाद भी फाइनल मेरिट लिस्ट का प्रकाशन नहीं किया गया है, जो चिंता का विषय है. इससे पहले भी रघुवर सरकार में परीक्षा आयोजित करने में बेवजह देर की थी. अब हेमंत सोरेन की सरकार भी इस पर कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रही है.

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