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विदेश यात्रा से लौटे बाबूलाल मरांडी, बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर दिया गोलमोल जवाब

झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी आठ दिनों के विदेश यात्रा से वापस रांची लौट चुके हैं. बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर गोलमोल जवाब देते हुए सस्पेंस बरकरार रखा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी में जाने और पार्टी के विलय की बातें लगातार होती रहती है, लेकिन इसमें फिलहाल कुछ नहीं बोलना है.

विदेश यात्रा से लौटे बाबूलाल मरांडी, बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर दिया गोलमोल जवाब
बाबूलाल मरांडी
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Published : Jan 16, 2020, 2:51 PM IST

रांचीः आठ दिनों के विदेश यात्रा से लौटने के बाद झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर गोलमोल जवाब देते हुए सस्पेंस बरकरार रखा है. गुरुवार को उन्होंने जेवीएम कार्यालय में कहा कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 1 महीने बीतने वाले हैं और अभी तक उन्होंने क्षेत्र की जनता को धन्यवाद नहीं दिया है, इसलिए वह अपने विधानसभा क्षेत्र राजधनवार जाएंगे और मतदाताओं को धन्यवाद देंगे.

देखें पूरी खबर

बीजेपी में शामिल होने की कोई जानकारी नहीं

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बीजेपी में जाने और पार्टी के विलय की बातें लगातार होती रहती है, लेकिन इसमें फिलहाल कुछ नहीं बोलना है. उन्होंने कहा कि बीजेपी में उनके शामिल होने की जानकारी उन्हें भी नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और अन्य राजनीतिक दल उन्हें अपने पार्टी में शामिल करना चाहती है, जिसकी बातें हमेशा होती रहती हैं. लेकिन जब कुछ करना होगा तो वह जरूर सबको बताएंगे. उन्होंने कहा कि यह बहुत सस्पेंस का मामला नहीं है, क्योंकि वह बिल्कुल अपनी रफ्तार में चलते और काम करते हैं.

और पढ़ें- हमर झारखंड: देखा आपन भाषा में 15 जनवरी कर खबर

राजधनवार की जनता को करना है धन्यवाद

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक उनकी किसी से कोई बात नहीं हुई है और फिर से दोहराते हुए कहा कि फिलहाल राजधनवार की जनता से मिलने की कार्य योजना ही अभी तक है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह निर्लिप्त भाव से काम करते आए हैं. ऐसे में अपनी पार्टी में शामिल करने का प्रयास करते हैं और प्रयास करना बुरी बात नहीं है. साथ नई कार्यसमिति को लेकर कहा कि इसके लिए सभी से राय विचार किया जा रहा है. वहीं लगातार बीजेपी में जाने से पहले क्या बाबूलाल मरांडी इस्तीफा देते हैं या नहीं इसकी भी चर्चा चल रही है. इस सवाल पर उन्होंने गोल मटोल जवाब देते हुए कहा कि आध्यात्मिक लोग कहते हैं कि अपने आप को जाने जो बहुत कठिन काम है और मनुष्य का मन चंचल होता है. मनुष्य का मन सोचता और चलता रहता है. ऐसे में हम अपने आप को नहीं रोक सकते हैं. इसमें चिंता करने की जरूरत नहीं है, लोग क्या बोलते हैं.

सरकार पर कोई दबाव नहीं बना सकते

जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन के स्थानीय नीति को 1932 के खतियान के आधार पर परिभाषित करने के बयान के मामले पर बाबूलाल ने कहा कि यह सरकार को देखना चाहिए. अभी सरकार पर वह कोई दबाव नहीं बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को काम करना चाहिए बोलना नहीं चाहिए. सरकार को कैबिनेट में निर्णय लेना चाहिए, तब बात बाहर आनी चाहिए तब अच्छा होगा.

रांचीः आठ दिनों के विदेश यात्रा से लौटने के बाद झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर गोलमोल जवाब देते हुए सस्पेंस बरकरार रखा है. गुरुवार को उन्होंने जेवीएम कार्यालय में कहा कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 1 महीने बीतने वाले हैं और अभी तक उन्होंने क्षेत्र की जनता को धन्यवाद नहीं दिया है, इसलिए वह अपने विधानसभा क्षेत्र राजधनवार जाएंगे और मतदाताओं को धन्यवाद देंगे.

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बीजेपी में शामिल होने की कोई जानकारी नहीं

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बीजेपी में जाने और पार्टी के विलय की बातें लगातार होती रहती है, लेकिन इसमें फिलहाल कुछ नहीं बोलना है. उन्होंने कहा कि बीजेपी में उनके शामिल होने की जानकारी उन्हें भी नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और अन्य राजनीतिक दल उन्हें अपने पार्टी में शामिल करना चाहती है, जिसकी बातें हमेशा होती रहती हैं. लेकिन जब कुछ करना होगा तो वह जरूर सबको बताएंगे. उन्होंने कहा कि यह बहुत सस्पेंस का मामला नहीं है, क्योंकि वह बिल्कुल अपनी रफ्तार में चलते और काम करते हैं.

