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बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर बोला हमला, कहा- पंचायत चुनाव रोककर करप्शन का जुगाड़ कर रहे सत्ताधारी दल

रांची में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पंचायत चुनाव को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने अविलंब स्थानीय निकाय का चुनाव, त्रिस्तरीय पंचायत और नगर निगम, नगर पंचायत चुनाव कराए जाने की मांग की है. इसके अलावा भी कई मामलों को लेकर उन्होंने हेमंत सरकार को घेरा है.

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बाबूलाल मरांडी
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Published : Dec 10, 2020, 7:47 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 8:56 PM IST

रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को पंचायत चुनाव को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने अविलंब स्थानीय निकाय का चुनाव, त्रिस्तरीय पंचायत और नगर निगम, नगर पंचायत चुनाव कराए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा है इसके साथ अन्य समस्याओं को लेकर प्रखंड मुख्यालयों में 16 दिसंबर को धरना दिया जाएगा.

बाबूलाल मरांडी की पीसी

सरकार की मंशा पर सवाल
बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पांच मुख्य मुद्दों को रखते हुए पार्टी की मांगों को रखा है. उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों मे विधानसभा चुनाव हो गए, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान में भी सफलतापूर्वक स्थानीय निकाय के चुनाव हुए, अमेरिका जो कोरोना से ज्यादा प्रभावित रहा है, वहां भी चुनाव हुए, झारखंड में भी दो उपचुनाव हुए, लेकिन हेमंत सरकार राज्य के स्थानीय निकाय के चुनाव, पंचायत चुनाव को रोकने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार सरकारी कर्मियों के माध्यम से करप्शन और लूट का जुगाड़ कर रही है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव नहीं होने से केंद्र सरकार के ओर से गांव के विकास के लिए मिलने वाले पैसे रुक जाएंगे, प्रदेश के गांव केंद्रीय सहायता से वंचित हो जाएंगे, इस सरकार की मंशा ठीक नहीं है.



पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तो ऐसे ही विकास कार्य ठप हैं और फिर पंचायत के पैसे रुकने से गांव में बेरोजगारी और बढ़ेगी, मनरेगा से होने वाले कार्य प्रभावित होंगे, बड़ी संख्या में ग्रामीणों का पलायन हुआ है, पंचायत चुनाव नहीं होने से बचे खुचे लोग भी रोजगार की तलाश में गांव से पलायन को मजबूर होंगे, इससे राज्य में अराजकता की स्थिति उत्पन्न होगी.

धान खरीद पर हेमंत सरकार पर निशाना

वहीं धान खरीद की रोक को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देश के किसानों के साथ खड़े हैं, लेकिन राज्य के किसानों के साथ खड़े नहीं हैं, आज सभी जिलों में धान की खरीद कच्चा धान के नाम पर रोक दी गई है, जिससे राज्य के किसान परेशान हैं, जबकि पूर्व में प्रति क्विंटल 15 किलो घटाकर कच्चा धान की खरीदी होती रही है. उन्होंने कहा कि एमएसपी पर हल्ला मचाने वाली सरकार धान की एमएसपी से किसानों को वंचित कर रही है, किसान मजबूरन हजार रुपए क्विंटल से भी कम कीमत पर धान बिचौलियों से बेच रहे हैं.


इसे भी पढे़ं: NIA की झारखंड में मानव तस्करी पर बड़ी कार्रवाई, आठ तस्कर गिरफ्तार, 25 लड़कियों को किया रेस्क्यू

लोगों को मुफ्त बालू देने की मांग
बालू घाट की नीलामी पर उन्होंने कहा कि लोगों को स्थानीय निर्माण के लिए भी बालू नहीं मिल रहा है, पूरे प्रदेश के बालू घाटों से बालू की अवैध तस्करी हो रही, झारखंड में 472 बालू घाट है, लेकिन मात्र 25 घाटों की ही नीलामी हुई है, राज्य के लोग महंगे कीमत पर बालू खरीद रहे हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि स्थानीय उपयोग के लिए बालू को मुफ्त करें, साथ ही राज्य की सीमाओं पर चेक पोस्ट बनाकर तस्करी रोकें. उन्होंने कहा कि बालू की लूट में कांग्रेस, झामुमो के लोग शामिल हैं, मुख्यमंत्री के इशारे पर बालू की लूट हो रही, एक साल में एक हजार करोड़ से ऊपर का अवैध बालू का कारोबार हुआ है, सरकार फंड का रोना रो रही है, अगर नीलामी होती तो खजाना भरा जा सकता था.

16 दिसंबर को बीजेपी का धरना
वहीं राज्य की विधि व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य में उग्रवादी गतिविधियां बढ़ी हैं, उग्रवादी बच्चों को भर्ती कर रहे हैं, साथ ही प्रखंड, अंचल, थाना भ्रष्टाचार और लूट का केंद्र बन चुका है, आम आदमी का सरोकार इन संस्थाओं से ही होता है, लेकिन यहां लूट की खुली छूट हो गई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर रोक लगाते हुए पंचायत और स्थानीय निकाय के चुनाव कराने की घोषणा करे. उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता इसे लेकर पूरे प्रदेश के प्रखंडों में 16 दिसंबर को धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को जगाएंगे, अगर सरकार ने आवश्यक कदम नहीं उठाए तो पार्टी एक सशक्त विपक्ष के नाते आंदोलन को और तेज करेगी.

रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को पंचायत चुनाव को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने अविलंब स्थानीय निकाय का चुनाव, त्रिस्तरीय पंचायत और नगर निगम, नगर पंचायत चुनाव कराए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा है इसके साथ अन्य समस्याओं को लेकर प्रखंड मुख्यालयों में 16 दिसंबर को धरना दिया जाएगा.

बाबूलाल मरांडी की पीसी

सरकार की मंशा पर सवाल
बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पांच मुख्य मुद्दों को रखते हुए पार्टी की मांगों को रखा है. उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों मे विधानसभा चुनाव हो गए, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान में भी सफलतापूर्वक स्थानीय निकाय के चुनाव हुए, अमेरिका जो कोरोना से ज्यादा प्रभावित रहा है, वहां भी चुनाव हुए, झारखंड में भी दो उपचुनाव हुए, लेकिन हेमंत सरकार राज्य के स्थानीय निकाय के चुनाव, पंचायत चुनाव को रोकने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार सरकारी कर्मियों के माध्यम से करप्शन और लूट का जुगाड़ कर रही है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव नहीं होने से केंद्र सरकार के ओर से गांव के विकास के लिए मिलने वाले पैसे रुक जाएंगे, प्रदेश के गांव केंद्रीय सहायता से वंचित हो जाएंगे, इस सरकार की मंशा ठीक नहीं है.



पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तो ऐसे ही विकास कार्य ठप हैं और फिर पंचायत के पैसे रुकने से गांव में बेरोजगारी और बढ़ेगी, मनरेगा से होने वाले कार्य प्रभावित होंगे, बड़ी संख्या में ग्रामीणों का पलायन हुआ है, पंचायत चुनाव नहीं होने से बचे खुचे लोग भी रोजगार की तलाश में गांव से पलायन को मजबूर होंगे, इससे राज्य में अराजकता की स्थिति उत्पन्न होगी.

धान खरीद पर हेमंत सरकार पर निशाना

वहीं धान खरीद की रोक को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देश के किसानों के साथ खड़े हैं, लेकिन राज्य के किसानों के साथ खड़े नहीं हैं, आज सभी जिलों में धान की खरीद कच्चा धान के नाम पर रोक दी गई है, जिससे राज्य के किसान परेशान हैं, जबकि पूर्व में प्रति क्विंटल 15 किलो घटाकर कच्चा धान की खरीदी होती रही है. उन्होंने कहा कि एमएसपी पर हल्ला मचाने वाली सरकार धान की एमएसपी से किसानों को वंचित कर रही है, किसान मजबूरन हजार रुपए क्विंटल से भी कम कीमत पर धान बिचौलियों से बेच रहे हैं.


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लोगों को मुफ्त बालू देने की मांग
बालू घाट की नीलामी पर उन्होंने कहा कि लोगों को स्थानीय निर्माण के लिए भी बालू नहीं मिल रहा है, पूरे प्रदेश के बालू घाटों से बालू की अवैध तस्करी हो रही, झारखंड में 472 बालू घाट है, लेकिन मात्र 25 घाटों की ही नीलामी हुई है, राज्य के लोग महंगे कीमत पर बालू खरीद रहे हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि स्थानीय उपयोग के लिए बालू को मुफ्त करें, साथ ही राज्य की सीमाओं पर चेक पोस्ट बनाकर तस्करी रोकें. उन्होंने कहा कि बालू की लूट में कांग्रेस, झामुमो के लोग शामिल हैं, मुख्यमंत्री के इशारे पर बालू की लूट हो रही, एक साल में एक हजार करोड़ से ऊपर का अवैध बालू का कारोबार हुआ है, सरकार फंड का रोना रो रही है, अगर नीलामी होती तो खजाना भरा जा सकता था.

16 दिसंबर को बीजेपी का धरना
वहीं राज्य की विधि व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य में उग्रवादी गतिविधियां बढ़ी हैं, उग्रवादी बच्चों को भर्ती कर रहे हैं, साथ ही प्रखंड, अंचल, थाना भ्रष्टाचार और लूट का केंद्र बन चुका है, आम आदमी का सरोकार इन संस्थाओं से ही होता है, लेकिन यहां लूट की खुली छूट हो गई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर रोक लगाते हुए पंचायत और स्थानीय निकाय के चुनाव कराने की घोषणा करे. उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता इसे लेकर पूरे प्रदेश के प्रखंडों में 16 दिसंबर को धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को जगाएंगे, अगर सरकार ने आवश्यक कदम नहीं उठाए तो पार्टी एक सशक्त विपक्ष के नाते आंदोलन को और तेज करेगी.

Last Updated : Dec 10, 2020, 8:56 PM IST
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