रांची: भाजपा विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि जेल में हैं और सलाहकार इडी दफ्तर आ जा रहे हैं. ऐसे में राज्य में जो हालात बने हैं उसके लिए हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. भाजपा प्रदेश कार्यालय में अपने पार्टी के विधायकों की मौजूदगी में आयोजित प्रेसवार्ता में बाबूलाल मरांडी ने मानसून सत्र समय से पहले समाप्त होने के लिए बीजेपी पर लग रहे आरोप पर सफाई दे रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक सदन में भ्रष्टाचार, अकाल सुखाड़, युवाओं के रोजगार, विधि व्यवस्था, दारोगा की हत्या, गो तस्करी, तुष्टिकरण, शिक्षा के इस्लामीकरण, उर्दू विद्यालय के नाम पर तुष्टिकरण, खनिज संसाधनों की लूट, बालू की लूट जैसे सभी जनमुद्दों पर सरकार से जवाब चाहती थी लेकिन सरकार इन मुद्दों का सामना करने के बजाय भागती रही. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार विपक्ष की नहीं सत्तापक्ष के विधायकों के सवाल का जवाब नहीं दे पा रही थी. सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी लगातार सरकार को कटघरे में खड़ा किया. जनता के सवालों से सरकार पूरी तरह डर गई है.
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भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन की सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने राज्य सरकार पर झारखंड का इस्लामीकरण करने का आरोप लगाया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य के सामान्य स्कूलों को जिस तरह उर्दू स्कूल बनाया जा रहा है. इससे सामाजिक तानाबाना टूट रही है. इसके अलावा झारखंड में हो रहे गौ तस्करी (cow smuggling in Jharkhand) पर भी उन्होंने चिंता जताई. इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया है कि इन सभी गैर कानूनी काम को करने वाले को सरकार संरक्षण दे रही है.
सरकार पर तस्करों को संरक्षण देने का आरोप: बाबूलाल मरांडी ने राज्य में हो रहे गौ तस्करी पर चिंता जताते हुए कहा है कि संथाल के रास्ते बंगाल से झारखंड में बड़े पैमाने पर गौ तस्करी हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे अधिकारी और पुलिस की संलिप्तता से गौ तस्करी होती है. कानून का धत्ता बताते हुए इस तरह के अवैध कारोबार होते हैं. दारोगा संध्या टोपनो की हत्या की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि तुपुदाना की घटना के बाबजूद सरकार सदन में चर्चा से भाग रही है. उन्होंने कहा सरकार ऐसे गौ तस्करों को संरक्षित कर रही है. जब से हेमंत सोरेन की सरकार बनी है तब से ऐसे तत्वों को संरक्षित किया जा रहा है. उन्होंने कहा लोहरदगा की घटना और कोरोना के समय तब्लीगी जमात को विशेष संरक्षण आदि घटना यह प्रमाणित करती है कि सरकार किस तरह इन्हें संरक्षित करती है.
सामान्य स्कूलों के उर्दू स्कूल बनाने पर चिंता: बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिस तरह से सामान्य स्कूलों के आगे उर्दू शब्द लगाए जा रहे हैं. हाथ जोड़कर प्रार्थना कराने के सिस्टम को हटाया जा रहा है. रविवार की जगह शुक्रवार को स्कूल बंद कराए जा रहे हैं. इन सब घटनाओं के सामने आने के बाद भी सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इससे सरकार की मंशा साफ दिखाई देती है.
भाजपा के चार विधायकों का निलंबन असंवैधानिक रहा-बाबूलाल: भाजपा के चार विधायकों के निलंबन को बाबूलाल ने असंवैधसनिक बताया. उन्होंने कहा कि निलंबित किये गए विधायकों में एक सदस्य सदन में उपस्थित भी नही थे. उन्होंने कहा कि आज तो हद हो गई. विधानसभा अध्यक्ष ने पहले सदन को कुछ समय के लिए स्थगित किया और बाद में बिना कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाये मनमाने ढंग से अचानक सदन को एक दिन पूर्व ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. सरकार के संसदीय कार्यमंत्री को बताना चाहिये था कि अब सरकार के पास कोई बिजनेस नहीं बचा जबकि सदन के कई विधायी कार्य अभी इस सत्रावधि के लिए पेंडिंग थे. उन्होंने कहा कि जिस बात का हवाला देकर अध्यक्ष ने सत्र स्थगित किया वह भी लोकतांत्रिक प्रणाली में हास्यास्पद है.
विधानसभा स्पीकर पर पक्षपात करने का आरोप: बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हमारी पार्टी चाहती है कि सदन में इस तरह के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा हो लेकिन, स्पीकर सरकार के इशारे पर इस पर चर्चा नहीं करा रहे हैं. उन्होंने सदन के अंदर इस तरह के गंभीर मुद्दों पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग पर राज्य सरकार द्वारा नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए जमकर उनकी आलोचना की. बाबूलाल मरांडी ने देवघर डीसी के वायरल ऑडियो पर कहा कि एक बिहार के कांवड़िया पथ में बिछे बालू पर सवाल पूछ रहे थे तो उसपर डीसी ने अटपटा जवाब दिया. यह प्रमाणित करता है कि राज्य के अधिकारियों का मनोबल कितना बढ़ा हुआ है.