और पढ़ें- हमर झारखंड: देखा आपन भाषा में 15 जनवरी कर खबर

राजधनवार की जनता को करना है धन्यवाद

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक उनकी किसी से कोई बात नहीं हुई है और फिर से दोहराते हुए कहा कि फिलहाल राजधनवार की जनता से मिलने की कार्य योजना ही अभी तक है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह निर्लिप्त भाव से काम करते आए हैं. ऐसे में अपनी पार्टी में शामिल करने का प्रयास करते हैं और प्रयास करना बुरी बात नहीं है. साथ नई कार्यसमिति को लेकर कहा कि इसके लिए सभी से राय विचार किया जा रहा है. वहीं लगातार बीजेपी में जाने से पहले क्या बाबूलाल मरांडी इस्तीफा देते हैं या नहीं इसकी भी चर्चा चल रही है. इस सवाल पर उन्होंने गोल मटोल जवाब देते हुए कहा कि आध्यात्मिक लोग कहते हैं कि अपने आप को जाने जो बहुत कठिन काम है और मनुष्य का मन चंचल होता है. मनुष्य का मन सोचता और चलता रहता है. ऐसे में हम अपने आप को नहीं रोक सकते हैं. इसमें चिंता करने की जरूरत नहीं है, लोग क्या बोलते हैं.

सरकार पर कोई दबाव नहीं बना सकते

जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन के स्थानीय नीति को 1932 के खतियान के आधार पर परिभाषित करने के बयान के मामले पर बाबूलाल ने कहा कि यह सरकार को देखना चाहिए. अभी सरकार पर वह कोई दबाव नहीं बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को काम करना चाहिए बोलना नहीं चाहिए. सरकार को कैबिनेट में निर्णय लेना चाहिए, तब बात बाहर आनी चाहिए तब अच्छा होगा.

Intro:रांची.8 दिनों के विदेश यात्रा से लौटने के बाद झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर गोलमोल जवाब देते हुए सस्पेंस बरकरार रखा है। गुरुवार को उन्होंने जेवीएम कार्यालय में कहा कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 1 महीने बीतने वाले हैं और अभी तक उन्होंने क्षेत्र की जनता को धन्यवाद नही दिया है। इस लिए वह अपने क्षेत्र राजधनवार जाएंगे और मतदाताओं को धन्यवाद देंगे।


Body:उन्होंने कहा कि बीजेपी में जाने और पार्टी के विलय की बातें लगातार होती रहती है। लेकिन इसमें फिलहाल कुछ नहीं बोलना है। उन्होंने कहा कि बीजेपी में उनके शामिल होने की जानकारी उन्हें भी नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और अन्य राजनीतिक दल उन्हें अपने पार्टी में शामिल करना चाहती है। जिसकी बातें हमेशा होती रहती हैं। लेकिन जब कुछ करना होगा तो वह जरूर सबको बताएंगे। उन्होंने कहा कि यह बहुत सस्पेंस का मामला नहीं है। क्योंकि वह बिल्कुल अपनी रफ्तार में चलते और काम करते हैं।

साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक उनकी किसी से कोई बात नहीं हुई है और फिर से दोहराते हुए कहा कि फिलहाल राजधनवार की जनता से मिलने की कार्य योजना ही अभी तक है। हालांकि उन्होंने कहा कि वह निर्लिप्त भाव से काम करते आए हैं। ऐसे में अपनी पार्टी में शामिल करने का प्रयास करते हैं और प्रयास करना बुरी बात नहीं है। साथ नई कार्यसमिति को लेकर कहा कि इसके लिए सभी से राय विचार किया जा रहा है।

वही लगातार बीजेपी में जाने से पहले क्या बाबूलाल मरांडी इस्तीफा देते हैं या नही इसकी भी चर्चा चल रही है। इस सवाल पर उन्होंने गोल मटोल जवाब देते हुए कहा कि आध्यात्मिक लोग कहते हैं कि अपने आप को जाने जो बहुत कठिन काम है और मनुष्य का मन चंचल होता है। मनुष्य का मन सोचता और चलता रहता है। ऐसे में हम अपने आप को नहीं रोक सकते हैं।इसमें चिंता करने की जरूरत नहीं है। लोग क्या बोलते हैं।


Conclusion:साथ ही जेएमएम सुप्रीमो द्वारा स्थानीय नीति को 1932 के खतियान के आधार पर परिभाषित करने के बयान के मामले पर उन्होंने कहा कि यह सरकार को देखना चाहिए। अभी सरकार पर वह कोई दबाव नहीं बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को काम करना चाहिए बोलना नहीं चाहिए। सरकार को कैबिनेट में निर्णय लेना चाहिए। तब बात बाहर आनी चाहिए। तब अच्छा होगा। अगर हमें लगेगा कि यह अच्छा या बुरा है। तब उस पर कुछ प्रतिक्रिया दी जाएगी। लेकिन अभी तक सरकार ने कुछ किया नहीं है। तो उसमें क्या जवाब दिया जाए।
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