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झारखंड पुलिस का सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी को नोटिस भेजना अपमानजनक: बाबूलाल मरांडी

बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम को झारखंड पुलिस की ओर से भेजा गया नोटिस अपमानजनक है, हेमंत सरकार राजनीतिक विद्वेष से ऐसी कार्रवाई कर रही है.

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बाबूलाल मरांडी
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Published : Dec 6, 2020, 6:28 PM IST

रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम को झारखंड पुलिस के ओर से भेजा गया नोटिस न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि झारखंड की हेमंत सरकार राजनीतिक विद्वेष से ऐसी कार्रवाई कर रही है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड पुलिस की ओर से किसी प्रतिष्ठित महिला के साथ अपमानजनक पत्राचार के लिए मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि 48 घंटे के अंदर अनामिका गौतम को स्वयं उपस्थित होने को कहना, किस प्रकार की भाषा है. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यह नोटिस मुख्यमंत्री की जानकारी में नहीं होगा, लेकिन अगर उनकी जानकारी में है और वे पत्र के मजमून से इत्तेफाक रखते हैं, तो जनता इसका जवाब देगी, मुख्यमंत्री को इसका हिसाब देना होगा और यह लंबे समय तक याद रखा जाएगा.

इसे भी पढे़ं: करिया मुंडा बोले-अलग धर्म कोड के लिए आदिवासियों का एकमत होना जरूरी, प्रदेश सरकार कर रही सिर्फ राजनीति


बीजेपी नेता ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से नेताओं के परिजनों को घसीटना और पुलिस का स्वयं को अदालत मान लेना यह दर्शाता है कि झारखंड में राजनीतिक विरोधियों को पुलिस निशाना बना रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस तरह के कार्य को तुरंत बंद किया जाए, ताकि लोकतंत्र की गरिमा बची रहे, पुलिस से इस तरह का कार्य करवाना राजनीतिक पतन को दर्शाता है.

रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम को झारखंड पुलिस के ओर से भेजा गया नोटिस न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि झारखंड की हेमंत सरकार राजनीतिक विद्वेष से ऐसी कार्रवाई कर रही है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड पुलिस की ओर से किसी प्रतिष्ठित महिला के साथ अपमानजनक पत्राचार के लिए मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि 48 घंटे के अंदर अनामिका गौतम को स्वयं उपस्थित होने को कहना, किस प्रकार की भाषा है. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यह नोटिस मुख्यमंत्री की जानकारी में नहीं होगा, लेकिन अगर उनकी जानकारी में है और वे पत्र के मजमून से इत्तेफाक रखते हैं, तो जनता इसका जवाब देगी, मुख्यमंत्री को इसका हिसाब देना होगा और यह लंबे समय तक याद रखा जाएगा.

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बीजेपी नेता ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से नेताओं के परिजनों को घसीटना और पुलिस का स्वयं को अदालत मान लेना यह दर्शाता है कि झारखंड में राजनीतिक विरोधियों को पुलिस निशाना बना रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस तरह के कार्य को तुरंत बंद किया जाए, ताकि लोकतंत्र की गरिमा बची रहे, पुलिस से इस तरह का कार्य करवाना राजनीतिक पतन को दर्शाता है.

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